बरेली में ट्रैफिक पुलिस के सिपाही प्रशांत सिंह ने 47 वर्षीय महिला को रक्तदान कर जान बचाई, मानवता की मिसाल पेश की।
Bareilly News | ट्रैफिक पुलिस का नाम सुनते ही अक्सर लोगों के दिमाग में सख्त अनुशासन, चालान और ट्रैफिक नियमों की छवि उभरती है, लेकिन बरेली जिले के ट्रैफिक पुलिस में तैनात सिपाही प्रशांत सिंह ने अपनी इंसानियत से इस धारणा को बदल दिया है। उन्होंने एक 47 वर्षीय गंभीर रूप से बीमार महिला को समय पर रक्तदान कर उसकी जान बचाई।
इंसानियत की मिसाल: जरूरतमंद को समय पर मिला जीवनदायिनी रक्त
यह घटना बरेली के थाना इज्जतनगर क्षेत्र की है, जहां एक 47 वर्षीय महिला लंबे समय से गंभीर बीमारी से जूझ रही थी। अचानक उसकी हालत बिगड़ने लगी और डॉक्टरों ने परिवार को तुरंत रक्त चढ़ाने की सलाह दी। महिला के बेटे पवन ने हरसंभव मदद मांगनी शुरू की, लेकिन उपयुक्त रक्तदाता नहीं मिलने के कारण स्थिति गंभीर हो गई।
ऐसे समय में, ट्रैफिक सिपाही प्रशांत सिंह ने बिना किसी देरी के आगे आकर आईएमए (इंडियन मेडिकल एसोसिएशन) में रक्तदान किया और महिला की जान बचाई। उनकी इस त्वरित और संवेदनशील प्रतिक्रिया ने साबित कर दिया कि पुलिस सिर्फ कानून व्यवस्था बनाए रखने तक सीमित नहीं है, बल्कि समाज की सेवा में भी तत्पर है।
समाज के लिए प्रेरणा बने प्रशांत सिंह, पहले भी कर चुके हैं कई रक्तदान
यह पहली बार नहीं था जब प्रशांत सिंह ने इस तरह की दरियादिली दिखाई। वे पहले भी कई बार जरूरतमंदों को रक्तदान कर चुके हैं और अपने इस नेक कार्य को आगे भी जारी रखने का संकल्प रखते हैं। उनकी इस मानवीय पहल की वजह से बरेली के स्थानीय लोगों और पुलिस विभाग में उनकी काफी सराहना हो रही है।
प्रशांत सिंह का सराहनीय कार्य, समाज में पुलिस की छवि को बदलेगा
आमतौर पर पुलिस को कठोर और अनुशासित माना जाता है, लेकिन प्रशांत सिंह जैसे अधिकारी यह साबित कर रहे हैं कि वर्दी के पीछे एक दयालु और संवेदनशील इंसान भी छुपा होता है। उनकी इस पहल से न केवल पुलिस बल की सकारात्मक छवि उभर कर आई है, बल्कि समाज में भी जागरूकता बढ़ी है कि रक्तदान से किसी की जिंदगी बचाई जा सकती है।
लोगों ने प्रशांत सिंह के इस कार्य को शाबाशी और सम्मान दिया और सोशल मीडिया पर उनकी काफी तारीफ हो रही है। इस घटना ने समाज में पुलिस की भूमिका को एक नए दृष्टिकोण से देखने का मौका दिया है।
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