अहमदाबाद प्लेन क्रैश में 1000 डिग्री तापमान तक पहुंची आग, 241 की मौत की चौंकाने वाली वजह आई सामने। जानिए पूरा मामला।
उड़ान भरते ही टूट गया था नसीब, 2 मिनट में तबाह हो गई फ्लाइट
12 जून 2025 की दोपहर, जब एयर इंडिया की फ्लाइट AI-171 ने अहमदाबाद एयरपोर्ट से उड़ान भरी, किसी ने नहीं सोचा था कि महज़ 2 मिनट बाद ये उड़ान मौत बनकर लौटेगी। लंदन के लिए रवाना हुए इस बोइंग 787 विमान ने जैसे ही टेकऑफ किया, इसका पिछला हिस्सा शहर के मेघानीनगर इलाके में एक पेड़ से टकरा गया। टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि पूरा विमान आग की लपटों में घिर गया और कुछ ही मिनटों में पूरी फ्लाइट जलकर राख हो गई।
1000 डिग्री तापमान में भस्म हो गए लोग, बचने का कोई मौका नहीं
डिविजनल फायर ऑफिसर स्वास्तिक जडेजा ने जब घटनास्थल पर पहुंचकर जो मंजर देखा, वो रोंगटे खड़े कर देने वाला था। उनके मुताबिक विमान में मौजूद 241 लोग इसलिए नहीं बच सके क्योंकि क्रैश साइट का तापमान 700 से 1000 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया था। इतनी भयानक गर्मी में किसी के बचने की गुंजाइश ही नहीं थी। हवा में घुली केरोसिन की तीव्र ज्वलनशीलता और उसके साथ विमान के ढांचे की आग ने सबकुछ कुछ ही मिनटों में खत्म कर दिया।
1.25 लाख लीटर फ्यूल ने बढ़ाई तबाही
एयर इंडिया के इस इंटरनेशनल फ्लाइट में करीब 1.25 लाख लीटर जेट फ्यूल भरा हुआ था। क्रैश के तुरंत बाद इस फ्यूल ने आग को कई गुना और विकराल बना दिया। इस स्थिति को काबू में करने के लिए अहमदाबाद फायर ब्रिगेड के 91 से अधिक वाहन और 400 से ज्यादा कर्मचारी मौके पर पहुंचे। 35 सीनियर फायर ऑफिसर्स ने राहत और बचाव कार्य की कमान संभाली। लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। अंदर फंसे यात्रियों के पास न भागने का रास्ता था, न बचने का मौका।
ब्लैक बॉक्स खोलेगा मौत की गुत्थी, 15 दिन लग सकते हैं सच्चाई सामने आने में
घटना के बाद अब जांच एजेंसियों की निगाह ब्लैक बॉक्स यानी फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर और कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर पर है। इसमें पायलट और एटीसी के बीच की बातचीत, विमान की गति, ऊंचाई, पिच, इंजन स्टेटस और बाकी सभी तकनीकी डेटा रिकॉर्ड होते हैं। विशेषज्ञों के मुताबिक इस डेटा का विश्लेषण करने में 10 से 15 दिन तक का समय लग सकता है।
DGCA, NTSB और BEA की संयुक्त टीम करेगी जांच, जल्द आएगी रिपोर्ट
भारत की DGCA, अमेरिका की NTSB और फ्रांस की BEA एजेंसियां मिलकर इस मामले की जांच करेंगी। तीनों एजेंसियां विमान के हर पेंच को खोलेंगी और पता लगाएंगी कि क्या यह टेक्निकल फेलियर था, ह्यूमन एरर था या कुछ और। रिपोर्ट में दुर्घटना का कारण, जिम्मेदार पक्ष और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के उपाय बताए जाएंगे।
मेघानीनगर में मची तबाही, छात्र भी हुए घायल
विमान का मलबा मेघानीनगर के उस हिस्से पर गिरा, जो बीजे मेडिकल कॉलेज के पास का घना रिहायशी इलाका है। वहां कई छात्र घायल हो गए हैं और कई मकानों को भी नुकसान हुआ है। मौके पर मौजूद चश्मदीदों का कहना है कि तेज धमाके के बाद आसमान में धुएं का काला गुबार छा गया और आसपास सबकुछ जलने लगा।
पूरे देश में पसरा मातम, अहमदाबाद हादसे ने छीन लिए 241 परिवारों के सपने
इस दर्दनाक हादसे ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। हादसे में मरने वालों में छात्र, वरिष्ठ नागरिक, एनआरआई, परिवार और बच्चे तक शामिल हैं। लंदन में बसे अपने परिजनों से मिलने निकले यात्रियों की यह आखिरी उड़ान बन गई। कई परिवारों की पीढ़ियों को एकसाथ निगल गया यह हादसा।
अब DNA जांच से होगी शवों की पहचान
अमित शाह ने खुद हादसे के बाद घटनास्थल का दौरा किया और जानकारी दी कि शवों की पहचान के लिए अब DNA जांच कराई जा रही है। 1000 लोगों के सैंपल लिए जाएंगे ताकि जो लोग हादसे में झुलस गए हैं, उनकी पहचान हो सके। बिना पहचान के शवों को परिजनों तक सौंपना मुश्किल है।


0 टिप्पणियाँ
आपका विचार हमारे लिए महत्वपूर्ण है, कृपया अपनी राय नीचे लिखें।