गाजियाबाद में किराया विवाद पर मकान मालकिन दीपशिखा शर्मा की हत्या, पोस्टमार्टम में सिर पर कूकर से वार और गला घोंटने का खुलासा
गाजियाबाद मर्डर केस: पोस्टमार्टम रिपोर्ट ने खोले राज़
उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद के राजनगर एक्सटेंशन में मकान मालकिन की हत्या का मामला धीरे-धीरे और भयावह रूप लेता जा रहा है. शुरुआती जांच में हत्या की वजह किराया विवाद बताई गई थी, लेकिन अब पोस्टमार्टम रिपोर्ट सामने आने के बाद यह साफ हो गया है कि दीपशिखा शर्मा की हत्या बेहद क्रूर तरीके से की गई थी. रिपोर्ट ने खुलासा किया है कि हत्या के दौरान उनके सिर पर भारी वस्तु से प्रहार किया गया और फिर गला घोंटकर जान ले ली गई. इससे पहले आरोपी किरायेदार कपल उनकी लाश को फ्लैट के बेड के नीचे ब्रीफकेस में छुपाकर रखते रहे, ताकि पुलिस को शक न हो पाए. इस घटना ने पूरे शहर में सनसनी मचा दी है और सवाल उठ रहे हैं कि किराया विवाद इतना बढ़ कैसे गया कि जान लेनी पड़ी
ओरा कायमेरा सोसाइटी में खून से रंगा सच
यह घटना राजनगर एक्सटेंशन स्थित ओरा कायमेरा सोसाइटी के एम ब्लॉक की है, जहां दीपशिखा और उनके पति उमेश शर्मा का एक फ्लैट था. दीपशिखा दादरी के एक इंजीनियरिंग कॉलेज में एडमिन विभाग में कार्यरत थीं, वहीं उनके पति उमेश हरियाणा के फरीदाबाद में एक कंपनी में जनरल मैनेजर हैं. कपल की एक बेटी दिल्ली की एक प्राइवेट कंपनी में नौकरी करती है. दीपशिखा इस फ्लैट को 18,000 रुपये महीने पर किराए पर देती थीं. इस फ्लैट में उनके किरायेदार अजय गुप्ता और उनकी पत्नी आकृति गुप्ता रहते थे. आर्थिक तंगी से जूझ रहे अजय पिछले छह महीनों से किराया नहीं दे रहे थे. दीपशिखा लगातार उनसे पैसे मांग रही थीं, जिसके चलते विवाद बढ़ता जा रहा था
हत्या से पहले क्या हुआ फ्लैट में?
18 दिसंबर की दोपहर यह विवाद उस समय और भड़क उठा जब दीपशिखा एक बार फिर किराया वसूलने फ्लैट पहुंचीं. सोसाइटी के सीसीटीवी में भी दर्ज हुआ कि वह उस दिन दो बार किराया मांगने पहुंची थीं. दूसरी बार पहुंचने के बाद हालात इतने बिगड़े कि अजय और आकृति ने हत्या की योजना बनाई. पोस्टमार्टम रिपोर्ट में सामने आया है कि दीपशिखा के सिर पर दबाव से भारी प्रहार किया गया था. पुलिस अधिकारियों ने पुष्टि की कि यह प्रहार कूकर से किया गया था. इसके बाद उनकी सांस रोककर हत्या की गई. रिपोर्ट में गला घोंटने के स्पष्ट निशान भी दर्ज किए गए हैं
पोस्टमार्टम रिपोर्ट क्या कहती है?
