शाहजहांपुर रेलवे ट्रैक पर बड़ा हादसा; एक ही परिवार के पांच सदस्यों की दर्दनाक मौत, मालगाड़ी की चपेट में आए, मची अफरा- तफरी



शाहजहांपुर के रोजा रेलवे स्टेशन के पास एक परिवार के पांच सदस्य मालगाड़ी की चपेट में आ गए, सभी की मौके पर मौत। लापरवाही बनी हादसे की वजह, पुलिस ने शव पोस्टमार्टम को भेजे।


शाहजहांपुर में रेलवे ट्रैक पर दिल दहला देने वाला हादसा

उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर जिले के रोजा थाना क्षेत्र में बुधवार की दोपहर उस वक्त मातम छा गया, जब एक ही बाइक पर सवार परिवार के पांच सदस्य मालगाड़ी की चपेट में आकर मौत के घाट उतर गए। घटना रोजा रेलवे स्टेशन के नजदीक स्थित केबिन के पास हुई, जहां परिवार के लोग रेलवे ट्रैक पार कर रहे थे और उसी समय लखनऊ की दिशा से आ रही तेज रफ्तार मालगाड़ी ने सभी को अपनी चपेट में ले लिया। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, हादसा इतना भयावह था कि मौके पर ही पांचों की सांसें थम गईं और घटनास्थल पर चीख-पुकार मच गई।

लापरवाही बनी मौत की वजह, रेल क्रॉसिंग की अनदेखी

मृतकों में हरिओम सैनी (निवासी बनका गांव), उनके साढ़ू सेठपाल, साली पूजा और दो मासूम बच्चे—सूर्या (2 साल) और निधि (4 साल)—शामिल हैं। सभी लोग बुधवार दोपहर बाजार से लौट रहे थे और रोजा पावर केबिन के पास रेलवे ट्रैक पार कर रहे थे। बताया जा रहा है कि यह ट्रैक आमतौर पर पैदल पार करने के लिए बना था, लेकिन परिवार के लोग बाइक से उसे पार कर रहे थे। इसी दौरान तेज रफ्तार मालगाड़ी की आवाज और गति को नजरअंदाज कर सब ट्रैक पर आ गए और पल भर में हादसे का शिकार हो गए।

दर्दनाक मंजर के बाद घटनास्थल पर हड़कंप

घटना के तुरंत बाद आसपास के लोग दौड़ पड़े। अफरा-तफरी और चीख-पुकार के माहौल में किसी ने हादसे की सूचना रेलवे पुलिस और स्थानीय थाना पुलिस को दी। सूचना मिलते ही जीआरपी (Government Railway Police) और थाना पुलिस की टीमें मौके पर पहुंच गईं। शवों की स्थिति देख हर कोई सन्न था। पुलिस ने मृतकों के शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा और परिजनों को हादसे की सूचना दी। मौत की खबर से गांव और परिवार में कोहराम मच गया।

रेलवे पुलिस और प्रशासन ने की त्वरित कार्रवाई

शाहजहांपुर के एसपी राजेश द्विवेदी ने मीडिया को बताया कि हादसे में मालगाड़ी की चपेट में आकर पांच लोगों की मौत हुई है। रोजा थाना और रेलवे पुलिस पूरे मामले की गंभीरता से जांच कर रही है। पुलिस अधिकारियों ने घटनास्थल का निरीक्षण किया और आगे की कार्रवाई के निर्देश दिए। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, हादसा अटसलिया रेलवे क्रॉसिंग से कुछ दूरी पर रोजा रेलवे केबिन के पास हुआ, जहां अक्सर स्थानीय लोग क्रॉसिंग को नजरअंदाज कर पटरी पार कर लेते हैं।

ग्रामीण इलाकों में रेलवे ट्रैक पार करने की समस्या

इस हादसे ने फिर एक बार ग्रामीण और कस्बाई इलाकों में रेलवे ट्रैक पार करने की लापरवाही और जागरूकता की कमी की ओर ध्यान दिलाया है। रेलवे प्रशासन कई बार चेतावनी जारी करता है कि पटरियों को निर्धारित स्थानों से ही पार करें, लेकिन स्थानीय लोगों की जल्दबाजी और असावधानी अक्सर ऐसे हादसों की वजह बन जाती है। हादसे के वक्त रेलवे फाटक भी काफी दूर था, जिस कारण परिवार ने पास के पैदल मार्ग से ही ट्रैक पार करना मुनासिब समझा, लेकिन यह लापरवाही जानलेवा साबित हुई।

