Bareilly के मीरगंज में आरती के बर्थडे पर आए ईसाई समाज के मेहमानों से मचा बवाल, धर्म परिवर्तन की अफवाह पर पुलिस पहुंची।
मीरगंज से संवाददाता इरफान हुसैन की रिपोर्ट
Bareilly में बर्थडे पार्टी बनी विवाद की जड़: आरती के घर ईसाई मेहमानों की आमद से गांव में मची सनसनी
बरेली: उत्तर प्रदेश के बरेली जिले के मीरगंज थाना क्षेत्र के कुल्छा खुर्द गांव में अचानक धार्मिक तनाव का माहौल बन गया। मामला तब गरमाया जब आरती नामक महिला के घर अचानक ईसाई समाज की कुछ महिलाएं पहुंचीं। यह मुलाकात कुछ ही देर में पूरे गांव में अफवाहों का तूफान ले आई। ग्रामीणों ने इसे religious conversion (धर्म परिवर्तन) से जोड़ दिया और देखते ही देखते यह मुद्दा पुलिस तक पहुंच गया।
24 अप्रैल की बर्थडे पार्टी बनी चर्चा का विषय
सूत्रों के अनुसार, आरती और उसके पति दुर्गा प्रसाद ने 24 अप्रैल को अपने बेटे का जन्मदिन मनाने के लिए एक दावत रखी थी। इस पार्टी में गांव के सामान्य परिचितों के अलावा ईसाई समाज के कुछ लोग भी आमंत्रित थे। हालांकि, कुछ व्यक्तिगत कारणों से उस दिन वे नहीं आ सके थे। लेकिन जब वे मेहमान कुछ दिनों बाद यानी हाल ही में आरती के घर पहुंचे, तो गांव में अफवाहों का सिलसिला शुरू हो गया।
धर्म परिवर्तन के शक ने गांव में फैलाई सनसनी
गांव के कुछ हिंदूवादी नेताओं ने जब ईसाई समाज की महिलाओं को आरती के घर में देखा, तो उन्होंने तुरंत थाना मीरगंज पुलिस को इसकी सूचना दे दी। शिकायत मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और एहतियात के तौर पर आरती और उसके पति दुर्गा प्रसाद को थाने ले जाया गया।
पुलिस की पूछताछ में सामने आई सच्चाई
थाना प्रभारी प्रयागराज सिंह ने स्पष्ट किया कि पूछताछ में आरती और दुर्गा प्रसाद ने किसी भी प्रकार के धर्म परिवर्तन से साफ इनकार किया। उन्होंने पुलिस को बताया कि यह सिर्फ एक साधारण मेहमान-नवाजी थी। उन्होंने कहा कि ईसाई समाज के परिचित केवल बेटे के जन्मदिन की बधाई देने के लिए आए थे। इस पर कोतवाल ने बताया कि दंपति लिखित में भी देने को तैयार हैं कि उन्होंने कोई धर्म परिवर्तन नहीं किया है।
गांव में चर्चाओं का बाजार अब भी गर्म
पुलिस के स्पष्ट निर्देश और दंपति के इनकार के बावजूद गांव में यह मामला चर्चा का केंद्र बना हुआ है। ग्रामीणों के बीच संदेह और अफवाहों का दौर जारी है। गांव के कुछ लोग अब भी मानने को तैयार नहीं हैं और इस घटना को लेकर तमाम तरह की अटकलें लगा रहे हैं।
हालांकि, पुलिस की सख्ती और स्थिति की गंभीरता को देखते हुए गांव में फिलहाल शांति बनी हुई है। कोतवाल ने गांव वालों से अपील की है कि वे किसी भी अफवाह पर ध्यान न दें और शांति बनाए रखें।
अभी भी लोगों में जिज्ञासा बनी हुई है कि आखिर अचानक इस मामले ने क्यों पकड़ी इतनी आग। क्या यह महज एक गलतफहमी है या इसके पीछे कोई और साजिश छुपी हुई है — यह जांच का विषय है।


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