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| व्यंग: चैतन्य भट्ट |
भारत में चाँद को लेकर कितनी ही उपमाएं दी जाती हैं , चाँद को महिलाओं की खूबसूरती का प्रतिमान माना जाता है । शायरों, कवियों, गीतकारों ने चाँद की मासूमियत, उसके हुस्न को लेकर न जाने कितने शेर, कितने गीत, और न जाने कितनी कवितायेँ लिख डाली हैं जब आशिक अपनी महबूबा के हुस्न की तारीफ करता है तो कहता है “चाँद सी महबूबा हो मेरी कब ऐसा मैंने सोचा था” जब प्रेमी प्रेमिका रात के अँधेरे में मिलते है तो चाँद की तरफ इशारा करके गाते है “देखो वो चाँद छुपके करता है क्या इशारे” एक ने तो अपनी महबूबा के हुस्न को लेकर चाँद को भी पीछे छोड़ दिया वो कहता है “चाँद आहें भरेगा फूल दिल थाम लेंगे हुस्न की बात चली सब सब तेरा नाम लेंगें” , एक ने तो माशूका को देखकर कह दिया “चौदहवी का चाँद हो या आफताब हो” बच्चे इस चाँद को अपना मामा कहते हैं और एक स्वर में गाते है ""चंदा मामा दूर के पुए पकाये पूर के आप खाएं थाली में मुन्ने को दें प्याली में” चाँद को हिन्दू देवता मानते आये है और मुस्लिम भाइयों के लिए तो ईद के चाँद का सबसे ज्यादा महत्त्व है । इधर वैज्ञानिक भी चाँद में जीवन की खोज करने में जुटे हुए है यानि कुल जमा चाँद का और इंसानो का बड़ा गहरा रिश्ता है l चाँद की चांदनी दिल को सुकून देती है, पूनम का चाँद अजीब सी कशिश पैदा करता है और उसे छूने के लिए समुद्र की लहरें बेचैन होकर उसे चूमने के लिए बहुत ऊंचाई तक जाने की कोशिश करती हैं , लेकिन अब पता लगा है कि ये चाँद ही दुनिया में सारी गड़बड़िया फैला रहा है l नासा के वैज्ञानिकों का कहना है कि इन दिनों दुनिया में जो कुछ भी गड़बड़ सड़बड़ हो रही है यानि कहीं तूफ़ान आ रहा है, तो कहीं बादल फट रहे हैं ,कंही बाढ़ आ रही है, तो कंही सूखा पड़ रहा है, कंही ग्लेशियर पिघल रहे है तो कंही जंगलों में आग लग यही है, ये सब चाँद के कारणों से हो रहा है वे तो ये भी भविष्यवाणी कर रहे हैं कि 2030 में जलवायु परिवर्तन के चलते चाँद में लड़खड़ाहट आएगी जिसके कारण विध्वंसकारी बाढ़ आएगी जिससे भारी नुकसान होगा , लोगों की मौत भी होगी अरबों का नुकसान भी होगा l अभी तक तो अपन को ये ही मालूम था कि सूर्य भगवान गुस्सैल है जब वे अपना रौद्र रूप दिखाते है तो सारी दुनिया काँप जाती है पर ये चाँद तो बड़ा ही "छुपा रुस्तम" निकला , अपना क्या सारी दुनिया चाँद को शांत, निर्मल, मासूम, हसीन और बेहद नाजुक मानती थी पर चाँद के कारण ये सारे उपद्रव हो रहे हैं ये किसी को नहीं मालूम था , लेकिन अब नासा के वैज्ञानिकों ये पता लगा लिया है कि चाँद को हम लोग जितना सीधा साधा समझ रहे थे वो उतना सीधा नहीं हैं । अपनी चाँद से ये ही इल्तजा है कि प्यारे चाँद तुम तो खूबसूरती की निशानी माने जाते हो तो दुनिया में उपद्रव फैला कर क्यों उसे बदसूरत बनाने पर तुल गए हो आखिर ऐसा क्या गुनाह हो गया इंसानों से कि तुम उनकी लाई लूटने पर आमादा हो गए हो , तुम्हारी लड़ाई तो "राहु केतु" से है इंसानो को क्यों अलसेट दे रहे हो ऐसा जुलुम मत ढाना ,और जंहा तक लडख़ड़ाने की बात है अभी से अपने आप को संभाल लो ताकि लड़खड़ाने की नौबत ही न आने पाए समझ गए न l


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