सीतापुर में 14 साल पुरानी रंजिश में पिता-पुत्र की गोली मारकर हत्या, कोर्ट से जमानत के बाद रास्ते में हमला, इलाके में भारी पुलिस बल तैनात
सीतापुर में डबल मर्डर से कांपा इलाका
उत्तर प्रदेश का सीतापुर जिला शुक्रवार देर शाम उस वक्त दहल उठा जब इमलिया सुल्तानपुर थाना क्षेत्र में एक के बाद एक दो गोलियों की आवाज़ ने पूरे गांव को सन्न कर दिया। पुरानी रंजिश की आग में जल रहे हमलावरों ने पहले पिता को गोली मारी और फिर बेटे को दौड़ाकर मौत के घाट उतार दिया। यह सनसनीखेज वारदात न सिर्फ दो परिवारों को उजाड़ गई बल्कि पूरे इलाके में दहशत और तनाव का माहौल पैदा कर गई।
मृतकों की पहचान और गांव में पसरा मातम
इस डबल मर्डर में फतेहपुर गांव निवासी छोटे खान उर्फ अख्तर और उनके बेटे मैसर खान की मौके पर ही मौत हो गई। जैसे ही यह खबर गांव में फैली, घरों के दरवाज़े बंद होने लगे, गलियों में सन्नाटा छा गया और मृतकों के घर कोहराम मच गया। महिलाओं की चीख-पुकार और परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल पूरे माहौल को और भयावह बना रहा।
कोर्ट से जमानत, फिर रास्ते में मौत
घटना की पृष्ठभूमि और भी चौंकाने वाली है। बताया गया कि एक दिन पहले ही दोनों पक्षों के बीच मेड़ काटने को लेकर विवाद हुआ था। बात मारपीट तक पहुंची और पुलिस ने दोनों पक्षों का शांतिभंग में चालान कर उन्हें जेल भेज दिया। शुक्रवार को अख्तर, उनका बेटा मैसर और आरोपी रामू एसडीएम कोर्ट से जमानत पर छूटकर गांव लौट रहे थे। किसी को अंदाज़ा नहीं था कि यह रास्ता सीधे मौत की ओर ले जाएगा।
गांव के पास फिर भड़की कहासुनी
जैसे ही तीनों गांव के नजदीक पहुंचे, पुरानी दुश्मनी फिर सिर उठाने लगी। पहले कहासुनी हुई, फिर गाली-गलौज और देखते ही देखते माहौल हिंसक हो गया। आरोप है कि रामू ने अपने साथियों के साथ मिलकर पहले धारदार हथियार से हमला किया और फिर तमंचा निकाल लिया। हालात इतने तेजी से बिगड़े कि किसी को संभलने का मौका तक नहीं मिला।
पहले पिता को मारी सिर में गोली
प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, रामू ने सबसे पहले छोटे खान उर्फ अख्तर को निशाना बनाया। बेहद करीब से सिर में मारी गई गोली ने उन्हें वहीं गिरा दिया। खून से लथपथ अख्तर जमीन पर तड़पते रहे और आसपास मौजूद लोग डर के मारे सहमे रह गए। इस दौरान किसी की हिम्मत नहीं हुई कि बीच-बचाव कर सके।
बेटे को दौड़ाकर उतारा मौत के घाट
पिता को गिरते देख मैसर खान जान बचाने के लिए भागा, लेकिन किस्मत ने उसका साथ नहीं दिया। आरोप है कि रामू और उसके साथी करीब 20 मीटर तक मैसर को दौड़ाते रहे। इसके बाद उसके चेहरे और शरीर पर गोली मार दी गई। गोली लगते ही मैसर भी जमीन पर गिर पड़ा और कुछ ही देर में उसकी भी मौत हो गई।
वारदात के बाद आरोपी फरार
डबल मर्डर को अंजाम देने के बाद सभी आरोपी मौके से फरार हो गए। गांव में अफरा-तफरी मच गई। कुछ लोग मदद के लिए आगे आए तो कुछ डर के कारण घरों में दुबक गए। सूचना मिलते ही पुलिस और एंबुलेंस मौके पर पहुंची और दोनों घायलों को जिला अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
दो समुदायों से जुड़ा मामला, बढ़ी संवेदनशीलता
यह मामला दो अलग-अलग समुदायों से जुड़ा होने के कारण प्रशासन की चिंता और बढ़ गई। किसी भी तरह की अप्रिय स्थिति से निपटने के लिए इमलिया सुल्तानपुर और आसपास के इलाकों में कई थानों की पुलिस फोर्स तैनात कर दी गई। गांव में फ्लैग मार्च किया गया और लगातार निगरानी रखी जा रही है।
