LDA ने वसंत कुंज सेक्टर-ए योजना रद्द कर दी। 275 आवंटियों का घर का सपना टूटा, भारी गुस्सा, अब राशि वापस मिलेगी।
लखनऊ में उड़ी घरों के सपनों की धज्जियां, LDA के फैसले से टूटा विश्वास
लखनऊ में अपने सपनों का घर बसाने का सपना देख रहे सैकड़ों परिवारों को जबरदस्त झटका लगा है। लखनऊ विकास प्राधिकरण (LDA) ने वसंत कुंज सेक्टर-ए आवासीय योजना को अचानक रद्द कर दिया है। इस फैसले ने 275 आवंटियों के सपनों को चकनाचूर कर दिया, जो दो साल से अपने नए घर की आस लगाए बैठे थे। पूरी रकम भी समय पर जमा कराई गई थी, लेकिन अब एलडीए ने खुद ही स्वीकार किया कि जमीन का अधिग्रहण ही नहीं हुआ था।
दो साल की उम्मीद पर फेरा पानी, अब मिलेगा ब्याज समेत पैसा वापस
सपनों के टूटने का दर्द झेल रहे आवंटियों को अब एलडीए ने पत्र भेजकर सूचित किया है कि वे अपनी जमा धनराशि ब्याज सहित वापस ले सकते हैं। एलडीए ने पहले दावा किया था कि 376,257 वर्ग मीटर जमीन पर कब्जा जल्द होगा, लेकिन किसान मुआवजे को लेकर सहमत नहीं हुए, और योजना अधर में लटक गई। दो साल तक इंतजार कर रहे परिवारों के लिए यह खबर किसी सदमे से कम नहीं।
1981 से अटका था भूमि अधिग्रहण, दो साल बाद मिला 'धोखा'
चौंकाने वाली बात यह है कि जिस जमीन पर योजना प्रस्तावित थी, उसका अधिग्रहण 1981 से ही अटका हुआ था। किसानों के विरोध के चलते जमीन पर कब्जा नहीं हो सका। इसके बावजूद एलडीए ने प्लॉटों की लॉटरी निकाल दी और रकम वसूल ली। अब जब योजना रद्द हो गई है, आवंटी खुद को ठगा महसूस कर रहे हैं।
275 परिवारों में भड़का गुस्सा, कहा- सपना दिखाकर किया धोखा
घरों का सपना संजोने वाले 275 परिवारों में भारी आक्रोश है। लोगों का कहना है कि हमने भरोसा कर रकम भरी थी, लेकिन एलडीए ने दो साल तक झूठा सपना दिखाया। अब जमीन न होने की बात कहकर जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ा जा रहा है। कई आवंटियों ने एलडीए पर धोखाधड़ी का आरोप भी लगाया है।
भविष्य में नई योजना का वादा, लेकिन टूटा विश्वास
एलडीए अधिकारियों का कहना है कि किसानों के साथ बातचीत अंतिम दौर में है और भविष्य में उसी स्थान पर नई आवासीय योजना लाई जाएगी। लेकिन जिन लोगों का सपना टूटा है, उनके दिलों में एलडीए के प्रति विश्वास पूरी तरह से खत्म हो चुका है। लोगों का कहना है कि अब किसी भी वादे पर भरोसा करना मुश्किल है।
प्लॉट के लिए लिए गए पैसे लौटाएंगे, लेकिन दर्द नहीं जाएगा
एलडीए ने आवंटियों को उनकी रकम ब्याज सहित लौटाने का भरोसा दिया है। लेकिन क्या सिर्फ पैसे वापस मिलने से उन सपनों की भरपाई होगी, जो दो सालों से इन परिवारों की आंखों में पल रहे थे? शायद नहीं। घर बसाने की चाहत रखने वाले ये लोग अब खुद को गहरा ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं।
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