दिल्ली द्वारका में आंधी के कहर से बड़ा हादसा, पेड़ गिरने से मकान ढहा, मां और तीन बच्चों की मौत, पति गंभीर घायल
संवाददाता मुदित प्रताप सिंह की रिपोर्ट
दिल्ली में आंधी बनी काल! सुबह-सुबह मच गया मातम, मलबे में समा गई मासूम जिंदगियां
राजधानी दिल्ली शुक्रवार की सुबह दिल दहला देने वाली घटना की गवाह बनी। तेज हवाओं और मूसलाधार बारिश के चलते द्वारका जिले के जाफरपुर कलां के पास खड़खड़ी नहर गांव में बड़ा हादसा हो गया। एक नीम का विशाल पेड़ खेत में बने ट्यूबवेल के छोटे से कमरे पर आ गिरा, जहां एक परिवार गहरी नींद में सो रहा था। पलभर में कमरा ढह गया और उसमें मौजूद मां और तीन नन्हे बच्चों की सांसें हमेशा के लिए थम गईं।
सुबह 5 बजे गूंजा चीख-पुकार का मंज़र, पेड़ गिरते ही टूट गई जिंदगियों की डोर
दिल्ली अग्निशमन सेवा को सुबह 5 बजकर 25 मिनट पर हादसे की सूचना मिली। आनन-फानन में फायर ब्रिगेड की कई टीमें मौके पर दौड़ीं। राहत और बचाव कार्य शुरू किया गया, लेकिन मलबा इतना भारी था कि चारों की जान बचाना नामुमकिन हो गया। शवों को जैसे-तैसे निकालकर अस्पताल पहुंचाया गया, जहां डॉक्टरों ने सभी को मृत घोषित कर दिया।
ज्योति और मासूम बच्चों की गई जान, घायल पति का अस्पताल में इलाज जारी
इस हादसे ने एक हंसते-खेलते परिवार को उजाड़ दिया। मृतकों में 26 वर्षीय ज्योति और उसके तीन बच्चे शामिल हैं। वहीं, हादसे में पति अजय कुशवाह गंभीर रूप से घायल हो गया। उसे नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां उसकी हालत स्थिर बताई जा रही है। पुलिस और फायर ब्रिगेड ने मिलकर मलबे से सभी को बाहर निकाला।
तेज हवाओं से टूटी खुशियों की छत, गांव में पसरा मातम का सन्नाटा
तेज हवाओं के साथ आई प्राकृतिक आपदा ने पूरे खड़खड़ी नहर गांव को गमगीन कर दिया है। जहां कल तक बच्चों की किलकारियां गूंजती थीं, आज वहां मातम पसरा हुआ है। पड़ोसी और रिश्तेदार इस दर्दनाक हादसे से स्तब्ध हैं। स्थानीय लोगों ने प्रशासन से मृतकों के परिजनों को आर्थिक सहायता देने की मांग की है।
हादसे की जांच में जुटी पुलिस, मौसम विभाग ने फिर चेताया - आंधी और बारिश से रहें सतर्क
दिल्ली पुलिस ने इस मामले में जांच शुरू कर दी है। हादसे की वजह तेज आंधी और पेड़ गिरना बताया जा रहा है। उधर, मौसम विभाग ने दिल्ली-एनसीआर में अगले कुछ दिनों तक तेज हवाओं और बारिश का अलर्ट जारी किया है। प्रशासन ने लोगों से सतर्क रहने और सुरक्षित स्थानों पर रहने की अपील की है।
टूट गया मां की ममता का आंचल, तीन मासूमों के साथ हमेशा के लिए खामोश हुई जिंदगी
इस हादसे ने दिलों को झकझोर दिया है। मां और बच्चों की एक साथ मौत से गांव ही नहीं बल्कि पूरा इलाका गहरे शोक में डूब गया है। लोगों की आंखें नम हैं और सवाल बस एक ही- क्या कुदरत का यह कहर कभी थमेगा?
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