वाराणसी में काशी विश्वनाथ मंदिर से सटी ज्ञानवापी मस्जिद में स्थित वजूखाना को सोमवार की शाम सील कर दिया गया। इसी वजूखाना में हिन्दू पक्ष ने शिवलिंग होने का दावा कोर्ट में किया था। इसके बाद कोर्ट ने वजूखाना को तत्काल सील करने और सुरक्षा के लिए सीआरपीएफ की तैनाती का आदेश दिया था। कोर्ट के आदेश के बाद जिला प्रशासन की तरफ से एडीएम प्रोटोकॉल, डीसीपी सुरक्षा और सीआरपीएफ कमांडेंट की मौजूदगी में सील करने की कार्यवाही पूरी की गई। वजूखाना को सीआरपीएफ के हवाले भी कर दिया गया है। सीआरपीएफ की टीम अब मस्जिद के अंदर वजूखाना के पास ही तैनात कर दी गई है।
कोर्ट के आदेश पर लगातार तीसरे दिन ज्ञानवापी मस्जिद में सर्वे का काम शुरू हुआ और पूरा भी कर लिया गया। सर्वे पूरा होने के बाद हिंदू पक्ष ने दावा किया कि यहां स्थित वजूखाना में शिवलिंग मिला है। हिंदू पक्ष ने तत्काल इसकी जानकारी अदालत को भी दी और शिवलिंग की सुरक्षा की मांग की। इस पर अदालत ने डीएम को आदेश दिया कि जिस स्थान पर शिवलिंग प्राप्त हुआ है, उसे तत्काल सील कर दें। किसी भी व्यक्ति को वहां जाने न दें। वहां पर सीआरपीएफ की तैनाती का भी आदेश दिया।
कोर्ट ने शिवलिंग की जगह को सील करने के आदेश के साथ ही साथ ही अधिकारियों की व्यक्तिगत जिम्मेदारी भी तय कर दी थी। कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि जिलाधिकारी, पुलिस कमिश्नर और सीआरपीएफ कमांडेट को आदेशित किया जाता है कि जिस स्थान को सील किया गया है, उस स्थान को संरक्षित और सुरक्षित रखने की पूर्णत: व्यक्तिगत जिम्मेदारी उपरोक्त समस्त अधिकारियों की व्यक्तिगत रूप से मानी जाएगी। कोर्ट से आदेश की कापी मिलते ही अधिकारियों की टीम सीआरपीएफ के साथ मस्जिद के अंदर स्थित वजूखाना पर पहुंची और उसे सील करने की कार्यवाही पूरी की गई।
मंगलवार को सर्वेक्षण की रिपोर्ट कोर्ट में सौंपी जानी है। इसी दिन सुनवाई की भी तारीख है। ऐसे में माना जा रहा है कि रिपोर्ट पेश होने के बाद अदालत की ओर से कोई और आदेश भी मंगलवार को आ सकता है।
ज्ञानवापी सर्वे पूरा होते ही हिंदू पक्ष ने वहां शिवलिंग मिलने का दावा किया। हिंदू पक्षकार सोहनलाल आर्य ने कहा कि जितना सोचा था उससे अधिक साक्ष्य मिले हैं। हालांकि मुस्लिम पक्ष इस दावे को पूरी तरह से नकार रहा है। मुस्लिम पक्ष का दावा है कि ज्ञानवापी मस्जिद में ऐसा कुछ नहीं मिला है। दावे-प्रतिदावे के बीच कोर्ट कमिश्नर अजय कुमार मिश्र ने कोर्ट की गाइडलाइन का हवाला देते हुए शिवलिंग पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी। प्रशासन ने भी ऐसे दावे से पल्ला झाड़ते हुए लोगों से अपील की कि वे सिर्फ अधिकारिक बयान पर ही ध्यान दें। प्रशासन की ओर कहा गया कि यदि किसी भी पक्षकार ने अपनी निजी इच्छा से कोई बात बताई है तो यह उसका निजी विचार है।
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