बागपत के महावतपुर बावली गांव में एकतरफा प्यार ने खूनी मोड़ लिया, युवती की गोली मारकर हत्या और आरोपी ने फांसी लगाई
बागपत में एकतरफा इश्क ने ली दो जिंदगियां, गांव में पसरा मातम
उत्तर प्रदेश के बागपत जनपद से सामने आई यह घटना केवल एक हत्या और आत्महत्या की खबर नहीं है, बल्कि यह उस सामाजिक सच्चाई को उजागर करती है जहां एकतरफा प्रेम धीरे-धीरे जुनून, सनक और फिर हिंसा में तब्दील हो जाता है। बड़ौत कोतवाली क्षेत्र के महावतपुर बावली गांव में गुरुवार की सुबह ऐसा ही मंजर देखने को मिला, जब गांव की गलियों में गोलियों की आवाज गूंजी और कुछ ही पलों में एक युवती की जिंदगी खत्म हो गई, जबकि थोड़ी ही देर बाद उसका हत्यारा खुद भी मौत को गले लगा बैठा। इस घटना ने पूरे गांव को सदमे में डाल दिया और इलाके में डर व सन्नाटा फैल गया।
कौन थी गुड्डन, जिसकी जान चली गई
मृतका की पहचान 18 वर्षीय गुड्डन पुत्री लख्मी सैनी के रूप में हुई है। गुड्डन एक साधारण परिवार से ताल्लुक रखती थी और घर पर रहकर सिलाई का काम करती थी। परिवार की आर्थिक स्थिति मजबूत नहीं थी, ऐसे में गुड्डन अपने हुनर से घर की मदद कर रही थी। उसके पिता बड़ौत कोतवाली में चौकीदार के पद पर तैनात हैं और अक्सर ड्यूटी के कारण घर से बाहर रहते थे। मां राजकली घरेलू महिला हैं और बेटी ही उनका सहारा थी। गांव में गुड्डन को एक शांत, मेहनती और सीधे-साधे स्वभाव की लड़की के रूप में जाना जाता था।
सतनाम कटारिया का एकतरफा प्यार बना मौत की वजह
इस पूरे घटनाक्रम के केंद्र में 23 वर्षीय सतनाम कटारिया था, जो गुड्डन के घर के पास ही रहता था। बताया जा रहा है कि सतनाम लंबे समय से गुड्डन से एकतरफा प्यार करता था। उसने कई बार उससे बातचीत करने और शादी के लिए दबाव बनाने की कोशिश की, लेकिन गुड्डन ने कभी इस रिश्ते को स्वीकार नहीं किया। परिजनों के अनुसार, गुड्डन पढ़ी-लिखी और समझदार थी और वह बिना परिवार की सहमति के किसी भी रिश्ते में नहीं पड़ना चाहती थी।
पंजाब से लौटने के बाद बढ़ी सनक
सतनाम और उसका परिवार मजदूरी के लिए पंजाब में एक ईंट-भट्ठे पर काम करता था। कुछ दिन पहले ही वह गांव लौटा था। गांव लौटते ही उसने फिर से गुड्डन पर शादी का दबाव बनाना शुरू कर दिया। स्थानीय लोगों का कहना है कि सतनाम का व्यवहार पिछले कुछ दिनों से बदला-बदला सा था। वह अक्सर गुस्से में रहता था और गुड्डन को लेकर जुनूनी बातें करता था। किसी को अंदेशा नहीं था कि यह जुनून इतना खतरनाक मोड़ ले लेगा।
गुरुवार की सुबह कैसे शुरू हुआ मौत का खेल
गुरुवार की सुबह करीब साढ़े दस बजे गुड्डन घर से कुछ सामान लेने के लिए निकली थी। जैसे ही वह अपने घर के पीछे की गली में पहुंची, वहां पहले से मौजूद सतनाम ने उसका रास्ता रोक लिया। दोनों के बीच कहासुनी होने लगी। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, सतनाम शादी को लेकर दबाव बना रहा था और गुड्डन साफ इनकार कर रही थी। इसी दौरान सतनाम आपा खो बैठा और उसने तमंचा निकाल लिया।
सिर में मारी गोली, मौके पर मची अफरा-तफरी
गुस्से और जुनून में अंधे होकर सतनाम ने गुड्डन के सिर में गोली मार दी। गोली लगते ही गुड्डन खून से लथपथ होकर जमीन पर गिर पड़ी। गली में मौजूद लोग कुछ समझ पाते, उससे पहले ही वहां चीख-पुकार मच गई। लोग डर के मारे इधर-उधर भागने लगे। कुछ लोगों ने गुड्डन को उठाने की कोशिश की, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी।
खुद को भी मारने की कोशिश, लेकिन फंस गई गोली
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, युवती को गोली मारने के बाद सतनाम ने खुद को भी गोली मारने की कोशिश की, लेकिन तमंचे में गोली फंस गई। इस दौरान वह घबराया हुआ नजर आया और तेजी से अपने घर की ओर भागा। गांव वालों को लगा कि शायद वह फरार हो गया है, लेकिन कुछ ही देर बाद जो सामने आया, उसने सबको हिला कर रख दिया।
नीम के पेड़ से लटककर दी जान
