सास ने किया था दामाद संग कांड, अब 80 की उम्र में पहुंची जेल! 17 साल बाद मिला इंसाफ, कोर्ट ने सुनाई उम्रकैद

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UP की 80 साल की सास को 17 साल पहले दामाद को जिंदा जलाने के केस में उम्रकैद की सजा, कोर्ट का फैसला अब आया।


लखीमपुर खीरी की 17 साल पुरानी सनसनीखेज वारदात में अब जाकर कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया है। जिस सास ने अपने ही दामाद को ज़िंदा जलाकर मौत के घाट उतारा था, वह अब 80 साल की हो चुकी है और कोर्ट ने उसे आजीवन कारावास की सजा सुनाकर जेल भेज दिया है। यह मामला सालों तक कानूनी गलियारों में घूमता रहा, लेकिन आखिरकार मृतक अकील अहमद को इंसाफ मिल गया।

घटना उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी जिले की है, जहां ससुरालियों ने दामाद को दहेज और तलाक के नाम पर प्रताड़ित किया और अंत में उसे आग के हवाले कर दिया। अब अदालत ने इस अमानवीय कांड में मुख्य आरोपी सास निसार जहां को दोषी ठहराकर उम्रकैद की सजा सुनाई है।

17 साल पुराना है मामला, पर इंसाफ अब मिला

ये पूरा मामला 6 फरवरी 2008 का है। सीतापुर जिले के रहने वाले अकील अहमद, जो PAC सीतापुर में मुख्य आरक्षी थे, अपनी पत्नी शाहीन के इलाज के सिलसिले में लखीमपुर खीरी पहुंचे थे। पत्नी शाहीन दिसंबर 2007 में आग से झुलस गई थी और उस वक्त से अकील लगातार इलाज और देखभाल में लगे थे।

शाहीन के मायके वालों ने उसे फोन कर लखीमपुर बुलाया और फिर वहीं दहेज और तलाक के नाम पर उस पर दबाव बनाने लगे। जब अकील ने अपने भाई खलील को फोन कर बताया कि उससे तलाक मांगा जा रहा है, तभी उसके कुछ देर बाद ही उसकी बेरहमी से हत्या कर दी गई।

बाथरूम में जला हुआ मिला शव, पुलिस भी रह गई सन्न

जब खलील को सीतापुर कोतवाली से फोन आया कि उसके भाई की मौत हो चुकी है, वह तुरंत लखीमपुर पहुंचा। वहां उसे अकील का जला हुआ शव बाथरूम में क्षतविक्षत अवस्था में मिला। ये मंजर देखकर पुलिस भी सन्न रह गई थी।

हत्या के पीछे था पूरा प्लान, FIR में आठ नामजद

इस दिल दहला देने वाली वारदात में अकील के भाई ने अपने भाई की पत्नी शाहीन, सास निसार जहां, ससुर एहतेशाम, साले असलम, जेबा, नसरीन और जावेद के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था।

17 साल बाद अदालत का बड़ा फैसला

विवेचना के बाद पुलिस ने सास, ससुर, साले और अन्य के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया। सुनवाई के दौरान ससुर एहतेशाम और साला असलम की मौत हो गई। अदालत ने अन्य आरोपियों को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया, लेकिन सास निसार जहां को दोषी ठहराया गया और उम्रकैद की सजा सुनाते हुए जेल भेज दिया गया।

एडीजे देवेन्द्रनाथ सिंह की अदालत ने ये ऐतिहासिक फैसला सुनाया और साथ ही 20 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया। सरकारी वकील संजय सिंह ने बताया कि अभियोजन पक्ष ने कई गवाह और साक्ष्य पेश कर कोर्ट को यह यकीन दिलाया कि सास ही अकील की हत्या की साजिश में मुख्य भूमिका निभा रही थी।

अब 80 की उम्र में काटेगी उम्रकैद

जिस निसार जहां ने 17 साल पहले ये घिनौना अपराध किया था, वो अब 80 साल की हो चुकी है। उम्र का लिहाज किए बिना कोर्ट ने उसे दोषी मानते हुए उम्रकैद की सजा दी है। ये फैसला बताता है कि न्याय भले देर से मिले, लेकिन होता ज़रूर है।

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