गोंडा ट्रेन हादसे में लोको पायलट ने ब्लास्ट का दावा किया, पर पुलिस जांच में मिली चौंकाने वाली सच्चाई। जानिए पूरी खबर।
गोंडा, उत्तर प्रदेश – गुरुवार को चंडीगढ़-डिब्रूगढ़ एक्सप्रेस पटरी से उतर गई, जिसमें 3 लोगों की मौत हो गई और 34 अन्य घायल हो गए। रेलवे अधिकारियों के अनुसार, गोंडा के पास ट्रेन के आठ डिब्बे पटरी से उतर गए थे। लोको पायलट ने दावा किया था कि उसने पहले किसी धमाके की आवाज सुनी थी।
उत्तर प्रदेश पुलिस ने घटना स्थल की जांच की और लोको पायलट के दावे के विपरीत कोई ब्लास्ट जैसी चीज नहीं मिली। पुलिस के टॉप सोर्सेज ने पुष्टि की है कि जांच में कोई विस्फोटक सामग्री या अन्य गड़बड़ी नहीं पाई गई है।
रेलवे ने बताया कि हादसे वाली जगह पर बचाव अभियान पूरा हो गया है। विशेष ट्रेन रात आठ बजकर 50 मिनट पर मनकापुर से डिब्रूगढ़ के लिए रवाना हुई, जिसमें 600 यात्रियों को बस से लाया गया और उन्हें चाय, पानी दिया गया।
प्रारंभिक जांच में पता चला है कि रेलवे ट्रैक के आसपास बाढ़ का पानी भरा हुआ था, जो हादसे की वजह हो सकती है। सवाल यह उठता है कि जब ट्रैक के पास पानी जमा था तो ट्रेन को सिग्नल क्यों दिया गया।


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