सतनाम सीधे अपने घर पहुंचा और वहां लगे नीम के पेड़ से फंदा बनाकर फांसी पर झूल गया। कुछ समय बाद जब गांव वालों ने उसे पेड़ से लटका देखा तो हड़कंप मच गया। सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची। एक तरफ युवती की हत्या और दूसरी तरफ आरोपी की आत्महत्या, दोनों घटनाओं ने गांव को शोक में डुबो दिया।
अस्पताल में डॉक्टरों ने किया मृत घोषित
उधर, गुड्डन को गंभीर हालत में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया, लेकिन डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। गोली सिर में लगने के कारण उसकी मौके पर ही मौत हो चुकी थी। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।
फोरेंसिक टीम ने संभाला मोर्चा
घटना की सूचना मिलते ही फोरेंसिक टीम मौके पर पहुंची। टीम ने घटनास्थल से तमंचा और अन्य साक्ष्य जुटाए। पुलिस ने सतनाम का शव नीम के पेड़ से उतरवाया और पंचनामा भरकर उसे भी पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। पूरे इलाके को पुलिस ने घेराबंदी कर सुरक्षित किया, ताकि जांच में कोई बाधा न आए।
आला अधिकारी मौके पर पहुंचे
घटना की गंभीरता को देखते हुए एडिशनल एसपी प्रवीण कुमार चौहान और सीओ बड़ौत विजय कुमार भी मौके पर पहुंचे। अधिकारियों ने ग्रामीणों से बातचीत कर जानकारी जुटाई और परिजनों को सांत्वना दी। पुलिस का कहना है कि मामले की हर पहलू से जांच की जा रही है, ताकि यह स्पष्ट हो सके कि कहीं इसमें कोई और कारण या व्यक्ति तो शामिल नहीं था।
मां का रो-रोकर बुरा हाल
गुड्डन की मौत के बाद मां राजकली का रो-रोकर बुरा हाल है। बेटी की लाश देखकर वह बार-बार बेहोश हो रही थी। पिता ड्यूटी से लौटे तो घर का मंजर देखकर टूट गए। परिवार के लिए यह घटना किसी वज्रपात से कम नहीं है। गांव की महिलाएं उन्हें ढांढस बंधाने में जुटी रहीं।
गांव में दहशत और सन्नाटा
इस दोहरे मौत के बाद महावतपुर बावली गांव में सन्नाटा पसरा हुआ है। लोग घरों से बाहर निकलने से भी कतरा रहे हैं। बच्चों को स्कूल नहीं भेजा गया और बाजार भी लगभग बंद रहे। हर कोई यही सवाल कर रहा है कि आखिर एकतरफा प्यार इतना खतरनाक कैसे हो सकता है।
एकतरफा प्यार और सामाजिक जिम्मेदारी
यह घटना समाज के सामने एक बड़ा सवाल खड़ा करती है। एकतरफा प्यार अगर समय रहते रोका न जाए और परिवार या समाज इसमें हस्तक्षेप न करे, तो यह किस हद तक खतरनाक हो सकता है, इसका यह जीता-जागता उदाहरण है। विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसे मामलों में संवाद, काउंसलिंग और समय पर हस्तक्षेप बेहद जरूरी है।
पुलिस जांच में क्या-क्या बिंदु
पुलिस यह पता लगाने में जुटी है कि सतनाम के पास तमंचा कहां से आया। क्या यह अवैध हथियार था या किसी पुराने विवाद से जुड़ा था। इसके अलावा, यह भी जांच की जा रही है कि सतनाम ने पहले कभी गुड्डन को धमकी तो नहीं दी थी। मोबाइल कॉल डिटेल्स और सोशल मीडिया गतिविधियों को भी खंगाला जा रहा है।
कानून व्यवस्था पर उठे सवाल
इस घटना ने एक बार फिर अवैध हथियारों की उपलब्धता और कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं। अगर समय रहते ऐसे युवकों की मानसिक स्थिति पर ध्यान दिया जाए, तो शायद ऐसी घटनाओं को रोका जा सकता है। पुलिस का कहना है कि मामले में किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
पूरे इलाके में शोक की लहर
महावतपुर बावली ही नहीं, बल्कि आसपास के गांवों में भी इस घटना की चर्चा है। हर कोई गुड्डन के परिवार के प्रति संवेदना जता रहा है। गांव के बुजुर्गों का कहना है कि पहले ऐसे मामले बहुत कम देखने को मिलते थे, लेकिन अब एकतरफा प्यार और हिंसा की घटनाएं बढ़ रही हैं।
बागपत की यह घटना किसी एक परिवार या गांव की त्रासदी नहीं है, बल्कि यह पूरे समाज के लिए चेतावनी है। एकतरफा इश्क अगर जुनून में बदल जाए, तो वह मासूम जिंदगियों को निगल सकता है। जरूरत है कि परिवार, समाज और प्रशासन मिलकर ऐसे मामलों को समय रहते पहचानें और उन्हें हिंसा में बदलने से रोकें।


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