भदोही थाने में दो दरोगा रिश्वत लेते पकड़े गए, वायरल वीडियो के बाद SP ने तत्काल सस्पेंड किया। जांच शुरू, विभागीय कार्रवाई तय।
भदोही थाने के रिश्वत कांड ने खोली वर्दी की असलियत, वीडियो वायरल होते ही दरोगा सस्पेंड!
उत्तर प्रदेश पुलिस एक बार फिर सवालों के घेरे में है। भदोही जिले के कोतवाली थाने में रिश्वतखोरी का ऐसा वीडियो वायरल हुआ है जिसने पूरे विभाग को झकझोर दिया है। वायरल क्लिप में दो सब इंस्पेक्टर — दिलशाद खान और सुभाष बौद्ध — एक फरियादी से खुलेआम रिश्वत लेते दिखाई दे रहे हैं। वीडियो में उनकी बातचीत सुनकर हर कोई दंग रह गया। दरोगा दिलशाद ने फरियादी से कहा – "इतना पीटा फिर भी कम पैसे दे रहा है?" और साथ में 500 के नोटों को दबाए बैठा है।
रिश्वत की बातचीत ने खोली थाने की ‘सच्चाई’
वीडियो में दिख रहा है कि कैसे एक गरीब बूढ़ा व्यक्ति अपने विवाद के समाधान के लिए थाने आया और वहां उसे वर्दीधारी दरिंदों से डील करनी पड़ी। दरोगा सुभाष बौद्ध ने यह कहकर और ज्यादा रुपये की मांग की – "तुम्हारे सामने उन लोगों को पीटा है", यानी पीटने का भी ‘रेट’ तय है। ऐसे में फरियादी ने कांपते हाथों से और 500-500 के नोट निकाले और चुपचाप उन्हें थमा दिए।
SP ने देखा वीडियो, तुरंत हुई कार्रवाई
भदोही के पुलिस अधीक्षक अभिमन्यु मांगलिक के पास जैसे ही यह वीडियो पहुंचा, उन्होंने दोनों सब इंस्पेक्टर को तत्काल सस्पेंड कर दिया। उन्होंने मीडिया को बताया कि यह मामला किसी भूमि विवाद से जुड़ा है और वीडियो में दोनों अधिकारी लेन-देन करते पकड़े गए हैं। जांच की ज़िम्मेदारी एडिशनल एसपी शुभम अग्रवाल को सौंपी गई है और विभागीय कार्रवाई की तैयारी भी शुरू कर दी गई है।
'दिलशाद खान तो नंबर 1 रिश्वतखोर है' - लोगों की प्रतिक्रिया
स्थानीय लोगों का कहना है कि दिलशाद खान पहले भी ऐसी हरकतें कर चुका है। नाम न बताने की शर्त पर एक व्यक्ति ने कहा, “दारोगा दिलशाद खान हर किसी से पैसे वसूलता है, चाहे वो दुकानदार हो या फरियादी।” दूसरी तरफ, यह भी कहा जा रहा है कि पहले इस मामले की थाने में शिकायत हुई थी लेकिन सुनवाई नहीं हुई। तभी किसी ने इस वीडियो को सोशल मीडिया पर डाल दिया और ये तगड़ी वायरल खबर बन गई।
वायरल वीडियो ने पुलिस की छवि पर फिर उठाए सवाल
यह पहला मौका नहीं जब यूपी पुलिस रिश्वतखोरी या बर्बरता के आरोपों में घिरी हो। पर इस बार वीडियो सबूत के तौर पर सामने आया है। और जब खुद दारोगा बोलते दिख रहे हैं – "इतना पीटा फिर भी कम दे रहा" – तो पूरी थानेदारी पर भरोसा करना ही मुश्किल हो जाता है।
भ्रष्टाचार पर सख्ती या सिर्फ दिखावा?
हालांकि एसपी का कहना है कि भ्रष्टाचार किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा, लेकिन ज़मीनी हकीकत यह है कि थानों में होने वाला ये ‘घुस का धंधा’ अब भी ज़िंदा है। क्या केवल सस्पेंड करना ही काफी है? या अब समय आ गया है कि ऐसे पुलिसकर्मियों को नौकरी से ही बर्खास्त किया जाए?
थाने में होता रहा लेन-देन, कैमरे में होता रहा कांड
जिस थाने को लोगों की सुरक्षा के लिए बनाया गया, वहां दरोगा रिश्वत की रकम तय कर रहे थे। पुलिस द्वारा ‘मामला सेट करने’ की पूरी प्रक्रिया कैमरे में कैद है। अब वीडियो वायरल होने के बाद सारा थाना स्टाफ सकते में है।
सोशल मीडिया पर भड़का गुस्सा
वीडियो वायरल होते ही ट्विटर, फेसबुक और व्हाट्सएप पर लोगों का गुस्सा फूट पड़ा। कई यूज़र्स ने लिखा – “यूपी पुलिस के अफसर अगर वीडियो में न पकड़े जाएं तो ये जनता को ही चोर बना देते हैं।” कुछ ने कहा – “गरीब की फरियाद भी अब वर्दी वालों के रेट पर टिकी है।”
राजनीतिक प्रतिक्रिया भी संभव
ऐसे वीडियो जब सोशल मीडिया पर वायरल होते हैं, तो अक्सर सियासी गलियारों में भी गूंज सुनाई देती है। अब देखना होगा कि विपक्ष इस मुद्दे को उठाकर सरकार पर सवाल खड़े करता है या नहीं।
क्या सबक लेंगे पुलिस विभाग के अन्य अफसर?
इस घटना ने एक बार फिर पुलिस विभाग के उस काले चेहरे को उजागर कर दिया है जो अक्सर सस्पेंड और चार्जशीट के बावजूद बच निकलता है। अब सवाल ये है – क्या बाकी दरोगाओं को इस सस्पेंशन से कोई सबक मिलेगा या रिश्वत का धंधा यूं ही चलता रहेगा?
भदोही के इस वीडियो ने पूरे यूपी में खलबली मचा दी है। लेकिन क्या यह आखिरी रिश्वतखोरी का मामला है? क्या अब कोई फरियादी निडर होकर थाने जा पाएगा? या हर बार ‘इतना पीटा फिर भी कम दे रहा’ जैसे जुमले सुनने को मिलेंगे?
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