पोस्टमार्टम रिपोर्ट के अनुसार दीपशिखा के सिर पर जो घाव मिला वह किसी भारी धातु से वार के कारण हुआ. सिर में आई गंभीर चोट और रक्तस्राव को मृत्यु का मुख्य कारण माना गया है. गला घोंटने के निशान होने से यह स्पष्ट हो गया कि वार के बाद उनकी सांस भी रोकी गई. इसके अलावा, उनके शरीर पर संघर्ष के दौरान चोटों के कई निशान पाए गए हैं. इन निशानों ने यह भी संकेत दिया है कि दीपशिखा ने अपनी जान बचाने की पूरी कोशिश की थी, लेकिन दोनों आरोपी मिलकर उन पर भारी पड़े
लाश को सूटकेस में भरकर छुपाया गया
हत्या के बाद आरोपियों ने शव को टुकड़ों में काटने की योजना बनाई थी, लेकिन वह इसे पूरा नहीं कर सके. इसके बाद उन्होंने एक बड़ा ब्रीफकेस निकाला, शव को उसमें भरा और बेड के नीचे छुपा दिया. पुलिस ने जब जांच की तो बेड के नीचे से पड़ी तेज बदबू ने अधिकारियों को सच तक पहुंचा दिया. आरोपी इतनी योजना बनाकर हत्या करेंगे, पुलिस ने शायद सोचा भी नहीं था, लेकिन उनके व्यवहार और बयान में छिपे झूठ ने मामले को जल्द उजागर कर दिया
अजय गुप्ता की लाइफस्टाइल और आर्थिक बर्बादी
अजय गुप्ता पहले ट्रांसपोर्ट कारोबार में था. लेकिन दो साल के भीतर उसका काफी नुकसान हुआ, जिससे वह कर्ज में डूब गया. इसी दौरान किराया देना बंद कर दिया और मालिकान ने पैसे मांगने शुरू किए. आर्थिक तनाव इतना बढ़ गया कि कपल को लगा पुलिस शिकायत से उन्हें बेदखल कर देगी और यही डर हत्या की वजह बन गया. पुलिस ने बताया कि आरोपी पूरी तरह टूट चुके थे और पैसे न होने के कारण मकान खाली नहीं कर रहे थे. अजय और आकृति पहले तो किराया देने की बात कहकर टालते रहे, फिर मालिकान के दबाव में हत्या का रास्ता चुन लिया
18 दिसंबर… कत्ल की तारीख
पोस्टमार्टम और फॉरेंसिक रिपोर्ट में दर्ज समय के अनुसार हत्या शाम 4 बजे के करीब हुई. दीपशिखा, जैसे ही किराया मांगने फ्लैट में दाखिल हुईं, कपल ने उन पर हमला कर दिया. पहले कूकर से सिर पर वार किया, जिससे वह बेहोश हो गईं. फिर गला दबाकर उन्हें मार दिया गया. हत्या के दौरान बेडरूम और किचन में खून के छींटे मिले, जिन्हें बाद में पोछकर मिटाने की कोशिश की गई. पुलिस की टीम ने मौके से खून के नमूने भी बरामद किए हैं
गिरफ्तारी और पुलिस का बयान
ACP नंदग्राम उपासना पांडे ने बताया कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट सामने आने के बाद हत्या के हर पहलू की पुष्टि हो चुकी है. दोनों आरोपी अजय और आकृति को गिरफ्तार कर लिया गया है. दोनों ने हत्या की बात कबूल कर ली है और बताया कि छह महीने से किराया न देने के चलते यह तनाव बढ़ता जा रहा था. आरोपियों ने बताया कि दीपशिखा ने धमकी दी थी कि वह पुलिस को रिपोर्ट करेंगी. इसी डर से हत्या कर दी गई
दीपशिखा का परिवार सदमे में
दीपशिखा के पति उमेश शर्मा घटना के समय ऑफिस में थे. जैसे ही उन्हें सूचना मिली, वे तुरंत घर पहुंचे. बेटी दिल्ली से रात को ही गाजियाबाद पहुंच गई और मां का शव देखकर बदहवास हो गई. परिवार ने बताया कि दीपशिखा हर महीने मेहनत से घर चलाती थीं और किराए पर दिए फ्लैट से भी आय होती थी. किराया न मिलने के कारण वही खुद आर्थिक दबाव में थीं. परिवार का आरोप है कि अजय पहले भी कई बार धमकी दे चुका था, लेकिन दीपशिखा ने उसे नजरअंदाज कर दिया
सोसाइटी का माहौल दहशत में
ओरा कायमेरा के निवासियों में डर है कि एक साधारण किराया विवाद भी इतनी भयानक हत्या में बदल सकता है. सोसाइटी के लोग हैरान हैं कि आरोपी कपल इतने दिनों तक शव को फ्लैट में छुपाकर सामान्य तरीके से जीवन जीते रहे. पड़ोसियों ने बताया कि अजय और आकृति सामान्य कपल की तरह रहते थे और कभी किसी विवाद में नहीं दिखे. घटना वाली शाम सोसाइटी में किसी को यह अंदाजा नहीं लग पाया कि भीतर क्या चल रहा है
हत्या के बाद आरोपियों ने क्या किया?
