मंदिरों और घरों में श्रद्धा व उत्साह के साथ मनाई गई कृष्ण जन्माष्टमी



संवाददाता मुदित प्रताप सिंह की रिपोर्ट

जनपद बरेली फतेहगंज पश्चिमी _  गुरुवार को श्रद्धा व उत्साह के साथ मनाई गई श्री कृष्ण जन्माष्टमी। मंदिरों से लेकर घरों तक में कान्हा का प्राकट्योत्सव हुआ। रात 12 बजते ही कान्हा के जन्म लेते ही मंदिरों में शंखनाद के साथ घंटा व घड़ियाल बज उठे।                             

जानकारी के अनुसार कस्बा फतेहगंज पश्चिमी में स्थित ठाकुरद्वारा मंदिर में कृष्ण जन्माष्टमी बड़ी धूमधाम के साथ मनाई गई। मंदिरों में रंगीन झालरों व फूलों से सजाया गया। बिजली की लगी झालरों से मंदिर जगमगा रहा था। 



गुरुवार रात घड़ी की सुई जैसे ही 12 पर पहुंची तो बाल गोपाल भगवान श्री कृष्ण का जन्म हुआ तब हर घर और मंदिरों में नंद घर आनंद भयो जय कन्हैया लाल की हाथी घोड़ा पालकी समेत अन्य गीत और जयकार गूंज रहे थे। और मंदिरों में ढोल नगाड़े बजने लगे बजने लगे।  उसके बाद पंडित सूर्य प्रकाश पाठक ने बाल गोपाल श्री कृष्ण को गंगाजल, दूध दही, शहद पंचामृत से स्नान करा कर उनका श्रृंगार किया उसके बाद विधि विधान से पूजा अर्चना कर माखन मिश्री का भोग लगाकर बाल गोपाल भगवान श्री कृष्णा को पालने में झुलाया गया। 



उसके  के बाद प्रसाद वितरण किया गया। इस मौके पर मंदिर प्रांगण में मौजूद सभी भक्तगणों ने भजन कीर्तन  किया एवं मंदिर कमेटी के लोगों ने भगवान श्री कृष्ण के भावपूर्ण भजन गाये गये। और सभी भक्तों ने बड़े उत्साह के साथ श्री कृष्ण की भक्ति का रसपान किया।                                 

इस मौके पर मंदिर कमेटी के अध्यक्ष नीरज गोयल, वरिष्ठ उपाध्यक्ष अमित गोयल, कोषाध्यक्ष श्याम सुंदर गुप्ता, दीपक गोयल, अजय सक्सेना, कन्हैया लाल, मनोज गोयल, गोविंद कुमार गुप्ता और सीपू लाला, अमित कुमार सिंह, अखिलेश अग्रवाल, रजत अग्रवाल, राजा अग्रवाल, विजय कुमार गुप्ता, कैलाश अग्रवाल, विनोद अग्रवाल, नरेश ऐरन, सतीश गुप्ता, आशीष अग्रवाल, डॉ मुदित प्रताप सिंह, सभासद अबोध सिंह, जगत सिंह  उर्फ सनी, सूचित अग्रवाल जतिन अग्रवाल सुबोध पोरवाल आदि लोग मौजूद रहे।



श्री कृष्ण जन्माष्टमी पर अधिकांश लोगों ने उपवास रखा। और अपने घर के मंदिरों की साज श्री सजावट की। और बाल लीलाओं पर आधारित मनोहारी झांकियां सजाई गई। और इसी के साथ घरों में महिलाओं ने पूरा दिन भगवान श्री कृष्ण का भोग लगाने के लिए पकवान बनाए व पंजीरी एवं चरणामृत मेवा आदि का प्रसाद बनाया। और 12 बजाते ही कान्हा के जयकारे लगने लगे।



बरेली बांके बिहारी मंदिर में भगवान श्री कृष्ण का जन्म होने के बाद पंचामृत से स्नान करने के बाद उनका भगवान श्री कृष्ण को 56 भोग लगाया गया।

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