कोडीन कफ सिरप कांड: 50 हजार के इनामी शुभम जायसवाल पर वाराणसी पुलिस का शिकंजा, अवैध संपत्ति पर चलेगा बुलडोजर!



कोडीन कफ सिरप केस में मास्टरमाइंड शुभम जायसवाल पर 50 हजार का इनाम, संपत्ति जब्ती, बुलडोजर कार्रवाई और SIT जांच की पूरी कहानी।


कफ सिरप कांड में बड़ा खुलासा, शुभम जायसवाल बना 50 हजार का इनामी

वाराणसी समेत पूरे पूर्वांचल में कोडीन युक्त कफ सिरप की अवैध सप्लाई और नशे के कारोबार का जाल दिनों-दिन गहराता जा रहा है। इस नेटवर्क का मास्टरमाइंड शुभम जायसवाल लगातार पुलिस और प्रशासन की आंखों में धूल झोंकता रहा। लेकिन अब वाराणसी पुलिस कमिश्नर मोहित अग्रवाल की अगुवाई में चल रही ताबड़तोड़ कार्रवाई ने शुभम की मुश्किलें कई गुना बढ़ा दी हैं। पहले जहां उस पर 25 हजार का इनाम घोषित था, अब बढ़ाकर 50 हजार कर दिया गया है। यही नहीं, वाराणसी पुलिस ने उसके खिलाफ लुक आउट नोटिस भी जारी कर दिया है। अब शुभम जायसवाल की हर गतिविधि पर देशभर की एजेंसियां नजर रखे हुए हैं।

सम्पत्ति जब्ती और बुलडोजर की तैयारी

वाराणसी पुलिस की जांच में सामने आया है कि शुभम जायसवाल और उसके गिरोह ने नशे के धंधे से करोड़ों की अवैध संपत्ति अर्जित की है। इसी को देखते हुए पुलिस कमिश्नर ने आदेश दिया है कि शुभम, उसके परिवार और साथियों की हर movable और immovable प्रॉपर्टी की जांच कर तत्काल जब्त किया जाए। इसके साथ ही अवैध कमाई से बनाई गई संपत्ति पर बुलडोजर चलाने की तैयारी है। प्रशासन की इस कार्रवाई से पूरे क्षेत्र में हड़कंप मच गया है, और शुभम के सहयोगियों के बीच दहशत का माहौल है।

लुक आउट नोटिस, पूरे गैंग पर शिकंजा

कोडीन कफ सिरप मामले में पुलिस ने सिर्फ शुभम ही नहीं, बल्कि उसके साथियों—देवेश जायसवाल, अमित जायसवाल और आकाश पाठक के खिलाफ भी लुक आउट नोटिस जारी किया है। इन सभी की संलिप्तता नशीली दवाओं के अंतरराज्यीय कारोबार में पाई गई है। वाराणसी पुलिस का कहना है कि इन सभी के खिलाफ ठोस सबूत मिले हैं, और जल्द ही इनकी संपत्तियों की कुर्की और गिरफ्तारी की जाएगी। जांच एजेंसियों ने हर बड़े बस अड्डे, रेलवे स्टेशन, एयरपोर्ट आदि पर अलर्ट जारी कर दिया है ताकि ये आरोपी देश छोड़कर भाग न सकें।

SIT की जांच में कई राज बेनकाब

SIT की कड़ी जांच में ऐसे कई तथ्य सामने आए हैं, जिनसे अदालत ने आरोपियों को कोई राहत देने से इनकार कर दिया है। पुलिस कमिश्नर मोहित अग्रवाल के मुताबिक, SIT की पड़ताल में यह साबित हो गया है कि शुभम जायसवाल और उसका नेटवर्क एक सुव्यवस्थित ड्रग रैकेट चला रहा था, जो न केवल यूपी बल्कि झारखंड, पश्चिम बंगाल और बांग्लादेश बॉर्डर तक फैला था। जांच में मिले साक्ष्यों के आधार पर ही कोर्ट ने आरोपियों की जमानत याचिका खारिज कर दी।

झारखंड में फर्जीवाड़ा, रांची ड्रग लाइसेंस की साजिश

SIT सोनभद्र की सूचना पर सामने आया कि शुभम जायसवाल और भोला प्रसाद ने 'शैली ट्रेडर्स' नाम से रांची झारखंड के गोदाम के लिए लाइसेंस और ड्रग लाइसेंस हासिल करने के दौरान फर्जी दस्तावेजों का इस्तेमाल किया। गोदाम का किराएदारी एग्रीमेंट, अनुभव प्रमाण पत्र, आधार कार्ड और रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर सब फर्जी पाए गए। इस मामले में झारखंड औषधि विभाग के सहायक निदेशक ने थाना धुर्वा (हटिया), रांची में मुकदमा दर्ज कराया है। जांच में खुलासा हुआ कि 'शैली ट्रेडर्स' ने धोखे और झूठी जानकारी देकर लाइसेंस प्राप्त किया, जिसका इस्तेमाल नशीली कफ सिरप की अवैध सप्लाई के लिए हुआ।

