भारत रत्न अटल बिहारी बाजपेयी कि पुण्यतिथि पर विशेष


आज भारत के पूर्व प्रधानमंत्री व भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी की पुण्यतिथि है। अटल बिहारी अपने सिद्धान्त, व्यवहार और विचारों के माध्यम से शिखर पर रहते हुए भी वो जमीन से जुड़े हुए थे। उनके सम्बन्ध सभी से बहुत अच्छे थे। अटल बिहारी वाजपेयी भारत के 10वें प्रधानमंत्री थे।

अटल बिहारी बाजपेयी भारत के तीन बार प्रधानमंत्री बने। उनका पहला कार्यकाल बतौर प्रधानमंत्री वर्ष 1996 में मात्र 13 दिन का था फिर वो दुबारा प्रधानमंत्री चुने गए वर्ष 1998 में, अबकी उनकी सरकार मात्र 13 महीने चली। उसके बाद अटल बिहारी बाजपेयी तीसरी बार प्रधानमंत्री वर्ष 1999 में बने, इस बार उनकी सरकार पूरे पांच साल चली।

अटल बिहारी भारत के पहले नॉन कांग्रेसी प्रधानमंत्री थे। वह भारतीय जनता पार्टी के सदस्य के साथ - साथ पत्रकार एवम हिंदी कवि भी थे। अटल बिहारी वर्ष 1968 से 1973 तक भारतीय जनसंघ के अध्यक्ष भी रहे।

अटल बिहारी बाजपेयी चार दशकों तक भारतीय संसद के सदस्य रहे। उन्होंने लखनऊ के लिए बतौर सांसद काम किया। स्वास्थ्य संबंधी चिंताओं के कारण उन्होंने सक्रिय राजनीति से सन्यास ले लिया था।

अटल बिहारी बाजपेयी के निजी जीवन कि बात करें तो उन्होंने आजीवन अविवाहित रहने का संकल्प लिया था। अटल बिहारी राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के प्रचारक भी थे। वो राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन सरकार के पहले प्रधानमंत्री थे। उन्होंने नॉन कांग्रेसी सरकार के पांच साल भी बिना किसी अड़चन के पूरे किये। आजीवन अविवाहित रहने के संकल्प कि वजह से उन्हें भीष्मपितामह भी कहा जाता था। उन्होंने 2005 में पूर्ण रूप से राजनीति से सन्यास ले लिया था।

अटल बिहारी बाजपेयी पहले ऐसे विदेश मंत्री थे जिन्होंने संयुक्त राष्ट्र संघ में हिंदी में भाषण दिया था और भारत का गौरव बढ़ाया था।

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