कानपुर हेयर ट्रांसप्लांट कांड: बिना टेस्ट किए ऑपरेशन, सूजन से आंखें बंद, डॉक्टर फरार… विनीत की मौत से हड़कंप! जानिए पूरा सच



कानपुर में हेयर ट्रांसप्लांट के बाद युवक विनीत की मौत, बिना एलर्जी टेस्ट के की गई सर्जरी, फर्जी डॉक्टर अनुष्का फरार।



कानपुर में हेयर ट्रांसप्लांट बना मौत का फॉर्मूला: डॉक्टर की लापरवाही ने छीन ली ज़िंदगी, मौत से पहले आंखें तक सूज गईं!

उत्तर प्रदेश के कानपुर से एक दिल दहला देने वाली खबर सामने आई है, जहां हेयर ट्रांसप्लांट कराने गए युवक की जान चली गई। 13 मार्च को रावतपुर स्थित इम्पायर क्लीनिक में हुए इस ट्रांसप्लांट के बाद 35 वर्षीय विनीत दुबे की तबीयत अचानक इतनी बिगड़ी कि उसकी आंखें तक सूजकर बंद हो गईं। परिजन चीखते-चिल्लाते रहे, लेकिन डॉक्टर ने जो लापरवाही की, उसने विनीत की ज़िंदगी ही छीन ली।

अब इस पूरे मामले में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है कि जिस डॉक्टर अनुष्का तिवारी ने ऑपरेशन किया, उसके पास कोई मान्यता प्राप्त मेडिकल डिग्री ही नहीं थी। हादसे के बाद से ही आरोपी डॉक्टर फरार है और पुलिस उसकी सरगर्मी से तलाश कर रही है।

विनीत दुबे: एक होशियार इंजीनियर, जो बन गया लापरवाही का शिकार

मूल रूप से गोरखपुर के शास्त्रीपुरम निवासी विनीत दुबे कानपुर में पनकी पावर हाउस में सहायक अभियंता के पद पर तैनात था। उसने हाल ही में एचबीटीयू (HBTU) से कंप्यूटर साइंस में पीएचडी पूरी की थी और पीएम मोदी के प्रस्तावित कानपुर दौरे के दौरान पावर प्रोजेक्ट का प्रेजेंटेशन देने की जिम्मेदारी भी उसी को मिली थी।

लेकिन उससे पहले ही वह लापरवाही के ऐसे चक्रव्यूह में फंस गया, जहां से बाहर निकलना संभव नहीं हो पाया।

एलर्जी टेस्ट भी नहीं कराया, ऑपरेशन के तुरंत बाद बिगड़ी हालत

परिजनों का आरोप है कि डॉक्टर अनुष्का तिवारी ने न तो कोई एलर्जी टेस्ट कराया और न ही कोई प्री-ऑप मेडिकल चेकअप। ऑपरेशन होते ही विनीत के चेहरे पर भयंकर सूजन आ गई, आंखें तक बंद हो गईं और वह दर्द से कराहने लगा।

डॉक्टर ने पहले इसे मामूली रिएक्शन बताया, लेकिन जैसे ही स्थिति बिगड़ती गई, वह खुद ही विनीत को दो प्राइवेट अस्पतालों में ले गई। लेकिन इस दौरान परिजनों को जानकारी तक नहीं दी गई।

14 मार्च की रात: डॉक्टर ने खुद फोन कर दी बुरी खबर

जब डॉक्टर को एहसास हुआ कि हालात हाथ से निकल गए हैं, तब 14 मार्च की देर रात विनीत की पत्नी जया त्रिपाठी को फोन कर अस्पताल पहुंचने को कहा गया। परिजन जब रिजेंसी अस्पताल पहुंचे, तब जाकर उन्हें विनीत की गंभीर हालत का अंदाजा हुआ।

अगले ही दिन, यानी 15 मार्च को विनीत ने दम तोड़ दिया। इलाज के दौरान ही उसकी हालत और बिगड़ती चली गई और मौत हो गई।

डॉक्टर निकली फर्जी, मेडिकल डिग्री भी संदिग्ध

विनीत के चाचा वेदप्रकाश ने आरोप लगाया कि डॉक्टर बताने वाली अनुष्का तिवारी के पास कोई मेडिकल डिग्री नहीं है। इस जानकारी ने पूरे परिवार को हिला कर रख दिया।

जब इस पूरे मामले की जानकारी पुलिस को दी गई तो उन्होंने भी शुरू में टालमटोल किया और करीब दो महीने बाद एफआईआर दर्ज की गई।

पत्नी और बच्चों का टूटा सहारा, परिवार हुआ बेसहारा

विनीत की पत्नी जया त्रिपाठी और ढाई साल के जुड़वां बच्चों के लिए यह हादसा किसी बर्बादी से कम नहीं। विनीत का जाना न केवल एक पिता और पति का जाना है, बल्कि एक होनहार इंजीनियर और वैज्ञानिक की संभावनाओं का अंत भी है।

पुलिस की सुस्ती, डॉक्टर की फरारी

कानपुर पुलिस ने बताया कि डॉक्टर अनुष्का तिवारी अभी तक फरार है। उसका क्लीनिक बंद है और मोबाइल स्विच ऑफ। पुलिस टीमें उसकी तलाश में संभावित ठिकानों पर दबिश दे रही हैं। लेकिन दो महीने से ज़्यादा बीत जाने के बावजूद अभी तक कोई सुराग नहीं मिला है।

कानूनी पेच में उलझा मामला, परिवार कर रहा इंसाफ की गुहार

परिजनों ने मामले की निष्पक्ष जांच और आरोपी को गिरफ्तार कर कड़ी सजा दिलाने की मांग की है। उनका कहना है कि यह सिर्फ मेडिकल लापरवाही नहीं, बल्कि जानबूझकर की गई हत्या है, जिसमें ना केवल एक जिंदगी गई बल्कि पूरा परिवार तबाह हो गया।

कानपुर हेल्थ सिस्टम पर भी उठे सवाल

इस केस ने कानपुर के प्राइवेट क्लीनिक और हेल्थ रेगुलेशन सिस्टम की पोल खोल दी है। ऐसे कितने ही फर्जी डॉक्टर बिना डिग्री और बिना रजिस्ट्रेशन के ऑपरेशन कर रहे हैं, और सिस्टम की आंखें बंद हैं।

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