AMU में टीचर दानिश राव की गोली मारकर हत्या, बाइक सवार बदमाश फरार, पूर्व विधायक के दामाद थे दानिश, पुलिस रंजिश एंगल से जांच में जुटी
AMU कैंपस में दहशत की दोपहर, गोलियों से थर्राया माहौल
उत्तर प्रदेश की प्रतिष्ठित अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी एक बार फिर उस वक्त सुर्खियों में आ गई जब विश्वविद्यालय परिसर के भीतर एक शिक्षक की दिनदहाड़े गोली मारकर हत्या कर दी गई. यह घटना न सिर्फ कानून-व्यवस्था पर सवाल खड़े करती है, बल्कि देश की नामी यूनिवर्सिटी की सुरक्षा व्यवस्था को भी कठघरे में लाकर खड़ा कर देती है. बुधवार की दोपहर AMU का शांत और अनुशासित माहौल अचानक गोलियों की आवाज से दहल उठा. मौलाना आज़ाद लाइब्रेरी के पीछे स्थित कैंटीन और टहलने वाले रास्ते पर उस वक्त अफरा-तफरी मच गई, जब कंप्यूटर शिक्षक दानिश राव पर दो बाइक सवार बदमाशों ने ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी.
रोज़ की तरह टहलने निकले थे दानिश, मौत बनकर आए हमलावर
प्रत्यक्षदर्शियों और पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक दानिश राव रोज़ की तरह अपने दो साथियों के साथ यूनिवर्सिटी कैंपस में टहलने निकले थे. मौलाना आज़ाद लाइब्रेरी के पीछे का इलाका आमतौर पर छात्रों और शिक्षकों की चहल-पहल से भरा रहता है. दानिश अपने साथियों के साथ बातचीत करते हुए कैंटीन के पास पहुंचे ही थे कि तभी दो बाइक सवार नकाबपोश युवक वहां आकर रुके. इससे पहले कोई कुछ समझ पाता, हमलावरों ने दानिश को निशाना बनाकर गोलियां बरसानी शुरू कर दीं.
“अब तो पहचानोगे मैं कौन हूं”, फिर बरसाईं गोलियां
घटना को लेकर जो सबसे चौंकाने वाली बात सामने आई है, वह हमलावरों का वारदात से पहले दिया गया बयान है. मौके पर मौजूद लोगों और दानिश के साथियों के अनुसार, फायरिंग से ठीक पहले बदमाशों ने दानिश से कहा, “अब तो पहचानोगे मैं कौन हूं”. इसके बाद गाली-गलौज हुई और फिर बेहद नजदीक से गोलियां दाग दी गईं. इस पूरे घटनाक्रम ने पुलिस को यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि हमलावर दानिश को पहले से जानते थे और यह कोई सुनियोजित हत्या थी.
दो पिस्टल से करीब 10 राउंड फायरिंग, मौके पर मची भगदड़
बताया जा रहा है कि बदमाशों के पास दो पिस्टल थीं और उन्होंने लगभग 10 राउंड फायरिंग की. गोलियों की आवाज सुनते ही कैंपस में मौजूद छात्र, शिक्षक और कर्मचारी इधर-उधर भागने लगे. कुछ ही सेकंड में AMU का वह हिस्सा दहशत के साए में आ गया. दानिश राव गंभीर रूप से घायल होकर जमीन पर गिर पड़े, जबकि हमलावर वारदात को अंजाम देने के बाद तेज रफ्तार बाइक से फरार हो गए.
अस्पताल पहुंचते ही डॉक्टरों ने किया मृत घोषित
फायरिंग के तुरंत बाद दानिश के साथ मौजूद उनके साथियों ने पुलिस और यूनिवर्सिटी प्रशासन को सूचना दी. आनन-फानन में उन्हें इलाज के लिए नजदीकी अस्पताल ले जाया गया, लेकिन गोलियां शरीर के अहम हिस्सों में लगने के कारण उनकी हालत बेहद नाजुक थी. डॉक्टरों ने काफी प्रयास किए, लेकिन इलाज के दौरान ही दानिश राव ने दम तोड़ दिया. उनकी मौत की खबर फैलते ही AMU परिसर और उनके आवासीय इलाके में मातम छा गया.
बुलंदशहर से अलीगढ़ तक का सफर, AMU से था गहरा नाता
दानिश राव मूल रूप से उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर जिले के डिबाई क्षेत्र के रहने वाले थे. हालांकि उनका परिवार पिछले कई दशकों से अलीगढ़ में रह रहा था. अमीर निशा इलाके में मक्खन वाली कोठी के पास उनका पैतृक घर है. दानिश का अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी से नाता सिर्फ नौकरी तक सीमित नहीं था, बल्कि उनका बचपन, शिक्षा और पूरा पारिवारिक जीवन AMU से गहराई से जुड़ा हुआ था.
जहां पढ़ाई की, वहीं बने शिक्षक
दानिश राव ने अपनी पढ़ाई अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी से ही पूरी की थी. पढ़ाई के बाद उन्हें AMU से जुड़े ABK बॉयज स्कूल में कंप्यूटर टीचर के रूप में नौकरी मिली. छात्रों के बीच वह एक शांत, पढ़े-लिखे और मददगार शिक्षक के तौर पर जाने जाते थे. यही वजह है कि उनकी हत्या की खबर से न सिर्फ उनका परिवार बल्कि उनके छात्र और सहकर्मी भी गहरे सदमे में हैं.
