‘राष्ट्र प्रेरणा स्थल’ से प्रधानमंत्री मोदी का बड़ा सियासी संदेश! मुलायम सिंह यादव का नाम लेकर साधा ओबीसी वोट, 2027 की बिसात बिछी



लखनऊ के राष्ट्र प्रेरणा स्थल से पीएम मोदी ने मुलायम सिंह यादव का जिक्र कर ओबीसी राजनीति, 2027 चुनाव और विपक्ष पर बड़ा संदेश दिया।


अटल जयंती पर लखनऊ से बड़ा राजनीतिक मंच

पूर्व प्रधानमंत्री और भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी की 101वीं जयंती के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में बने भव्य ‘राष्ट्र प्रेरणा स्थल’ का उद्घाटन कर न सिर्फ श्रद्धांजलि दी, बल्कि आने वाले राजनीतिक समीकरणों के संकेत भी साफ तौर पर दे दिए। गोमती नदी के किनारे बसंत कुंज क्षेत्र में फैले लगभग 65 एकड़ के विशाल परिसर में पंडित दीनदयाल उपाध्याय, डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी और अटल बिहारी वाजपेयी की 65-65 फीट ऊंची कांस्य प्रतिमाएं स्थापित की गई हैं। इस ऐतिहासिक मंच से प्रधानमंत्री ने करीब 32 मिनट के भाषण में भाजपा की वैचारिक विरासत, राष्ट्र निर्माण की सोच और विपक्षी दलों पर तीखे प्रहार के साथ-साथ 2027 के विधानसभा चुनावों की दिशा में बड़ा राजनीतिक संदेश दे दिया।

राष्ट्र प्रेरणा स्थल का वैचारिक महत्व

प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्र प्रेरणा स्थल को केवल स्मारक नहीं बल्कि विचार और संस्कार की भूमि बताया। उन्होंने कहा कि यह स्थल आने वाली पीढ़ियों को यह समझाएगा कि भारत की राजनीति केवल सत्ता की नहीं बल्कि विचारों और बलिदान की भी कहानी है। दीनदयाल उपाध्याय का एकात्म मानववाद, श्यामा प्रसाद मुखर्जी का राष्ट्रवाद और अटल बिहारी वाजपेयी की लोकतांत्रिक उदारता—तीनों मिलकर भाजपा की वैचारिक रीढ़ को मजबूत करते हैं। पीएम ने कहा कि इन महापुरुषों की सोच ने देश को दिशा दी और आज भारत उसी रास्ते पर आगे बढ़ रहा है।

मुलायम सिंह यादव का जिक्र और सियासी संकेत

भाषण का सबसे ज्यादा चर्चा में रहने वाला हिस्सा तब आया जब प्रधानमंत्री मोदी ने समाजवादी पार्टी के संस्थापक और पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव का नाम लिया। पीएम ने कहा कि उनकी सरकार ने राजनीतिक मतभेदों से ऊपर उठकर विपक्ष के नेताओं को भी राष्ट्रीय सम्मान दिया। उन्होंने उदाहरण देते हुए बताया कि मुलायम सिंह यादव को भी राष्ट्रीय सम्मान दिया गया, क्योंकि सम्मान व्यक्ति के विचार और योगदान का होता है, न कि उसकी पार्टी का। इस एक वाक्य ने पूरे राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी। राजनीतिक जानकारों के अनुसार, यह संदेश सीधे तौर पर पिछड़ा वर्ग और खासकर यादव समुदाय को साधने की कोशिश माना जा रहा है।

ओबीसी राजनीति और 2027 का गणित

उत्तर प्रदेश की राजनीति में ओबीसी और यादव समुदाय की भूमिका हमेशा निर्णायक रही है। मुलायम सिंह यादव का नाम लेना केवल श्रद्धांजलि नहीं बल्कि एक सोची-समझी राजनीतिक रणनीति माना जा रहा है। पीएम मोदी ने यह संकेत दिया कि भाजपा जाति आधारित राजनीति नहीं करती, बल्कि हर वर्ग और हर नेता के योगदान को सम्मान देती है। यह संदेश खासकर उन मतदाताओं के लिए था जो पारंपरिक रूप से सपा के साथ जुड़े रहे हैं। 2027 के विधानसभा चुनावों से पहले भाजपा का यह प्रयास माना जा रहा है कि वह ओबीसी वोट बैंक में और गहरी पैठ बनाए।

मोदी और मुलायम के रिश्तों की पुरानी कहानी

नरेंद्र मोदी और मुलायम सिंह यादव के बीच वैचारिक मतभेद रहे, लेकिन व्यक्तिगत संबंध हमेशा सम्मानजनक रहे। यह देश ने तब देखा था जब लोकसभा में मुलायम सिंह यादव ने खुले तौर पर इच्छा जताई थी कि नरेंद्र मोदी फिर से प्रधानमंत्री बनें। उस वक्त पूरा सदन इस बयान से चौंक गया था। कई मौकों पर दोनों नेताओं की मुलाकातों और साथ में तस्वीरों ने यह दिखाया कि राजनीति में विरोध के बावजूद व्यक्तिगत सम्मान बना रह सकता है। इसी पृष्ठभूमि में पीएम मोदी का यह बयान और भी ज्यादा अर्थपूर्ण हो जाता है।

