रिया के सामने दाऊद की औकात ही नहीं बची.....


व्यंगकर्ता - चैतन्य भट्ट (वरिष्ठ पत्रकार)

अपने को तो अभी तक मालूम था कि "दाऊद" सबसे बड़ा अपराधी है और उसको दुनिया भर की पुलिस और एजेंसियां खोज रही हैं लेकिन जब से अपन ने भारत के नेशनल कहे जाने वाले न्यूज़ चैनल्स देखना शुरू किया है तब से लगता है रिया चक्रवर्ती के सामने दाऊद की धेले भर की औकात नहीं है। 

नेशनल न्यूज़ चैनल इन दिनों सुशांत सिंह राजपूत की आत्महत्या या हत्या के मामले में जितनी जांच पड़ताल कर रहे हैं उसको देख कर लगता है कि "सीबीआई" के अफसर अपने घरों में चादर ओढ़ कर सो गए क्योंकि जितने गवाह और जितनी जानकारियां "अरनव गोस्वामी" के पास है उसकी एक चौथाई भी सीबीआई को अब तक नहीं मिल पाई हैं। 


सीबीआई के तमाम अफसर, जो जांच में शामिल है सुबह से शाम तक केवल ,,"रिपब्लिक भारत" टीवी देखते हैं और उनको वह तमाम खुफिया जानकारी मिलती जा रही हैं जो महीनों सालों की जांच के बाद भी नहीं मिल पाती। 


हर एक न्यूज़ चैनल्स रोज एक न एक आदमी को पकड़ लाते हैं जो सुशांत को जानता था। उनके मित्र तक तो ठीक था अब न्यूज़ चैनल वाले सुशांत के "जूते पॉलिश करने वाले", "कपड़े धोने वाले," "पोस्टमैन" ,"नल बदलने वाले","बाथरूम साफ करने वाले,"सब्जी बेचने वाले", "बिल्डिंग के सामने खड़े होने वाले भिखारी" ,उसकी मोटर सायकल सुधारने वाले मेकेनिक" उसमें पेट्रोल भरने वाले कर्मी,  को भी टीवी पर लाने वाले हैं और उनसे सुशांत की हत्या या आत्महत्या के बारे में पूरी जानकारी लेकर दर्शकों को बताने वाले हैं। 


अभी तक तो "मुंबई पुलिस" और उसके बाद "सीबीआई" इसकी जांच कर रही थी अब "नारकोटिक्स ब्यूरो" और "ईडी" भी इस मामले की जांच में जुट गई है। 


अपने को तो लगता है की अमेरिका की सबसे बड़ी खुफिया एजेंसी "सीआईए" और "फेडरल ब्यूरो आफ इन्वेस्टिगेशन" ,आस्ट्रेलिया की "ऑस्ट्रेलियन सीक्रेट इंटेलिजेंस सर्विस" ,कनाडा की "कनाडा अपराध खुफिया सेवा," डेनमार्क की "खुफिया सेवा", जर्मनी  की "संघीय सेवा" ,इटली की" इतावली खुफिया समुदाय," चीन की "मिनिस्ट्री ऑफ स्टेट  सिक्योरिटी", ब्राजील की ब्राजील खुफिया एजेंसी "और भारत की बची खुची एजेंसी "राॅ "भी इस मामले की जांच शुरू करने वाली है क्योंकि न्यूज़ एजेंसी वालों को लगता है सीबीआई में दम नहीं बचा है और रिया चक्रवर्ती जिस तरह की शातिर महिला है उसकी जांच मैं "इंटरपोल" को भी शामिल करना बहुत जरूरी हो गया है।


रिया चक्रवर्ती के एक - एक पल की खबर एजेंसी वालों के पास है कि "वह कब सो कर उठी", "कब बाथरूम गई," "उसने कब नाश्ता किया"," नाश्ते में क्या था", "कब उसने कपड़े बदले" ,"कब उसने अपना दाहिना पैर अपने फ्लैट से बाहर निकाला", "कब उसने कार का दरवाजा खोला", "कब कार में बैठी","कब उसने ड्राइवर से कहा चलो", "कार में बैठे-बैठे उसने कब दाएं देखा और कब बाएं", वह कब कार से उतरी" ,"उसने कब पलक झपकाने की कोशिश की","कब अपने बालों में हाथ फेरा", "उसने कब गर्दन घुमाई," "कब पैरों में खुजली की। ये तमाम बातें अपने न्यूज़ चैनल वालों को पता है और वह एक - एक सेकंड की खबर  अपने दर्शकों को परोस रहे हैं।

