वाराणसी: किसान मुद्दे पर बीएचयू के छात्र-छात्राओं से पुलिस की नोंक-झोंक



रिपोर्ट: प्रतीक जायसवाल
वाराणसी । केन्द्र सरकार द्वारा किये गये वादाखिलाफी के विरोध में काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राओं द्वारा सोमवार के शाम लंका गेट पर विश्वासघात दिवस का आयोजन किया गया था। छात्र-छात्राएं केन्द्र सरकार द्वारा किसान एवं किसान आंदोलन से किये वादाखिलाफी के विरोध में अपनी बात रख रहे थे, तभी पुलिस प्रशासन ने वर्तमान सत्ताधारी पार्टी के छात्र-संगठन के कार्यक्रम को सफलता से आयोजित करने के लिए पहले विश्वासघात दिवस मना रहे छात्र-छात्राओं से धक्का-मुक्की करने लगा। पुलिस प्रशासन के उक्त रवैए से नाराज होकर छात्र-छात्राएं भी प्रशासन और सत्ता के खिलाफ नारेबाजी करने लगे।



जानकारी के लिए बताना है कि किसान मोर्चा के बैनर तले देश के किसानों ने केंद्र सरकार की किसान विरोधी कानून को रद्द करने, न्यूनतम समर्थन मूल्य की कानूनी गारंटी हासिल करने और अन्य किसान विरोधी नीतियों के खिलाफ एक अभूतपूर्व आंदोलन चलाया। इस आंदोलन के चलते केन्द्र सरकार ने तीन किसान विरोधी कानूनों को रद्द कर दी। केन्द्र की भाजपा सरकार ने केवल कानून ही रद्द नहीं की, बल्कि संयुक्त किसान मोर्चा के छह मुद्दों पर भी काम करने का आश्वासन दे दी, जिसका लिखित रूप 'कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय' के सचिव श्री संजय अग्रवाल ने 9 दिसंबर 2021 को संयुक्त किसान मोर्चा को मिला। उक्त पत्र सरकार ने कुछ मुद्दों पर सरकार की ओर से आश्वासन दिए और आंदोलन को वापस लेने का आग्रह किया। इस चिट्ठी पर भरोसा कर संयुक्त किसान मोर्चा ने दिल्ली के बॉर्डर पर लगे मोर्चा और तमाम धरना प्रदर्शनों को 11 दिसंबर से उठा लेने का निर्णय लिया।

अफसोस की बात यह है कि जैसे वर्तमान सरकार हमेशा अपने वादे मुकरती आयी है, उसका वही रवैया दिल्ली में साल भर से अधिक दिनों तक आन्दोलन करने वाले किसानों के साथ भी रहा है और सरकार ने एक बार फिर देश के किसानों के साथ धोखा की। भारत सरकार के 9 दिसंबर के जिस पत्र के आधार पर किसानों ने मोर्चे उठाने का फैसला किया था, सरकार ने उनमें से कोई वादा पूरा नहीं किया है। इसलिए पूरे देश के किसानों ने 31 जनवरी, 2022 को विश्वासघात दिवस मनाने का फैसला लिया था। 

काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राओं ने देश के अन्नदाताओं की उक्त लडा़ई में हमेशा अपने बाप-दादाओं के साथ खड़ा रहा है। जब-जब नेशनल कॉल आयी, सबने किसान आंदोलन के पक्ष में बीएचयू से अपनी आवाज बुलंद किया। संयुक्त किसान मोर्चा के राष्ट्रीय आह्वान पर सोमवार के शाम फिर से विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राओं ने एकत्रित होकर सत्ता को यह बताने आये थे कि सत्ता किसान के धैर्य की परीक्षा लेना बंद करे और अपने वादों को जल्द से जल्द पूरा करे।

विश्वासघात दिवस में शामिल छात्र-छात्राओं ने कहा कि पश्चिम बंगाल के चुनाव में जैसे संयुक्त किसान मोर्चा ने बीजेपी का बहिष्कार करने का फैसला किया था, वैसे फैसला फिर किसान मोर्चा यूपी विधानसभा चुनाव-2022 को लेने जा रहा है। विश्वासघात दिवस के दिन आज हम यह संकल्प लेते हैं कि संयुक्त किसान मोर्चा के उक्त फैसला को हम सब स्वागत करेंगे और सन् 2022 होने वाले यूपी विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी का वहिष्कार एवं विरोध करेंगे।

काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के मुख्य द्वार लंका गेट पर केन्द्र सरकार के वादाखिलाफी के विरोध में विश्वासघात दिवस में प्रज्ञा सिंह, आकांक्षा, इप्सिता, शुभम सिंह, रंजीत कुमार भारती, आकाश यादव, उदय पाल, अजीत यादव, बलीराम प्रजापति, राणा रोहित, राजेश कुमार, संतोष कुमार मौर्य, विकास आनंद, मारुति मानव, शशिकांत, अनुपम, विनय, राहुल पटेल, शिवदास प्रजापति, भुवाल यादव समाजवादी युवजन सभा और विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र नेता अफलातून देसाई एवं चौधरी राजेन्द्र सहित सैकड़ों छात्र-छात्राएं शामिल थे।

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