जिनके हाथों मे देश की बागडोर थी वह किसानों के हितों के लिए कोई काम नही किए - राम निवास


लखनऊ: राष्ट्रीय अन्नदाता यूनियन के राष्ट्रीय संयोजक रामनिवास यादव ने किसानों के हित मे लाये गए नये कृषि बिल के समर्थन हेतु अपने आन्दोलन को धार देने के लिये आज कामधेनु रेस्टोरेंट मलिहाबाद मे यूनियन के पदाधिकारियों की उपस्थिति मे प्रेस कान्फ्रेंस कर कहा की आजादी से लेकर आज तक जिनके हाथों मे देश की बागडोर थी वह किसानों के हितों के लिए कोई काम नही किए सारे नियम कानून अपने फायदे के लिए बनाए। उन्होने कांग्रेस पार्टी के लोगों से पूंछा की क्या किसान सिर्फ पंजाब और हरियाणा मे ही हैं बाकी के प्रदेशों मे किसान नही है?

 राम निवास ने कहा की कांग्रेस तो इस बात को बाकायदा अपने चुनावी घोषणा पत्र मे लेकर आयी थी की अगर हमारी सरकार बनी तो वह कृषि कानून लागू कर किसानों की आय बढ़ाने के लिए किसानों को बिचौलियों से मुक्त कराने का काम करेंगे लेकिन आज वही कानून जब मौजूदा सरकार लेकर आयी तो फिर उसका विरोध क्यों? यह कौन सी मंशा लेकर आप लोग राजनीति कर रहे हैं? 

धरने पर बैठे लोगों को राम निवास ने याद दिलाते हुए कहा की अतीत मे भी कृषि कानून बनाने के लिए तमाम आन्दोलन हुए।उन्होने सपा सरंक्षक व किसान नेता श्री मुलायम सिंह यादव का जिक्र करते हुए कहा वह स्वयं इसके समर्थक थे आज उनकी ही पार्टी के लोग उसी कानून का विरोध कर रहे हैं। आगे उन्होने कहा की देश के किसान नेता स्व.महेंद्र सिंह टिकैत जिनका नाम जोड़कर आजकल परचून की दुकान की तरह अपनी - अपनी यूनियन बनाए हुए जो प्रापर्टी डीलर किसान बने घूम रहे हैं और तो और उनके स्वयं के बेटे जिनका इस आन्दोलन से कोई मतलब नही, जो पिता की विरासत तक नही संभाल पाए वह भी इसी मे लगे हैं जबकि स्व.महेंद्र टिकैत भी कृषि बिल के समर्थक थे।

देश के गौरव स्व.लाल बहादुर शास्त्री व सरदार बल्लभ भाई पटेल की भी यही मंशा थी की किसानों को बिचौलियों से मुक्त कराया जाए तो फिर आज विपक्ष के लोग कृषि कानून को लेकर भ्रम फैलाने पर क्यों आमादा है? उन्होने आगे कहा की ये तीनों बिल जो मौजूदा सरकार लेकर आयी है इससे सभी दलों की नींद उड़ गयी है क्योंकि इस बिल के आ जाने से उनकी आय का एक बड़ा हिस्सा समाप्त हो जाएगा क्योंकि बिचौलिए जब समाप्त होंगे तो इनकी भी आय बंद हो जाएगी क्योंकि ज्यादातर मंडियों पर हर जगह इनका कब्जा है इसीलिए यह लोग भोले-भाले किसान भाइयों को बहला फुसलाकर भ्रमित करने का काम कर रहे हैं और धरना दे रहे हैं।

उन्होने कहा की क्या देश का किसान वास्तव मे इतना समृद्ध हो गया है की वह ट्रैक्टर ट्राली मे ही आलीशान रहने खाने की व्यवस्था कर सके? ट्राली मे ही मसाज व्यवस्था और बिसलेरी की बोतल लेकर जाए? और मोदी मुर्दाबाद के नारे लगाए?

उन्होने कहा यह हमारे देश के किसान के रूप मे बहरूपीये हैं और राष्ट्रीय अन्नदाता यूनियन के लोग इनको बेनकाब करने का काम करेंगे। 

राम निवास ने कांग्रेस शासनकाल की याद दिलाते हुए कहा की 2014 के पहले कोटेदार के यहां कोटे पर एक-दो लीटर मिट्टी के तेल के लिए आए दिन लड़ाई होती थी लेकिन मौजूदा सरकार ने किसानों के बारे मे सोचा की देश की अधिकांश आबादी आज भी जब उसकी फसल ओला,भारी बारिश या अन्य दैवी आपदा के कारण नष्ट हो जाती है तो किसान को भोजन तक के लाले पड़ जाते हैं किसान को भोजन इत्यादि की चिंता न रहे उसके लिए देश की 80% आबादी के लिए मौजूदा सरकार ने पर यूनिट 5kg राशन और बी.पी.एल परिवार के लिए 35kg की व्यवस्था सुनिश्चित की। किसानों का सम्मान बना रहे उसे किसी के सामने फसल के समय खाद बीज के लिए हाथ न फैलाना पड़े इसके लिए मौजूदा सरकार ने किसान सम्मान निधि योजना के तहत किसानों को 6000रु. प्रतिवर्ष देने का काम किया।

इन्हीं सब बातों को बताने के लिए राष्ट्रीय अन्नदाता यूनियन के लोग किसानों के बीच गांव-गांव जाकर लोगों को जागरूक करेंगे अभियान की शुरुवात 26 दिसंबर 2020 को लखनऊ से की जाएगी पहले इसे प्रदेशव्यापी और बाद मे देशव्यापी बनाकर धार दी जाएगी। इस अवसर पर अवधेश प्रताप सिंह जीतेन्द्र अवस्थी विमल यादव लवकुश यादव राजपाल यादव शाहनवाज हुसैन आदि लोग मुख्य रूप से उपस्थित रहे।

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