पुलिस जांच में उठ रहे सवाल

घटना के बाद पुलिस यह भी जांच कर रही है कि आखिर क्यों पूरा परिवार बाइक सहित पटरी पार कर रहा था। क्या मौके पर कोई सुरक्षा कर्मी तैनात था या नहीं, यह भी जांच का विषय है। हादसे के कारणों में रेलवे की ओर से किसी प्रकार की लापरवाही नहीं पाई गई, क्योंकि ट्रेन सामान्य गति से निर्धारित रूट पर चल रही थी और सिग्नल व्यवस्था भी दुरुस्त थी। शुरुआती जांच में मृतकों की लापरवाही की बात सामने आ रही है।

हादसे का सामाजिक और मानसिक प्रभाव

इस दर्दनाक हादसे से पूरा क्षेत्र स्तब्ध है। गांव और आसपास के इलाकों में मातम पसरा है। दो परिवारों के उजड़ जाने से लोग स्तब्ध और दुखी हैं। मासूम बच्चों की असमय मौत से हर कोई आहत है। ग्रामीणों ने भी प्रशासन से मांग की है कि रेलवे ट्रैक के आसपास सुरक्षा व्यवस्था और सख्त की जाए ताकि भविष्य में इस तरह की त्रासदी दोहराई न जाए।

हादसे के बाद प्रशासन ने दी चेतावनी

रेलवे पुलिस और जिला प्रशासन ने इस दुर्घटना के बाद लोगों से अपील की है कि वे कभी भी ट्रैक पार करने में जल्दबाजी या लापरवाही न करें। खासकर बाइक या किसी भी वाहन के साथ ट्रैक पार करना कानूनन अपराध है और यह जानलेवा साबित हो सकता है। अधिकारियों ने कहा कि यदि कोई भी व्यक्ति रेलवे ट्रैक को बाइक या वाहन से पार करता पाया गया, तो उस पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।

परिवार की उजड़ती खुशियां, गांव में शोक

मृतकों के घर और गांव में सन्नाटा पसरा है। एक ही झटके में दो परिवार खत्म हो गए। हरिओम सैनी, उनके साढ़ू सेठपाल, साली पूजा और मासूम सूर्या व निधि की मौत से गांव के लोग गहरे सदमे में हैं। किसी को यकीन नहीं हो रहा कि चंद घंटे पहले तक हंसता-खेलता परिवार अब हमेशा के लिए खामोश हो गया है। गांव में शोक की लहर है और हर कोई इस घटना को लेकर अफसोस जता रहा है।

जागरूकता की जरूरत, लापरवाही से परहेज

शाहजहांपुर की यह घटना एक बार फिर समाज को चेतावनी देती है कि रेलवे ट्रैक पार करते समय पूरी सतर्कता बरतें। लापरवाही, जल्दबाजी और ट्रैक को अवैध रूप से पार करना न सिर्फ खुद के लिए, बल्कि पूरे परिवार के लिए जानलेवा साबित हो सकता है। प्रशासन और रेलवे विभाग लगातार जागरूकता अभियान चला रहे हैं, लेकिन जब तक लोग स्वयं जिम्मेदारी नहीं समझेंगे, ऐसे हादसे रुकना मुश्किल है।

हादसे की जांच जारी, रेलवे प्रशासन सतर्क

फिलहाल, पुलिस और रेलवे प्रशासन की टीमें पूरे मामले की जांच में जुटी हैं। मृतकों की पहचान के बाद सभी शवों का पोस्टमार्टम कराया गया है। प्रशासन की ओर से पीड़ित परिवार को हर संभव सहायता उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया गया है। हादसे की वजह चाहे जो भी रही हो, लेकिन इसने पूरे समाज को झकझोर कर रख दिया है और जिम्मेदारी की नई बहस को जन्म दिया है।

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