शिक्षित परिवार से ताल्लुक, मां और भाई भी AMU से जुड़े
दानिश राव का परिवार शिक्षा के क्षेत्र में जाना-पहचाना रहा है. उनकी मां अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में शिक्षक रह चुकी हैं. उनके पिता भी लंबे समय तक AMU में कर्मचारी के रूप में सेवाएं दे चुके हैं. यही नहीं, दानिश के भाई वर्तमान में AMU के इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट में शिक्षक हैं. इस तरह पूरा परिवार किसी न किसी रूप में अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी से जुड़ा रहा है.
सामाजिक और राजनीतिक पहचान भी बनी वजह?
दानिश राव सिर्फ एक शिक्षक ही नहीं थे, बल्कि उनका परिवार सामाजिक और राजनीतिक रूप से भी प्रभावशाली माना जाता है. दानिश मुरादाबाद की ठाकुरद्वारा विधानसभा सीट से कांग्रेस के पूर्व विधायक रहे डॉ. मोहम्मद उल्लाह चौधरी के दामाद थे. इस राजनीतिक पृष्ठभूमि के कारण भी कई तरह के सवाल खड़े हो रहे हैं कि क्या हत्या के पीछे कोई पुरानी राजनीतिक या व्यक्तिगत रंजिश छिपी हुई है.
परिवार ने रंजिश से किया इनकार, सवाल बरकरार
दानिश राव के परिवार का कहना है कि उन्हें किसी भी तरह की दुश्मनी या विवाद की जानकारी नहीं है. परिजनों के अनुसार दानिश का स्वभाव शांत था और उनका जीवन पूरी तरह शिक्षा और परिवार तक सीमित था. बावजूद इसके, वारदात से पहले हमलावरों द्वारा कही गई बात ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं. “अब तो पहचानोगे मैं कौन हूं” जैसे शब्द इस ओर इशारा करते हैं कि हत्या अचानक नहीं बल्कि पूरी योजना के तहत की गई थी.
पुलिस जांच में पुरानी रंजिश का एंगल
घटना के बाद पुलिस ने तत्काल मामला दर्ज कर लिया है. वरिष्ठ पुलिस अधिकारी मौके पर पहुंचे और घटनास्थल का निरीक्षण किया. पुलिस आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाल रही है. साथ ही दानिश के साथ मौजूद दोनों साथियों से भी पूछताछ की जा रही है. शुरुआती जांच में पुलिस पुरानी रंजिश के एंगल पर खास ध्यान दे रही है.
यूनिवर्सिटी कैंपस की सुरक्षा पर उठे सवाल
इस हत्या ने AMU की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर भी गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं. दिनदहाड़े दो हथियारबंद बदमाशों का बाइक से कैंपस में घुसना और शिक्षक की गोली मारकर हत्या कर फरार हो जाना, यह दर्शाता है कि सुरक्षा में कहीं न कहीं बड़ी चूक हुई है. छात्रों और शिक्षकों में डर का माहौल है और कई लोग परिसर में सुरक्षा बढ़ाने की मांग कर रहे हैं.
छात्रों और शिक्षकों में आक्रोश, शोक का माहौल
दानिश राव की हत्या की खबर फैलते ही छात्रों और शिक्षकों में आक्रोश और शोक दोनों देखने को मिला. कई शिक्षकों ने इसे विश्वविद्यालय के इतिहास की सबसे दुखद घटनाओं में से एक बताया. छात्रों का कहना है कि जिस कैंपस को सुरक्षित माना जाता था, वहां इस तरह की वारदात बेहद चिंताजनक है.
CCTV फुटेज से सुराग की उम्मीद
पुलिस को उम्मीद है कि मौलाना आज़ाद लाइब्रेरी और आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज से हमलावरों के बारे में अहम सुराग मिल सकते हैं. फुटेज के आधार पर बदमाशों की पहचान और उनके भागने के रास्ते को ट्रेस किया जा रहा है. इसके अलावा मोबाइल कॉल डिटेल्स और पुराने विवादों की भी जांच की जा रही है.
AMU प्रशासन की चुप्पी, जांच में सहयोग का दावा
घटना के बाद AMU प्रशासन की ओर से कोई ठोस बयान सामने नहीं आया है, हालांकि प्रशासन ने पुलिस को हर संभव सहयोग देने की बात कही है. विश्वविद्यालय के वरिष्ठ अधिकारी हालात पर नजर बनाए हुए हैं और कैंपस में शांति बनाए रखने की अपील कर रहे हैं.
हत्या या साजिश, जवाब तलाश रही जांच
फिलहाल सबसे बड़ा सवाल यही है कि दानिश राव की हत्या आखिर क्यों की गई. क्या यह कोई व्यक्तिगत दुश्मनी थी, कोई पुराना विवाद था या फिर इसके पीछे कोई गहरी साजिश छिपी है. पुलिस इन सभी पहलुओं पर जांच कर रही है और दावा किया जा रहा है कि जल्द ही हत्यारोपियों को गिरफ्तार कर लिया जाएगा.
AMU के इतिहास में एक और काला अध्याय
दानिश राव की हत्या ने अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के इतिहास में एक और काला अध्याय जोड़ दिया है. जहां शिक्षा, ज्ञान और संस्कृति की बात होती है, वहां इस तरह की हिंसक घटना न सिर्फ संस्थान बल्कि पूरे समाज के लिए चिंता का विषय है. अब देखना यह है कि पुलिस जांच कितनी तेजी से आगे बढ़ती है और क्या दानिश राव के परिवार को इंसाफ मिल पाता है या नहीं.


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