 

बेरोजगारी जाए भाड़ में ,देश की अर्थव्यवस्था की ऐसी तैसी हो जाए, लोगों की नौकरियां चली जाए, किसानों की फसलें बर्बाद हो जाएं, बाढ़ में लोगों के घर डूब जाए, उनके पास खाने को ना रहे ,इन सब बातों से इनका कोई लेना-देना नहीं है इनको सिर्फ और सिर्फ रिया चक्रवर्ती की कुंडली खंगालने में "इंटरेस्ट" है "रिपब्लिक भारत" उसके मालिक "अर्णब गोस्वामी "और उनके तमाम एंकर सुबह से शाम तक केवल रिया चक्रवर्ती ,रिया चक्रवर्ती के नाम की चिल्ला चोट मचाते रहते हैं लगता है उन्हें सपने में भी रिया चक्रवर्ती ही दिखाई देती होगी। 


वैसे एक बात जरूर है करोड़ों रुपया खर्च करने के बाद भी इतनी पब्लिसिटी रिया चक्रवर्ती को मिल पाती जो उसको फ्री फोकट में हासिल हो रही है, कुछ दिन रुक जाओ उसके पास फिल्मों की लाइन लग जाएगी उसे" बिग बॉस" में बुलाया जाएगा ,और अगर वह निर्दोष मान ली गई तो वह महिला संगठनों की सबसे बड़ी नेता बन जाएगी ,यह भी हो सकता है कि कोई पार्टी उसे लोकसभा की टिकट दे दे या फिर सीधे-सीधे उसे राज्यसभा में पहुंचा दे। 


अपनी भारतीय संस्कृति में यह माना जाता है इंसान की मौत के बाद उसकी अच्छाई और बुराई के बारे में कोई चर्चा नहीं की जाती लेकिन न्यूज़ चैनल वाले स्वर्गीय सुशांत राजपूत की जिंदगी की ऐसी - ऐसी जानकारियां सामने ला रहे हैं जिसे देखकर ऊपर बैठी उसकी आत्मा भी कराह रही होगी।


सुशांत ड्रग्स लेता था ,उसके कई लड़कियों से अफेयर थे, उस पर मी टू का आरोप भी लग चुका था जैसी तमाम बातें  जो अभी तक किसी को नहीं मालूम थी वह सारी की सारी बातें जनता के सामने आ गई है। सुशांत तो चला गया पर  उसके बारे में जो - जो जानकारियां न्यूज़ चैनल वाले बता रहे उससे सुशांत की आत्मा को कितना दुख पहुंच रहा होगा इससे उन्हें  कोई मतलब नहीं है ,उनकी टीआरपी नंबर एक पर बनी रहे सारा का सारा जोर इसी बात पर है, किसी के चरित्र का भट्टा बैठ जाए , किसी को गुनहगार साबित कर दिया जाए किसी की बखिया उधेड़ दी जाए इसके अलावा अब कोई काम नेशनल चैनल्स के पास बचा नहीं है। 


रिया चक्रवर्ती को इंडिया में कुछ लोग ही जानते थे पर आज  उसे भारत का बच्चा - बच्चा जानने और पहचानने लगा है। उसकी तमाम तरह की फोटो जो शायद उसके पास भी अवेलेबल नहीं होंगी वे सब सोशल मीडिया में नमूदार हो रही हैं। 


इधर अब इतना पंगा हो गया है कि सुशांत के घरवालों से भी पूछताछ होने वाली है उधर रिपब्लिक भारत के नंबर वन की पायदान पर पहुंचने से घबराए "आजतक" ने सोचा कि वो क्या करें सो उनके महान संपादक राजदीप सरदेसाई ने रिया चक्रवर्ती का पोने दो घंटे का इंटरव्यू पेल मारा ,यानी रिया चक्रवर्ती को किस - किस तरह से पेश किया जाए रात दिन यह न्यूज़ चैनल वाले इसी गुंतारे में लगे हुए हैं।


सुशांत सिंह के बारे में न्यूज़ चैनल्स ने जितनी जानकारियां लोगों को दे दी है उसको देख कर सुशांत सिंह ईश्वर से यही मांग कर रहा होगा कि एक बार मुझे एक-दो घंटे के लिए फिर से इंडिया भेज दो ताकि मैं न्यूज़ चैनल वालों को दो - दो लपाडे मारकर वापस आ जाऊं।

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