पीलीभीत में गैस गीजर से दम घुटने पर पति-पत्नी की मौत. बाथरूम में ऑक्सीजन की कमी और रिसाव की आशंका. जांच शुरू
पीलीभीत में दर्दनाक हादसा: गैस गीजर की वजह से पति-पत्नी की मौत ने छोड़ा अनसुलझा सन्नाटा
उत्तर प्रदेश के पीलीभीत में गुरुकुलधाम कॉलोनी में रविवार की रात जो कुछ हुआ, उसने पूरे इलाके को हिला दिया. यहां किराए के मकान में रहने वाले 42 वर्षीय हरजिंदर सिंह और उनकी 40 वर्षीय पत्नी रेनू सक्सेना की बाथरूम में संदिग्ध हालात में मौत हो गई. प्रारंभिक जांच में यह सामने आया है कि बाथरूम में लगे गैस गीजर के चलते दम घुटने के कारण दोनों की मौत हुई है. एक परिवार के दो सदस्यों की अचानक गई जान ने क्षेत्र में भय, सदमा और रहस्य का माहौल भर दिया है
हरजिंदर सिंह जिला ग्राम विकास अभिकरण (डीआरडीए) में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी थे और पत्नी रेनू सक्सेना के हाथ पर हाल ही में प्लास्टर चढ़ा था. इसी कारण उस रात हरजिंदर अपनी पत्नी को बाथरूम में नहला रहे थे. गैस गीजर चालू था, वेंटिलेशन नहीं था और ऑक्सीजन का प्रवाह बंद होने से दोनों बेहोश होकर गिर पड़े. पुलिस के अनुसार, यह दम घुटने से मौत का मामला प्रतीत हो रहा है, जिसकी पुष्टि पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद होगी
बाथरूम में बंद दरवाजा और घंटों की खामोशी ने बढ़ाया शक
मकान मालिक और पड़ोसियों ने बताया कि रात देर तक घर में हलचल न दिखने पर उन्हें शक हुआ. कई बार फोन करने के बावजूद पति-पत्नी फोन नहीं उठा रहे थे. दरवाजा खटखटाने पर भी कोई आवाज नहीं आई. बताया जाता है कि बाथरूम का दरवाजा अंदर से लॉक था. जब पड़ोसियों ने एक छोटी सी दरार से झांककर देखा तो अंदर हरजिंदर और रेनू के शव पड़े दिखे. इस भयावह नजारे को देखकर किसी ने देर किए बिना पुलिस को सूचना दी
पुलिस और फॉरेंसिक टीम पहुंची, दरवाजा तोड़कर निकाले गए शव
शहर कोतवाली पुलिस टीम मौके पर पहुंची और फॉरेंसिक विशेषज्ञों की मौजूदगी में दरवाजा तोड़कर दोनों शवों को बाहर निकाला गया. पुलिस ने बताया कि हरजिंदर सिंह कपड़े पहने हुए थे, जबकि उनकी पत्नी निर्वस्त्र अवस्था में थीं, जिससे साफ जाहिर होता है कि नहाने का क्रम चल रहा था. पुलिस ने कानूनी कार्रवाई करते हुए शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है
शायद आखिरी बार साथ थे दोनों, फिर बाथरूम में मौत ने घेर लिया
इतने दर्दनाक तरीके से एक दंपती का अंत हो जाना न सिर्फ परिवार बल्कि पूरे समाज के लिए चेतावनी जैसा है. जांच से जुड़े अधिकारियों ने अनुमान जताया है कि जैसे ही बाथरूम में गैस लगातार जली, ऑक्सीजन खत्म होने लगी और कार्बन मोनोऑक्साइड जैसी जहरीली गैस भरती गई. दोनों बेहोश हो गए और कुछ ही मिनटों में मौत हो गई
गैस गीजर और खतरे: एक सवाल जिसने फिर खड़ा किया डर
गैस गीजर का इस्तेमाल आज घरों में आम हो चुका है. लेकिन जहां बाथरूम में वेंटिलेशन नहीं होता या कोई निकास नहीं होता, वहां यह उपकरण जानलेवा जोखिम पैदा कर सकता है. पीलीभीत हादसे ने यह दिखा दिया कि सुरक्षा की छोटी सी चूक भी जान ले सकती है. इस घटना के बाद पूरे इलाके में गीजर से जुड़े खतरे पर चर्चा जोरों पर है
दंपती की पहचान और पारिवारिक पृष्ठभूमि
