Varanasi: राजातालाब का प्रसिद्ध दो दिवसीय रथयात्रा मेला 1 जुलाई से शुरू हुआ, गंदे पानी के जमाव से गुजरा भगवान जगन्नाथ का रथ



रिपोर्ट: प्रतीक जायसवाल
वाराणसी। राजातालाब आराजी लाईन क्षेत्र के राजातालाब का प्रसिद्ध दो दिवसीय रथयात्रा मेला 1 जुलाई शुक्रवार से शुरू हुआ। भगवान जगन्नाथ का रथ जिन मार्गों से गुजरा वो मार्ग हैं खस्ताहाल। जगह-जगह हो गए हैं बड़े-बड़े गड्ढे जिनमें जमा है गंदा पानी। ऐसे में भगवान जगन्नाथ का रथ इन गंदे पानी से ही हो कर गुजरा।

रथयात्रा मेले के तहत भगवान जगन्नाथ का रथ रानी बाजार, कचनार, राजातालाब, हरपुर, बीरभानपुर से होते तीन किमी लंबा रास्ता तय कर भैरव तालाब पहुँचा। इस तीन किलोमीटर मार्ग में जगह जगह जानलेवा गड्ढे हैं जिनमें इकट्ठा है मल जल। इसके चलते रथ तो इन गड्ढों से बड़ी मुश्किल से गुजरा वही दूर दराज से मेले मे आए लोगो को भी इन्हीं गड्ढों से गुजरना पड़ा। यहां यह भी बता दें कि इस मेले में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ जमा होती है। ऐसे में दुर्घटना से इंकार नहीं किया जा सकता।


मेला शुरू होने से पहले स्थानीय निवासी सामाजिक कार्यकर्ता राजकुमार गुप्ता ने उपरोक्त समस्याओं से प्रशासन से समाधान की माँग रखी थी। दरअसल इन मार्गो के किनारे स्थित सीवर, नालो की सफाई नही होने, नालो के ढक्कन खुले होने से सड़कों की हालत खस्ता हो चली है। आम दिनों में ही हमेशा इन मार्गों पर अनहोनी की आशंका बनी रहती है फिर यह तो मेला है।

बता दें कि रानी बाजार स्थित महाराजा बलवंत सिंह विधि महाविद्यालय परिसर से रथयात्रा का शुभारंभ काशिराज परिवार के प्रतिनिधि कुंवर अनंत नारायण सिंह रथ खींचकर किया है। इस मेले मे सम्भ्रान्त लोगो के अलावा जनप्रतिनीधि, सहित प्रशासनिक अमला भी शामिल हुआ। बावजूद इसके यह मार्ग दुर्दशा ग्रस्त है। स्थानीय निवासी सामाजिक कार्यकर्ता राज कुमार गुप्ता ने बताया कि इस समस्या के समाधान के लिए आलाधिकारीयों से कई बार स्थानीय लोगों व जनप्रतिनीधियो ने गुहार लगाई, क्षेत्रीय विधायक व नील रतन पटेल नीलू से भी अनुरोध किया गया लेकिनआजतक कुछ नही हुआ। समस्या जस की तस बनी हुई हैं। मेला वैश्विक महामारी के चलते दो साल बाद लगा लेकिन राज परिवार पुरानी परम्परा को तोड़ते हुए बिना हाथी घोड़ा रथयात्रा निकाली जिससे मेला में आए लोग निराश हुए।

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