कोडीन कफ सिरप रैकेट का नेटवर्क कैसे फैला

SIT जांच में साफ हुआ कि शुभम जायसवाल और भोला प्रसाद की साझेदारी में 'शैली ट्रेडर्स' के माध्यम से अवैध रूप से न्यू फेन्साडिल जैसी कोडीन कफ सिरप की बड़ी खेप सप्लाई की जाती थी। इस नेटवर्क के तार न केवल उत्तर प्रदेश के शहरों से जुड़े थे, बल्कि झारखंड के रांची, पश्चिम बंगाल के सिलीगुड़ी और दार्जिलिंग, यहां तक कि बांग्लादेश बॉर्डर तक इसकी पहुंच थी। NCB (नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो) सिलीगुड़ी द्वारा भी इस नेटवर्क पर केस दर्ज कर जांच की जा रही है। देश के सबसे बड़े नशा तस्करी रैकेट में शुभम जायसवाल की मुख्य भूमिका सामने आई है।

देश के युवाओं को बर्बाद करने की साजिश

SIT की रिपोर्ट में यह भी खुलासा हुआ कि इस ड्रग सिंडिकेट ने सस्ती कीमत और आसान उपलब्धता के नाम पर हजारों युवाओं को नशे की गिरफ्त में धकेला। मेडिकल स्टोर्स, थोक बाजारों और बिचौलियों के माध्यम से कोडीन युक्त कफ सिरप धड़ल्ले से सप्लाई की जाती थी। इसके लिए कई फर्जी डॉक्युमेंट्स का इस्तेमाल हुआ। सूत्रों के मुताबिक, शुभम जायसवाल का नेटवर्क सिर्फ यूपी या झारखंड ही नहीं, बिहार, बंगाल, ओडिशा, और बांग्लादेश तक फैला था। भारत-बांग्लादेश सीमा पर अवैध तस्करी के कई प्रमाण सामने आए हैं।

बुलडोजर कार्रवाई से अपराधियों में खौफ

पुलिस और प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि जो भी आरोपी इस केस में शामिल पाए जाएंगे, उनकी अवैध संपत्ति पर बुलडोजर चलाया जाएगा। माफिया टाइप कार्रवाइयों में वाराणसी पुलिस का यह अब तक का सबसे बड़ा कदम है। पुलिस कमिश्नर ने कहा है कि अवैध रूप से अर्जित हर संपत्ति को कुर्क किया जाएगा, जिससे आगे अपराधियों को सबक मिले। बीते कुछ महीनों में प्रदेश भर में दर्जनों ऐसे अपराधियों पर बुलडोजर चल चुका है और शुभम जायसवाल इसका अगला बड़ा उदाहरण बनने जा रहा है।

वाराणसी में ड्रग्स नेटवर्क के खिलाफ जीरो टॉलरेंस

वाराणसी पुलिस कमिश्नरेट ने साफ किया है कि शहर में किसी भी प्रकार के नशे के कारोबार को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। ड्रग्स सिंडिकेट के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई जा रही है। पुलिस की अलग-अलग टीमें लगातार छापेमारी और निगरानी कर रही हैं। बड़े मेडिकल थोक डीलरों से लेकर फर्जी कंपनियों पर भी पुलिस की नजर है। शुभम जायसवाल की गिरफ्तारी और उसके खिलाफ उठाए गए एक्शन से पूरे प्रदेश के नशे के कारोबारियों में हड़कंप है।

SIT के निष्कर्ष और अगली रणनीति

SIT की जांच अंतिम चरण में है और जल्द ही इस मामले की चार्जशीट दाखिल कर दी जाएगी। सूत्रों के मुताबिक, इस रैकेट से जुड़े और भी कई सफेदपोशों की भूमिका जांच के घेरे में है। जांच एजेंसियां अब बैंक खातों, प्रॉपर्टी और फर्जी दस्तावेजों की कड़ियों को जोड़ रही हैं। आने वाले समय में शुभम जायसवाल और उसके गैंग के खिलाफ NCB, ED और CBI जैसी एजेंसियां भी जांच में शामिल हो सकती हैं।

यूपी से बांग्लादेश तक फैले नशे के जाल पर शिकंजा

कोडीन कफ सिरप के इस बड़े मामले ने न सिर्फ वाराणसी या उत्तर प्रदेश बल्कि पूरे देश को हिला दिया है। शुभम जायसवाल की गिरफ्तारी, इनाम की राशि बढ़ना, लुक आउट नोटिस, अवैध संपत्ति जब्ती, बुलडोजर एक्शन और SIT की रिपोर्ट से साफ है कि अब ड्रग्स सिंडिकेट का बचना नामुमकिन है। सरकार और पुलिस की सख्ती ने प्रदेश के युवाओं को नशे के इस खतरे से बचाने की ठान ली है। कोडीन कफ सिरप कांड में आने वाले दिनों में और भी बड़े खुलासे और कड़ी कार्रवाई की संभावना है, जिससे देशभर में नशे के कारोबारियों की कमर टूटेगी और एक नया संदेश जाएगा कि अवैध धंधे में लिप्त अपराधियों की अब खैर नहीं।

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