तू मर गया बेटा... अब तेरी बीवी अफसर के साथ! बहू ने छोड़ा सास को बेसहारा, लव अफेयर के लिए ऑफिसर से रचाई शादी



बरेली में बेटे की मौत के बाद बहू ने सरकारी नौकरी पाई और फिर अफसर से रचाई शादी, सास को छोड़ दिया तड़पने को अकेला।


बरेली: बेटे की चिता की राख भी ठंडी नहीं हुई थी कि बहू ने बदल डाले रिश्ते!
उत्तर प्रदेश के बरेली में एक मां उस वक्त हक्की-बक्की रह गई जब उसकी बहू, जो बेटे की मौत के बाद सरकारी नौकरी के लिए 'वफादारी' की कसम खा रही थी, उसी नौकरी के दफ्तर में एक अफसर से प्रेम कर बैठी और गुपचुप शादी रचा ली। अब बुजुर्ग सास दर-दर की ठोकरें खा रही है और बहू सरकारी गाड़ी में अफसर संग घूम रही है।

शुरुआत एक मौत से हुई... फिर छल की ये कहानी बनी नगर निगम का मुद्दा
राजेंद्र नगर कॉलोनी की रहने वाली मीना शर्मा ने बताया कि उनके पति राकेश शर्मा जलकल विभाग में मीटर रीडर थे। 2015 में उनका निधन हो गया, जिसके बाद बेटे प्रशांत शर्मा को मृतक आश्रित कोटे से नौकरी मिली।

प्रशांत की शादी जया शर्मा से हुई। मगर नियति को कुछ और मंज़ूर था। 2018 में प्रशांत की भी बीमारी से मौत हो गई। उस समय परिवार टूट चुका था। मगर जया ने कहा था, “मैं मां समान सास का पूरा ध्यान रखूंगी।” नौकरी के लिए नगर निगम को दिए गए शपथ पत्र में उसने सास की सेवा और लोन चुकाने का वादा भी किया था।

फिर जया को नौकरी मिल गई… और शुरू हुआ 'पलटी' का खेल!
जैसे ही जया को नगर निगम के टैक्स विभाग में बाबू की नौकरी मिली, उसकी चाल-ढाल बदल गई। सास से दूरी बढ़ी और नज़दीकियां बढ़ीं कर निर्धारण अधिकारी ललतेश सक्सेना से। मीना शर्मा का आरोप है कि दोनों के बीच लंबे समय से प्रेम संबंध चल रहे थे और 14 फरवरी 2024 को दोनों ने चुपचाप शादी भी कर ली।

अब सास के हिस्से में सिर्फ आंखों के आंसू और बैंक के नोटिस
मीना शर्मा ने बताया कि जया न तो उनकी देखभाल कर रही है और न ही बेटे की बीमारी में लिए गए लोन की किश्तें भर रही है। अब सारी जिम्मेदारी और बैंक नोटिस उनके हिस्से में आ रहे हैं। मानसिक तनाव ने उन्हें बीमार कर दिया है।

शिकायतें, गुहार और नगर निगम की चुप्पी!
मीना शर्मा ने नगर आयुक्त संजीव कुमार मौर्य से लिखित शिकायत की कि जया और ललतेश ने न सिर्फ नियम तोड़े हैं बल्कि सरकारी पद का दुरुपयोग भी किया है। मगर जवाब में उन्हें सिर्फ आश्वासन मिला, कार्रवाई शून्य है।

अफसर रायबरेली ट्रांसफर, लेकिन प्यार अब भी बरेली में जिंदा!
भले ही ललतेश सक्सेना का ट्रांसफर रायबरेली हो गया हो, लेकिन वो अक्सर बरेली आते हैं। जया के साथ सरकारी गाड़ी में घूमते देखे जाते हैं। मजे की बात ये है कि ललतेश की पहली पत्नी की मौत हो चुकी है और उनकी दो बेटियां जया की उम्र की हैं।

लोग पूछ रहे हैं – क्या सरकारी नौकरी अब अफसर से शादी करने का माध्यम बन गई है?
बरेली नगर निगम में चर्चा है कि इस मामले पर अगर ठोस कार्रवाई नहीं हुई तो भविष्य में और भी बहुएं इसी तरह नियमों को तोड़ेंगी। सवाल ये भी उठ रहा है कि क्या 'शपथ पत्र' सिर्फ नौकरी का गेटपास है?

नगर आयुक्त से सवाल, मगर जवाब नहीं
पत्रकारों ने जब नगर आयुक्त संजीव मौर्य से इस पूरे मामले पर सवाल पूछा तो उन्होंने कॉल रिसीव नहीं किया। बरेली के कई अधिकारी इस मामले में मौन साधे हैं, जबकि नगर निगम के भीतर लोग फुसफुसाकर कह रहे हैं,
"अब बहुएं वफादारी नहीं, अफसर चुनती हैं!"

क्या न्याय मिलेगा इस बेसहारा सास को?
मीना शर्मा की आंखों में अब भी उम्मीद की नमी है। वे चाहती हैं कि उनके बेटे की मौत के बाद बहू को जो नौकरी मिली, उस पर सवाल उठे, नियम लागू हों और उन्हें इंसाफ मिले।

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