बरेली से संवाददाता डॉक्टर मुदित प्रताप सिंह की रिपोर्ट
जनपद बरेली _ असम मे भाजपा सरकार द्वारा मदरसों को आतंक के आरोपों मे बुल्डोजर से गिराने और यूपी मे उनका सर्वे कराने के डिसीजन पर जिला बरेली के मुस्लिम धर्मगुरु मौलाना शहाबुद्दीन और सांसद ओवैसी ने कड़ा एतराज जताते हुए भाजपा की हुकूमतों पर निकाली थी भड़ास।
यूपी व असम मे मदरसों पर भाजपाई हुकूमतों द्वारा बुल्डोजर सहित अन्य कार्रवाई को लेकर एक दिन पहले बरेली के मुस्लिम धर्मगुरु व दरगाह-ए-आला हज़रत से जुड़े संगठन तंजीम उलमा-ए-इस्लाम के राष्ट्रीय महासचिव मौलाना शहाबुद्दीन रज़वी के नाराज़गी जताने व कड़े तेवर अख्तियार का असर देखने को मिला है।मौलाना शहाबुद्दीन के मदरसों को लेकर सख्त बयान के बाद यूपी की योगी सरकार बैकफुट पर आती दिखाई दे रही है।यूपी सरकार के मदरसा शिक्षा बोर्ड के चेयरमैन को इस मामले पर सफाई देकर बयान जारी करना पड़ा है।मदरसा बोर्ड के चेयरमैन डा.इफ्तिखार जावेद ने यूपी सरकार द्वारा मदरसों के सर्वे कराने का मकसद समझाते हुए बताया कि प्रदेश मे मदरसों को मान्यता देने के लिए यह सर्वे कराया जा रहा है, जिसके अंतर्गत सर्वे कराकर सूचना संकलित करने के बाद उन्हें मान्यता के दायरे मे लाया जायेगा।चेयरमैन ने कहा कि यूपी मे पिछले 7 सालों से मदरसों को मान्यता नहीं दी गई है।इसलिए राज्य सरकार मदरसों को आधुनिक शिक्षा से जोड़ने और मदरसों की तालीम का दायरा बढ़ाने के इरादे से उन्हे रिकग्नाइज़ करना चाहती है।इफ्तिखार जावेद ने सर्वे को लेकर मुस्लिम नेताओं व धर्मगुरुओं के सरकार विरोधी बयानात को गलतफहमी करार दिया। ज़ाहिर है कि असम मे मदरसों को आतंकवादी कनेक्शन से जोड़ते हुए वहां की भाजपा हुकूमत द्वारा अब तक 4 से अधिक मदरसों को बुल्डोजर चलाकर तोड़ने और यूपी सरकार द्वारा मदरसों के सर्वे कराने को लेकर एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी और बरेली के इस्लामिक स्कॉलर मौलाना शहाबुद्दीन ने कड़ा एतराज जताकर दोनों राज्यों की भाजपाई हुकूमतों पर सवाल उठाये थे। माना जा रहा है कि इन लोगों के बयानात के बाद यूपी सरकार को मदरसों से संबंधित अपना मंतव्य स्पष्ट करना पड़ा।
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