आजादी के बाद की राजनीति पर बड़ा हमला

प्रधानमंत्री मोदी ने अपने भाषण में आजादी के बाद की राजनीति पर भी बड़ा हमला बोला। उन्होंने कहा कि एक समय ऐसा था जब देश की हर उपलब्धि को एक ही परिवार से जोड़ दिया जाता था। मूर्तियां भी उसी परिवार की लगती थीं और इतिहास भी उसी के इर्द-गिर्द घूमता था। भाजपा ने इस सोच को बदला और देश को बताया कि राष्ट्र निर्माण में योगदान देने वाले हर व्यक्ति का सम्मान जरूरी है। पीएम ने कहा कि भारत का इतिहास किसी एक परिवार की बपौती नहीं है।

राष्ट्रीय स्मारकों के उदाहरण

प्रधानमंत्री ने दिल्ली के कर्तव्य पथ पर नेताजी सुभाष चंद्र बोस की प्रतिमा, अंडमान में नेताजी से जुड़े स्थलों, सरदार वल्लभभाई पटेल की स्टैच्यू ऑफ यूनिटी, भगवान बिरसा मुंडा और महाराजा सुहेलदेव के स्मारकों का जिक्र करते हुए कहा कि यह सब भाजपा सरकार की सोच को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि देश के आदिवासी, दलित, पिछड़े और वंचित समाज के नायकों को भी वही सम्मान मिलना चाहिए जो मुख्यधारा के नेताओं को मिलता है।

बाबा साहेब अंबेडकर की विरासत पर बयान

प्रधानमंत्री मोदी ने बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर की विरासत को लेकर कांग्रेस और समाजवादी पार्टी पर सीधा निशाना साधा। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के शाही परिवार और यूपी में सपा ने लंबे समय तक अंबेडकर की विरासत को नजरअंदाज किया, जबकि भाजपा ने पंचतीर्थ बनाकर बाबा साहेब के जीवन और संघर्ष को सम्मान दिया। पीएम के इस बयान को दलित राजनीति के संदर्भ में भी अहम माना जा रहा है।

कांग्रेस और सपा पर परिवारवाद का आरोप

पीएम मोदी ने कहा कि परिवारवाद की राजनीति ने देश में राजनीतिक छुआछूत को जन्म दिया। भाजपा को वर्षों तक ‘अछूत’ की तरह देखा गया, लेकिन भाजपा के संस्कार सभी का सम्मान करना सिखाते हैं। उन्होंने प्रणब मुखर्जी और पीवी नरसिम्हा राव को भारत रत्न दिए जाने का उदाहरण देते हुए कहा कि भाजपा ने हमेशा विपक्षी नेताओं को भी उनका हक दिया है।

यूपी की डबल इंजन सरकार की तारीफ

प्रधानमंत्री ने उत्तर प्रदेश की डबल इंजन सरकार की जमकर तारीफ की। उन्होंने कहा कि आज लखनऊ केवल प्रशासनिक राजधानी नहीं बल्कि रक्षा और तकनीक का बड़ा केंद्र बन रहा है। ब्रह्मोस मिसाइल का निर्माण अब लखनऊ में हो रहा है और ऑपरेशन सिंदूर जैसी सफलताओं में यूपी की बड़ी भूमिका रही है। डिफेंस कॉरिडोर को लेकर उन्होंने कहा कि आने वाले समय में यूपी दुनिया के रक्षा मानचित्र पर बड़ी पहचान बनाएगा।

पर्यटन और सांस्कृतिक पुनर्जागरण

पीएम मोदी ने अयोध्या के राम मंदिर, काशी विश्वनाथ धाम और अब राष्ट्र प्रेरणा स्थल को यूपी की नई पहचान बताया। उन्होंने कहा कि धार्मिक और सांस्कृतिक पर्यटन से न सिर्फ अर्थव्यवस्था मजबूत हो रही है, बल्कि भारत की सभ्यतागत विरासत भी दुनिया के सामने आ रही है।

क्रिसमस की शुभकामनाएं और ऐतिहासिक संयोग

अपने भाषण की शुरुआत में प्रधानमंत्री ने देशवासियों को क्रिसमस की शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि आज का दिन अटल बिहारी वाजपेयी, मदन मोहन मालवीय और महाराजा बिजली पासी की जयंती का अद्भुत संयोग लेकर आया है। उन्होंने महाराजा बिजली पासी को नमन करते हुए उनकी वीरता और सुशासन की परंपरा को याद किया।

आधुनिक संग्रहालय और युवा पीढ़ी के लिए संदेश

राष्ट्र प्रेरणा स्थल में कमल आकार का अत्याधुनिक संग्रहालय भी बनाया गया है, जहां दीनदयाल उपाध्याय, श्यामा प्रसाद मुखर्जी और अटल बिहारी वाजपेयी के जीवन, विचार और योगदान को आधुनिक तकनीक के जरिए प्रदर्शित किया गया है। प्रधानमंत्री ने कहा कि यह स्थल युवाओं के लिए प्रेरणा का केंद्र बनेगा और उन्हें राष्ट्र सेवा के लिए प्रेरित करेगा।

राजनीतिक संदेश और भविष्य की रणनीति

लखनऊ के राष्ट्र प्रेरणा स्थल से दिया गया पीएम मोदी का भाषण केवल श्रद्धांजलि नहीं बल्कि एक स्पष्ट राजनीतिक रोडमैप माना जा रहा है। मुलायम सिंह यादव का जिक्र कर ओबीसी समुदाय को साधने की कोशिश, कांग्रेस और सपा पर परिवारवाद का हमला और यूपी की विकास यात्रा का बखान—इन सबने मिलकर 2027 के चुनावों की झलक दिखा दी। यह उद्घाटन भाजपा के लिए वैचारिक मजबूती के साथ-साथ राजनीतिक आक्रामकता का भी बड़ा मंच साबित हुआ।


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