रूठी पत्नी को मनाने के लिए लगाई छुट्टी की अर्जी हुई मंजूर, फिर घर वापस आ गयी बीवी



कानपुर। शादी के 37 साल बाद रूठकर मायके चली गईं 50 साल की बेगम को 55 वर्षीय शमशाद अहमद आखिर मान मनौव्वल कर घर ले आए। बेसिक शिक्षा विभाग में बाबू शमशाद उस समय सुर्खियों में आ गए थे, जब उन्होंने साफगोई से रूठी पत्नी को मनाकर घर लाने के लिए छुट्टी का प्रार्थनापत्र दिया था। यह प्रार्थनापत्र वायरल हो गया था। शमशाद के सात बच्चे हैं, जिनमें से चार की शादी हो चुकी है। 

शमशाद अहमद का निकाह शाहजहां के साथ 1985 में हुआ था। बुधवार को शमशाद अहमद बड़ी जद्दोजहद के बाद पत्नी को मायके से अपने घर ले आए। अब उनकी पांचों बेटियां और दोनों बेटे अम्मी की वापसी से खुश हैं। खंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय प्रेमनगर में लिपिक शमशाद ने पत्नी के रूठ कर मायके जाने पर जब छुट्टी के लिए आवेदन किया तो पत्र वायरल हो गया। उन्होंने प्रार्थना पत्र में लिखा था, पत्नी से प्यार मोहब्बत की बात को लेकर कुछ तकरार हो गई।

पत्नी को मायके से मनाकर लाने के लिए उन्होंने अवकाश मांगा था। खंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय प्रेम नगर में कार्यरत लिपिक को इस आग्रह के बाद तीन दिन का अवकाश स्वीकृत कर दिया गया था। स्टेशन छोड़ने की अनुमति भी दे दी गई थी। आरटीई में प्रवेश कराने के लिए चल रहे अभियान में शामिल लिपिक शमशाद अहमद का कहना है कि वह अवकाश चाहते थे लेकिन अवकाश नहीं मिल रहा था। हमने अपने परिवार की वास्तविक स्थिति को रखते हुए बीईओ से छुट्टी मांगी थी।

छुट्टी के लिए दिए  प्रार्थना पत्र में उन्होंने लिखा कि पत्नी के मायके चले जाने से वह मानसिक रूप से काफी आहत हैं। शमशाद ने इसके लिए 04 से 06 अगस्त तक तीन दिनों का अवकाश मांगा था। इस पत्र के वायरल हो जाने के बाद खंड शिक्षा अधिकारी दीपक अवस्थी ने लिखित से उनकी छुट्टी स्वीकृत कर दी।

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