हरजिंदर सिंह और रेनू सक्सेना लंबे समय से गुरुकुलपुरम में किराए के मकान में रह रहे थे. हरजिंदर सरकारी सेवा में कार्यरत थे और क्षेत्र में मिलनसार स्वभाव के कारण काफी लोकप्रिय थे. पत्नी रेनू सक्सेना घरेलू कामकाज संभालती थीं. कुछ दिन पहले हाथ टूटने के बाद उनकी दिनचर्या लगभग बदल गई थी
क्यों हुआ दम घुटने का शक, पुलिस ने बताई वजह
पुलिस अधिकारियों ने शुरुआती जांच में स्पष्ट किया है कि बाथरूम में कोई खिड़की, वेंटिलेशन या हवा निकलने का रास्ता नहीं था. गैस गीजर चालू था. लगातार पानी की गर्मी और गैस जलने से अंदर का तापमान और धुआं बढ़ता गया. अनुमान लगाया जा रहा है कि कार्बन मोनोऑक्साइड जैसी गैसें बंद जगह में भर गईं और दोनों को बेहोश कर दिया
शहर कोतवाली प्रभारी ने कहा कि यह दम घुटने की वजह से हुई मौत जैसा प्रतीत हो रहा है, लेकिन मेडिकल रिपोर्ट का इंतजार है. पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद स्पष्ट होगा कि दोनों की मौत कभी और कैसे हुई
इलाके में मातम, परिवार में कोहराम, लोग बोले—यकीन नहीं होता
घटना के बाद इलाके में सन्नाटा और मातम है. पड़ोसी, मकान मालिक और परिचित सदमे में हैं. हर कोई यही कह रहा है कि अगर थोड़ी देर पहले पता चल जाता तो शायद दोनों की जान बच जाती
घर में मोबाइल फोन की घंटियां बजती रहीं, ज़िंदगी चुपचाप खत्म हो गई
पड़ोसियों ने बताया कि रात करीब 9 बजे के बाद घर से कोई आवाज नहीं आई. किसी ने सोचा कि शायद दंपती सो चुके होंगे. लेकिन फोन की घंटियां बजती रहीं और फिर सुबह तक घर की खामोशी ने शक पैदा कर दिया. जब दरवाजा नहीं खुला और फोन नहीं उठा, तभी सब समझ गए कि कुछ बड़ा हुआ है
फॉरेंसिक टीम की जांच और बाथरूम की हालत
फॉरेंसिक टीम ने बाथरूम की जांच की. गीजर पूरी तरह चालू स्थिति में था. पानी गर्म था. फर्श भीगी हुई थी. यही सब दिखकों साफ कर रहा था कि घटना नहाने के दौरान हुई है
क्या भविष्य में भी ऐसे हादसे हो सकते हैं?
पीलीभीत की यह घटना एक चेतावनी है. देशभर में बाथरूम में गैस गीजर का इस्तेमाल आम है, और हर साल ऐसे मामलों में दर्जनों मौतें होती हैं. लेकिन कई जगह लोग खतरे से अनजान हैं
स्थानीय प्रशासन ने जारी की अपील
प्रशासन ने लोगों से कहा है कि गैस गीजर चलाते समय बाथरूम में वेंटिलेशन ज़रूरी हो. बिना निकास वाले बाथरूम में गैस गीजर का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए
पोस्टमार्टम के बाद परिवार को सौंपे जाएंगे शव
हरजिंदर और रेनू के शव जिला अस्पताल में रखे गए हैं. पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद आगे की कार्रवाई पूरी की जाएगी
हादसे ने छोड़ा गहरा दर्द और अनगिनत सवाल
यह हादसा न सिर्फ परिवार बल्कि स्थानीय लोगों के मन में कई सवाल छोड़ गया है. घर में मौजूद चीजें, जो सुविधा के लिए होती हैं, कब जानलेवा साबित हो जाएं, कहा नहीं जा सकता. पति ने पत्नी को नहलाना चाहा, पत्नी ने पति पर भरोसा किया—लेकिन गैस, गर्मी और बंद हवा ने ज़िंदगी लील ली
लोगों का कहना—ऐसी मौत किसी दुश्मन को भी न मिले
पड़ोसियों के चेहरे पर डर साफ दिख रहा है. लोग कह रहे हैं कि परिवार के दो सदस्यों का एक साथ यूं चले जाना दिल दहला देने वाला है
हादसा रोकने के लिए क्या जरूरी है
वेंटिलेशन, सुरक्षा उपकरण, जागरूकता और समय रहते सावधानी. यह हादसा साबित करता है कि एक चूक कितना बड़ा नुकसान कर सकती है


0 टिप्पणियाँ
आपका विचार हमारे लिए महत्वपूर्ण है, कृपया अपनी राय नीचे लिखें।