जौनपुर: महिला कर्मचारियों ने दी मांगें पूरी न होने पर उग्र आंदोलन की चेतावनी



रिपोर्ट: उमेश तिवारी
जौनपुर। छह सूत्रीय मांगों को लेकर आशा बहू कल्याण समिति के तत्वावधान में आशा बहू व आशा संगिनी ने सोमवार को कलेक्ट्रेट परिसर में धरना दिया। मांगें पूरी न होने पर उग्र आंदोलन की चेतावनी दी। मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन जिला प्रशासन को सौंपा। 

धरना सभा की अध्यक्षता करते हुए जिलाध्यक्ष सुषमा मौर्य ने कहा प्रांतीय नेतृत्व के आह्वान पर 18 दिसंबर से लगातार सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों व उपकेंद्रों पर कार्य बहिष्कार कर प्रदर्शन किया जा रहा है, लेकिन आज तक सरकार ने मांगों को लेकर सार्थक पहल नहीं की है। चेतावनी दिया कि समस्याओं का जब तक समाधान नहीं हो जाता आंदोलन जारी रहेगा। प्रमुख मांगों में प्रोत्साहन राशि भुगतान की बजाय एक निश्चित मानदेय की व्यवस्था की जाए, आशा एवं संगिनी के लिए एक शिकायत हेल्प लाइन की व्यवस्था, उचित कर्मचारी का दर्जा दिया जाए, क्षेत्र एवं अन्य विभागीय कार्यालयों के भ्रमण के दौरान जोखिम व्यवस्था में बीमा की व्यवस्था की जाए, विभागीय शोषण से सुरक्षा, योग्यता एवं शिक्षा के आधार पर एएनएम पद पर पदोन्नति शामिल है। जिला उपाध्यक्ष निशा सिंह, प्रतिमा शर्मा, मंजू देवी, दुर्गावती पटेल, निर्मला पाठक, पुष्पा बिद, सरोज आदि रहीं। इसी क्रम में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सिकरारा पर मानदेय को लेकर आशा कार्यकर्ताओं ने धरना-प्रदर्शन किया। अस्पताल में होने वाली नसबंदी प्रक्रिया का विरोध कर गेट पर तालाबंदी करने की कोशिश की तो अस्पताल के कर्मियों से नोक- झोंक हुई। दिन में लगभग 12 बजे ब्लाक अध्यक्ष निर्मला पाठक की अध्यक्षता में भारी संख्या में आशा कार्यकर्ता व आशा संगिनी एकत्रित हुईं। लगभग डेढ़ बजे जब चिकित्सकों ने नसबंदी के लिए बुलाए गए लोगों को अस्पताल परिसर के आपरेशन कक्ष में प्रवेश कराने लगे तो आशाओं ने गेट पर तालाबंदी की कोशिश की। इसी दौरान सभी मुख्य द्वार पर प्रदर्शन कर नारेबाजी करने लगी। प्रदर्शन करने वालों में गीतांजलि पटेल, सुनीता, चंद्रकला दूबे, ज्ञाना मौर्या, चंद्रकला, रूपम, रमावती, चिता, रीता व सुमन देवी सहित भारी संख्या में आशा कार्यकर्ता व संगिनी मौजूद थी।

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