काशी में रिकॉर्ड तोड़ श्रद्धालु: 20 दिनों में 1.10 करोड़ भक्तों ने किए बाबा विश्वनाथ के दर्शन, बसंत पंचमी पर 40 लाख की उम्मीद


काशी विश्वनाथ मंदिर में महाकुंभ के 20 दिनों में 1.10 करोड़ श्रद्धालुओं ने दर्शन किए, बसंत पंचमी पर 40 लाख भक्तों की संभावना। प्रशासन अलर्ट।


काशी में श्रद्धालुओं का नया रिकॉर्ड, बाबा विश्वनाथ धाम में उमड़ा भक्तों का सैलाब

20 दिनों में 1.10 करोड़ भक्तों ने किए दर्शन

महाकुंभ के चलते काशी विश्वनाथ मंदिर में श्रद्धालुओं का रेला उमड़ पड़ा है। 20 दिनों के अंदर 1 करोड़ 10 लाख से अधिक भक्तों ने बाबा विश्वनाथ के दर्शन किए। यह संख्या अब तक के सारे रिकॉर्ड तोड़ चुकी है। श्री काशी विश्वनाथ मंदिर के सीईओ विश्वभूषण मिश्रा ने बताया कि जनवरी महीने में 1 करोड़ से अधिक भक्तों ने दर्शन कर लिए हैं।

विशेष रूप से 28 जनवरी से 31 जनवरी के बीच मंदिर में भक्तों की संख्या अपने चरम पर थी। मौनी अमावस्या के दिन भी रिकॉर्ड संख्या में श्रद्धालु बाबा विश्वनाथ के दरबार में पहुंचे। सिर्फ एक हफ्ते में 50 लाख श्रद्धालु दर्शन कर चुके हैं, जिससे साफ है कि यह महाकुंभ ऐतिहासिक साबित हो रहा है।

बसंत पंचमी पर 40 लाख श्रद्धालु आने की उम्मीद

प्रशासन ने अनुमान लगाया है कि बसंत पंचमी (14 फरवरी) पर 40 लाख से अधिक श्रद्धालु बाबा विश्वनाथ के दर्शन करने पहुंच सकते हैं। इसे देखते हुए क्राउड मैनेजमेंट और रूट डायवर्जन की तैयारियां पूरी कर ली गई हैं।

प्रयागराज महाकुंभ क्षेत्र में हुई दुर्घटनाओं से सबक लेते हुए इस बार काशी में सख्त सुरक्षा प्रबंध किए गए हैं।

गंगा घाट पर भी सख्ती, चप्पू नावों पर रोक

श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए प्रशासन ने गंगा घाटों पर कई कड़े नियम लागू किए हैं:

  • सूर्यास्त के बाद नावों का संचालन पूरी तरह बंद रहेगा।
  • चप्पू नावों पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया गया है, केवल बड़ी नावों में निर्धारित संख्या में ही श्रद्धालुओं को बिठाने की अनुमति है।
  • लाइफ जैकेट अनिवार्य कर दिया गया है, बिना लाइफ जैकेट के कोई नाविक श्रद्धालुओं को नाव में नहीं बैठा सकेगा।
  • ड्रोन के जरिए निगरानी की जाएगी, जिससे गंगा घाटों और आसपास के इलाकों में भीड़ को नियंत्रित किया जा सके।

प्रशासन अलर्ट, गोदौलिया चौराहे पर विशेष सुरक्षा

श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को देखते हुए प्रशासन ने काशी विश्वनाथ मंदिर और गोदौलिया चौराहे पर विशेष सुरक्षा तैनात की है।

  • बैरिकेडिंग और रूट डायवर्जन के जरिए भीड़ को नियंत्रित किया जा रहा है।
  • मंदिर में प्रवेश के लिए विशेष लाइनें बनाई गई हैं ताकि भीड़ एक साथ न बढ़े।
  • स्वास्थ्य सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए इमरजेंसी मेडिकल टीम को भी तैनात किया गया है।

काशी में भक्तों की आस्था का महाकुंभ

काशी विश्वनाथ धाम में भक्तों का ऐसा उत्साह पहले कभी नहीं देखा गया। प्रशासन को उम्मीद है कि अगले कुछ दिनों में यह संख्या और अधिक बढ़ सकती है। विशेष रूप से महा शिवरात्रि (8 मार्च 2025) पर श्रद्धालुओं की संख्या नया कीर्तिमान स्थापित कर सकती है।

क्या कहते हैं श्रद्धालु?
काशी दर्शन करने आए श्रद्धालुओं का कहना है कि बाबा विश्वनाथ का धाम अब और भव्य हो चुका है। पुनर्निर्माण के बाद मंदिर परिसर में दर्शन करना आसान हो गया है। 'बाबा विश्वनाथ का आशीर्वाद लेकर लौट रहे हैं' - यह भावना हर श्रद्धालु की जुबां पर है।

काशी विश्वनाथ मंदिर में महाकुंभ के चलते अब तक के सारे रिकॉर्ड टूट चुके हैं। 1.10 करोड़ श्रद्धालुओं की संख्या यह दर्शाती है कि काशी को धार्मिक पर्यटन का नया केंद्र बनने से कोई नहीं रोक सकता। प्रशासन की मुस्तैदी से व्यवस्था सुचारू चल रही है, और श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की असुविधा नहीं हो रही।

अब नजर बसंत पंचमी और महाशिवरात्रि पर टिकी है, जब यह संख्या और अधिक बढ़ सकती है।

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