14 साल पुरानी रंजिश की खौफनाक कहानी
इस डबल मर्डर की जड़ें करीब 14 साल पुरानी बताई जा रही हैं। साल 2011 में हरगांव क्षेत्र में रामू के पिता ठाकुर प्रसाद की हत्या हुई थी। उस मामले में अख्तर, मैसर समेत कई लोगों के नाम सामने आए थे। तभी से दोनों परिवारों के बीच दुश्मनी की आग सुलग रही थी, जो समय-समय पर विवाद और झगड़ों के रूप में सामने आती रही।
2020 में भी हो चुकी है एक हत्या
इस रंजिश का खूनखराबा यहीं नहीं रुका था। साल 2020 में ठाकुर प्रसाद के बेटे संतोष की भी हत्या कर दी गई थी। उस मामले में भी यही नाम चर्चा में आए थे। लगातार होती हत्याओं के बावजूद दुश्मनी खत्म नहीं हुई और आखिरकार 2025 में इसने एक बार फिर दो जिंदगियों को लील लिया।
परिजनों के गंभीर आरोप
मृतक मैसर खान के बेटे शमशाद खान ने पुलिस को दिए बयान में आरोप लगाया कि रामू, उसके हिस्ट्रीशीटर ससुर शिवपूजन और करीब एक दर्जन अन्य लोगों ने मिलकर रास्ते में घेर लिया था। पहले मारपीट की गई और फिर सुनियोजित तरीके से गोली मारकर उनके पिता और दादा की हत्या कर दी गई।
गांव में डर और आक्रोश का माहौल
घटना के बाद पूरे फतेहपुर गांव में डर और आक्रोश का माहौल है। लोग सहमे हुए हैं और किसी को भरोसा नहीं कि हालात कब सामान्य होंगे। मृतकों के घर पर लोगों का तांता लगा है, लेकिन हर चेहरे पर खौफ साफ दिखाई दे रहा है।
पुलिस की त्वरित कार्रवाई और जांच
घटनास्थल पर पहुंचे पुलिस अधीक्षक अंकुर अग्रवाल ने मौके का निरीक्षण किया। फोरेंसिक टीम को बुलाकर साक्ष्य जुटाए गए और आसपास के इलाकों में लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाली जा रही है। पुलिस ने इस मामले में पांच विशेष टीमों का गठन किया है, जिन्हें अलग-अलग दिशाओं में आरोपियों की तलाश में लगाया गया है।
गिरफ्तारी के लिए दबिशें जारी
पुलिस का दावा है कि आरोपियों की पहचान कर ली गई है और संभावित ठिकानों पर लगातार दबिश दी जा रही है। कुछ संदिग्धों को हिरासत में लेकर पूछताछ भी की जा रही है। प्रशासन का कहना है कि जल्द ही सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया जाएगा और मामले में कड़ी कार्रवाई होगी।
कानून-व्यवस्था पर फिर उठे सवाल
सीतापुर की इस घटना ने एक बार फिर कानून-व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं। जेल से जमानत पर छूटने के कुछ ही घंटों बाद इस तरह की वारदात होना कई तरह की चिंताओं को जन्म देता है। लोग यह सोचने पर मजबूर हैं कि आखिर कब तक पुरानी दुश्मनियों में निर्दोष जिंदगियां जाती रहेंगी।
प्रशासन की अपील और सख्ती
प्रशासन ने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है और अफवाहों पर ध्यान न देने को कहा है। किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तुरंत पुलिस को देने के निर्देश दिए गए हैं। इलाके में लगातार गश्त बढ़ा दी गई है ताकि हालात काबू में रहें।
सीतापुर में खून से लिखी गई दुश्मनी की एक और कहानी
यह डबल मर्डर सिर्फ दो हत्याओं की कहानी नहीं है, बल्कि यह उस अंतहीन दुश्मनी की तस्वीर है जो पीढ़ियों तक चलती है और हर बार किसी न किसी परिवार को उजाड़ देती है। 14 साल पुरानी रंजिश ने एक बार फिर यह साबित कर दिया कि बदले की आग में इंसानियत सबसे पहले जलती है और अंत में सिर्फ मातम और पछतावा ही बचता है।


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