पहलगाम हमले के बाद मोदी सरकार का बड़ा फैसला, सभी पाकिस्तानी नागरिकों को 29 अप्रैल तक भारत छोड़ने का आदेश।
पहलगाम हमले के बाद सख्त हुआ भारत, पाकिस्तानियों पर कसा शिकंजा
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए नरसंहार जैसे आतंकी हमले के बाद भारत सरकार ने आतंकवाद को लेकर बेहद कड़ा रुख अपनाया है। इस हमले में 26 निर्दोष नागरिकों की मौत के बाद पूरे देश में आक्रोश है। इसी कड़ी में भारत सरकार ने पाकिस्तान के नागरिकों के लिए जारी वीजा सेवाएं तुरंत प्रभाव से निलंबित कर दी हैं।
27 अप्रैल से सभी वीजा रद्द, 29 अप्रैल तक मेडिकल वीजा वैध
विदेश मंत्रालय द्वारा जारी बयान में कहा गया कि भारत में रह रहे सभी पाकिस्तानी नागरिकों को 27 अप्रैल 2025 से पहले देश छोड़ना होगा। मेडिकल वीजा को थोड़ी मोहलत देते हुए 29 अप्रैल तक वैध रखा गया है, लेकिन इसके बाद कोई ढील नहीं दी जाएगी।
दिल्ली, मुंबई और चेन्नई जैसे शहरों में भर्ती मरीज भी अब लौटेंगे
पाकिस्तानी नागरिक भारत में हृदय, लीवर, किडनी और कैंसर जैसे गंभीर बीमारियों के इलाज के लिए मेडिकल वीजा पर आते हैं। दिल्ली, मुंबई और चेन्नई उनके पसंदीदा शहर होते हैं। लेकिन सरकार के इस सख्त फैसले के बाद अस्पतालों में भर्ती मरीजों और उनके परिजनों को भी अब समय सीमा में भारत छोड़ना होगा।
FRO में पंजीकरण, 72 घंटे का ट्रांजिट—अब कोई सहूलियत नहीं मिलेगी
जो पाकिस्तानी नागरिक भारत के रास्ते तीसरे देश की यात्रा पर होते हैं, उन्हें 72 घंटे की सीमा के भीतर ट्रांजिट की अनुमति दी जाती थी। लेकिन अब उनके लिए भी स्थिति स्पष्ट कर दी गई है—मेडिकल वीजा के अलावा कोई छूट नहीं दी जाएगी।
सभी भारतीयों को भी अलर्ट, पाकिस्तान यात्रा से परहेज की सलाह
भारत सरकार ने अपने नागरिकों को भी पाकिस्तान न जाने की सलाह दी है। वहीं जो भारतीय नागरिक इस वक्त पाकिस्तान में हैं, उन्हें जल्द से जल्द भारत लौटने का निर्देश दिया गया है।
भारत की कूटनीतिक चोट, सिंधु जल संधि और वाघा बॉर्डर ट्रांजिट भी बंद
सिर्फ वीजा नहीं, बल्कि भारत सरकार ने पाकिस्तान को झटका देने के लिए 1960 की सिंधु जल संधि को भी निलंबित कर दिया है। इसके अलावा, अटारी-वाघा ट्रांजिट पॉइंट को भी फिलहाल बंद कर दिया गया है। साथ ही, पाकिस्तान के सैन्य अताशे को देश छोड़ने का आदेश दे दिया गया है।
केंद्रीय कैबिनेट की बैठक के बाद लिया गया ऐतिहासिक निर्णय
बुधवार को हुई सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति (CCS) की बैठक में इस निर्णय को सर्वसम्मति से लिया गया। बैठक में गृहमंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, विदेश मंत्री एस जयशंकर समेत तमाम शीर्ष अधिकारी मौजूद थे।
सरकार का साफ संदेश- अब "बातचीत नहीं, कार्रवाई" का दौर
भारत सरकार का ये कदम न केवल आतंकवाद के खिलाफ सख्त संदेश है, बल्कि सीमा पार बैठे उनके संरक्षकों को भी चेतावनी है कि भारत अब चुप नहीं बैठेगा। अब ‘बातचीत’ नहीं, ‘बदला’ होगा।
आतंक के हर चेहरे को जवाब मिलेगा, चाहे वो मेडिकल वीजा में छुपा हो या कूटनीति की आड़ में
भारत ने स्पष्ट कर दिया है कि वो अपनी धरती पर किसी भी तरह का आतंकवाद या उसके समर्थकों को अब बर्दाश्त नहीं करेगा। वीजा रद्द करना सिर्फ शुरुआत है, आने वाले दिनों में पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भी और झटके लग सकते हैं।
अब पाकिस्तानी नागरिकों के लिए भारत बन गया ‘नो एंट्री जोन’
पहलगाम हमले के बाद भारत ने जो रुख अपनाया है, उससे यह स्पष्ट हो गया है कि भारत की धरती अब किसी भी रूप में पाकिस्तानियों के लिए स्वागत योग्य नहीं रही। अब यहां सिर्फ भारतीय हितों की बात होगी।
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