ED ने जब्त की Amway की 757 करोड़ की संपत्ति, मेंबर बनाकर फ्रॉड का आरोप, बेचती थी महंगा सामान



नई दिल्ली: डायरेक्ट मार्केटिंग कंपनी एमवे से जुड़ी 757.77 करोड़ रुपये की संपत्तियों को प्रवर्तन निदेशालय ने जब्त कर लिया है। इस कंपनी पर आरोप है कि उसने लाखों लोगों को अपनी स्कीम लुभावने वादे देकर बेच दी और उससे करोड़ों रुपये कमाए। सोमवार को प्रवर्तन निदेशालय की ओर से जारी बयान में कहा गया, 'एमवे इंडिया की ओर से लोगों को बताया जाता था कि कैसे नए मेंबर्स के जुड़ने से वे अमीर हो सकती हैं। इसके जरिए किसी उत्पाद की बिक्री नहीं की जाती थी।' ईडी ने कहा कि कुछ उत्पादों का इस्तेमाल यह दिखाने के लिए किया जाता था कि एमवे कंपनी डायरेक्ट सेलिंग का काम करती है।


कंपनी की संपत्तियों को ईडी की ओर से मनी लॉन्ड्रिंग ऐक्ट के तहत जब्त किया गया है। ईडी ने जिन संपत्तियों को जब्त किया है, उनमें कंपनी की तमिलनाडु के दिंडिगुल जिले में स्थित फैक्ट्री बिल्डिंग शामिल है। इसके अलावा प्लांट एवं मशीनरीज, वाहन, बैंक खाते और फिक्स्ड डिपॉजिट शामिल हैं। इससे पहले एजेसी ने कंपनी की 411.83 करोड़ रुपये की चल और अचल संपत्ति को जब्त कर लिया था। यही नहीं 36 अलग-अलग खातों से 345.94 करोड़ रुपये की रकम भी जब्त की गई है। हैदराबाद पुलिस ने 2011 में एमवे के खिलाफ शिकायत दर्ज की थी। उसी के तहत यह कार्रवाई की गई है।


एमवे के देश भर में 5.5 लाख डायरेक्ट सेलर्स अथवा मेंबर्स थे। जांच में खुलासा हुआ कि एमवे की ओर से पिरामिड फ्रॉड किया जा रहा है, जिसके तहत इस वादे के साथ मेंबर्स जोड़े जाते थे कि उनके बाद जुड़ने वाले सदस्यों के जरिए उन्हें कमाई होगी और वे अमीर बन जाएंगे। ईडी ने कहा कि इस कंपनी की ओर से जो प्रोडक्ट्स बेचे जाते थे, उनकी कीमत दूसरे लोकप्रिय ब्रांड्स की तुलना में काफी अधिक होती थी। एजेंसी ने कहा कि आम लोगों को मेंबर बनाया जाता था और उसके बदले में मोटी फीस वसूली जाती थी और मुनाफे का लालच देकर उन्हें कंपनी के उत्पादों को खरीदने के लिए प्रोत्साहित किया जाता था। इस तरह से आम लोग अपनी मेहनत की कमाई एमवे में गंवा रहे थे, जबकि कंपनी के शीर्ष पर बैठे लोग लगातार अमीर हो रहे थे।

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