पानी से घिरा सरकारी स्कूल, बच्चों के लिए मुश्किल हुई पढ़ाई

 

संवाददाता शानू की रिपोर्ट

बरेली। पीलीभीत रोड पर स्थित ग्राम छोटी बिहार में प्राथमिक विद्यालय सफीटोला सेकेंड  के चारों तरफ पानी भरने के कारण बच्चों की छुट्टी कर दी जाती है। कई समय से स्कूल की स्थिति ऐसे ही बनी हुई है। जब भी हल्की सी बारिश होती है तो स्कूल के चारों तरफ पानी भर जाता है। 

 पिछले दो-तीन दिन से हुई बरसात के बाद कई जगह पर सरकारी स्कूलों में पानी भरा है। जिससे बच्चों की छुट्टी करनी पड़ रही है। जर्जर भवनों से लगातार पानी टपकने से ना कमरे बैठने के योग्य है ना परिसर में ही कोई जगह बची है। हर जगह पानी ही पानी नजर आ रहा है। ऐसे में शिक्षण व्यवस्था ठप हो गई है। कई जगह तो स्कूल भवनों के परिसर तालाब की तरह नजर आ रहे हैं। 

स्कूल के पीछे स्थित एक तालाब है जिसकी सफाई का नाम आते ही नगर निगम के हाथ खड़े हो जाते हैं। पूरा तालाब पानी और कूड़े से भरा है। गाड़ियां आती भी है तो किनारे का कूड़ा उठाकर चली जाती है। तालाब में गाना पानी और कूड़ा भर जाने के कारण गंदे पानी में रहने वाले मच्छरों की संख्या बढ़ती जा रही है। जिसके चलते आए दिन बच्चे स्कूल में बीमार होते रहते हैं। डेंगू मलेरिया जैसी बीमारियों का शिकार होते है। तालाब से चिपके हुए कुछ लोगों के घर मौजूद है जो अपने घरों का कूड़ा सिद्ध तालाब में डालते हैं। कूड़े से और गंदे पानी से भरा हुआ तालाब आए दिन बीमारियों को जन्म दे रहा है। 

स्कूल के बाहर झाड़ियां से घिरा ट्रांसफार्मर 

विद्यालय के मुख्यद्वार बाहर एक ट्रांसफार्मर मौजूद है। जिसके चारों तरफ लंबी-लंबी बेलों ने और जंगली झाड़ियों ने अपना घेरा जमा लिया है। मानो जैसे ट्रांसफार्मर के चारों तरफ प्रकृति ने रक्षा सूत्र बांधा हुआ हो। बरसात के चलते इससे करंट लगने की संभावना और भी बढ़ जाती है। 

यूं तो जर्जर तार व खुले में ट्रांसफार्मर रखा होना आम बात है। लेकिन बच्चों के साथ ऐसी लापरवाही महकमा कर रहा है कि कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है। स्कूल से निकलने का केवल एक ही मार्ग है। जिससे बच्चे रोज आते जाते हैं।  लेकिन प्रशासन को  किसी बड़े हादसे का इंतजार है।

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