हत्या के बाद आरोपी कपल घर से निकल कर सामान लेने गए. लौटकर उन्होंने साफ-सफाई की और शव को ब्रीफकेस में भरकर बेड के नीचे छुपा दिया. दोनों ने पुलिस को भ्रमित करने की कोशिश में यह योजना बनाई कि वे कहेंगे दीपशिखा फ्लैट से चली गईं. लेकिन परिवार के कॉल न उठाने पर मामला बिगड़ गया और क़त्ल का राज खुल गया
किराएदारी और कानूनी सवाल
घटना के बाद शहर में किराएदारी विवाद और मकान मालिकों की सुरक्षा पर सवाल उठने लगे हैं. कई घरों और सोसाइटी में रहने वाले लोग इस बात से चिंतित हैं कि अगर कोई किरायेदार किराया न दे, तो कानूनी प्रक्रिया से उसे बाहर निकालना बेहद कठिन है. कुछ लोग माना रहे हैं कि कानून की धीमी प्रक्रिया भी ऐसे विवादों को बढ़ावा देती है. विशेषज्ञों का मानना है कि किराएदारी समझौतों को और सख्त करना होगा
पुलिस ने कहा जल्द होगा दाखिल चार्जशीट
ACP का कहना है कि चूंकि आरोपियों के बयानों, सबूतों और पोस्टमार्टम रिपोर्ट में पूरा सच मिल चुका है, इसलिए पुलिस जल्द ही आरोपियों पर हत्या और सबूत मिटाने के प्रयासों की धाराओं में चार्जशीट दाखिल करेगी. फिलहाल दोनों आरोपी जेल में हैं और पूछताछ जारी है
किराया विवाद का दर्दनाक अंत
दीपशिखा, एक कामकाजी और शांत स्वभाव की महिला थीं. बेहतर भविष्य के लिए उन्होंने किराए पर घर देकर अतिरिक्त आय का साधन बनाया था, लेकिन आर्थिक दबाव और गलतफहमियों ने यह रिश्ता एसी स्थिति में बदल दिया जिसकी किसी ने कल्पना तक नहीं की थी. उनकी हत्या की खबर सोशल मीडिया पर भी तेजी से फैल रही है और लोग दुख और आक्रोश प्रकट कर रहे हैं
क्या इस मामले में और खुलासे होंगे?
जांच एजेंसियों का कहना है कि फोन कॉल डिटेल, बैंक ट्रांजैक्शन और इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस की जांच जारी है. पुलिस को संदेह है कि आरोपियों के पास पहले से हत्या की योजना थी. सोसाइटी का सीसीटीवी और मोबाइल डेटा इस केस में और भी नए तथ्य सामने ला सकता है
गाजियाबाद की यह घटना सिर्फ हत्या का मामला नहीं, बल्कि बदलते शहरी जीवन में किराया विवादों और आर्थिक दबावों की भयावह तस्वीर है. एक साधारण पारिवारिक महिला को सिर्फ किराया मांगने की वजह से जान गंवानी पड़ी. यह केस फिलहाल समाज में किराएदारी सुरक्षा को लेकर नई बहस छेड़ चुका है और सवाल यह है कि भविष्य में ऐसी घटनाएं रोकने के लिए क्या व्यवस्था होगी
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