निजी स्कूलों के खिलाफ कार्यवाही करने से बच रहा है बेसिक शिक्षा विभाग, सैकड़ों बच्चों का भविष्य अधर में

  • शिक्षा का अधिकार कानून के अनुपालन में अनियमितता के खिलाफ दिया गया धरना

  • जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपा गया

  • शिक्षा के अधिकार कानून के अनुपालन में की जा रही है हीला हवाली

  • सैकड़ों बच्चों का भविष्य अधर में
 


रिपोर्ट: प्रतीक जायसवाल
वाराणसी के विभिन्न संगठनों से जुड़े सामाजिक कार्यकर्ताओं  एवं अभिभावकों ने सोमवार को जिलाधिकारी कार्यालय के समक्ष धरना दिया और शिक्षा के अधिकार कानून के अनुपालन में हो रही अनियमितताओं को दूर करने के लिए ज्ञापन दिया.  अपर न्यायिक मजिस्ट्रेट चतुर्थ ने ज्ञापन स्वीकार करते हुए उचित कार्यवाही का आश्वासन दिया। 

प्रदर्शनकारियों ने बताया कि सभी के लिए निःशुल्क एवं अनिवार्य शिक्षा के अधिकार अधिनियम 2009 की धारा 12 -1 -ग के अनुसार सभी निजी स्कूलों में गरीब एवं वंचित वर्ग के 25 प्रतिशत बच्चों को निशुल्क शिक्षा हेतु प्रवेश देने की व्यवस्था की गयी है किन्तु नामचीन निजी स्कूलों के प्रभाव के कारण शिक्षा विभाग इस व्यवस्था को लागू करवा पाने में असहाय सा प्रतीत होता है. जिले में लगभग 1900 स्कूल हैं जबकि शिक्षा विभाग के पोर्टल पर केवल 1200 के आस पास ही प्रदर्शित किये गये हैं. प्रथम चरण की लाटरी में 6152 बच्चो का नाम आया है जिनमे से मुश्किल से 10 प्रतिशत बच्चों को ही प्रवेश मिल पाया है , निजी स्कूलों द्वारा आदेश की खुलेआम धज्जियां उड़ाई जा रही हैं लेकिन शिक्षा विभाग क तरफ से कोई दंद्ताम्क कार्यवाही नही  हो रही है. सैकड़ों की संख्या में आवेदन फ़ार्म बिना किसी ठोस आधार के निरस्त कर दिए गये हैं . विगत 3-4 शैक्षणिक सत्रों का शुल्क प्रतिपूर्ति का भुगतान स्कूलों और अभिभावकों को नही किया गया है. अभिभावकों द्वारा शिकायत करने पर बेसिक शिक्षा विभाग के कर्मियों और निजी स्कूलों द्वारा उनके साथ दुर्व्यवहार किया जाता है.शिक्षा विभाग की अनदेखी के कारण हजारों बच्चों का भविष्य अंधकारमय हो गया है।



ज्ञापन देने वालों में प्रमुख रूप से गौतम सिंह, विनय कुमार सिंह, वल्लभाचार्य पाण्डेय, दीपक वर्मा, ईश्वर चन्द्र, गुफान जावेद, रौनक जायसवाल आदि उपस्थित रहे।

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