रायबरेली में पति-पत्नी की रहस्यमयी मौत: अंदर से बंद कमरा, गला रेतकर हत्या और फिर फांसी… तीन मासूमों के सिर से उठा मां-बाप का साया



रायबरेली के खीरों में पति-पत्नी की दोहरी मौत से सनसनी, कमरे में मिला बंद दरवाजा, पति पर हत्या और आत्महत्या का शक


रायबरेली में बंद कमरे में पति-पत्नी की मौत का खौफनाक मामला

उत्तर प्रदेश के रायबरेली जिले के खीरों थाना क्षेत्र में एक ऐसी दर्दनाक घटना सामने आई जिसने पूरे इलाके को झकझोर दिया. सुरजीपुर निहस्था गांव में एक ही घर से पति-पत्नी के शव बरामद होने से हड़कंप मच गया. कमरे का दरवाजा अंदर से बंद था और ऊपर से परिवार के तीन मासूम बच्चे अचानक अनाथ हो गए. शुरुआती जांच में पुलिस का कहना है कि पति भीमराज उर्फ भीखू ने पहले अपनी पत्नी सोनी देवी को धारदार हथियार से गला रेतकर मार डाला और फिर खुद फांसी लगा ली. मामला पारिवारिक विवाद की ओर इशारा करता है, लेकिन पुलिस सभी कोणों से विस्तृत जांच कर रही है.

कमरे में बंद दरवाजे ने बढ़ाई सनसनी

घटना 14 नवंबर की देर रात या 15 नवंबर की सुबह की बताई जा रही है. गांव के लोगों का कहना है कि घर में पूरे समय सन्नाटा पसरा हुआ था. भीमराज और सोनी देवी के तीनों बच्चे घर के बाहर खेल रहे थे. जब काफी देर तक अंदर से कोई हलचल नहीं हुई, तो परिजनों को शक हुआ. उन्होंने आवाज दी लेकिन कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली. इसके बाद दरवाजा तोड़ा गया तो अंदर का दृश्य देखकर हर किसी के पैरों तले जमीन खिसक गई. सोनी देवी का शरीर खून से लथपथ पड़ा था और भीखू फांसी के फंदे से लटके मिले.

पुलिस और फॉरेंसिक टीम की शुरुआती जांच

सूचना पाकर 112 डायल की टीम सबसे पहले मौके पर पहुंची. इसके बाद खीरों थाने की पुलिस, सीओ और फॉरेंसिक यूनिट भी मौके पर पहुंच गई. कमरे का हाल देखकर पुलिस ने मान लिया कि वारदात कमरे के भीतर ही हुई. कमरे में कोई जबरन घुसने के निशान नहीं थे. हथियार, जिसे स्थानीय भाषा में ‘बांका’ कहा जाता है, खून से सना पड़ा मिला. बिस्तर, दीवार और फर्श पर खून के छींटे स्पष्ट दिख रहे थे.

फॉरेंसिक विशेषज्ञों ने मौके से खून, हथियार पर लगे निशान, फिंगरप्रिंट और अन्य साक्ष्य जुटाए. उनके अनुसार, सोनी देवी की हत्या करीब से धारदार हथियार से की गई. हमले की प्रकृति से पता चलता है कि यह अचानक नहीं बल्कि गुस्से या विवाद के दौरान हुआ. इसके बाद वही हथियार एक तरफ फेंका मिला और भीखू ने कमरे के कुंडी बंद कर फांसी लगा ली.

मृतक की पहचान और पारिवारिक पृष्ठभूमि

भीमराज उर्फ भीखू और सोनी देवी दोनों सुरजीपुर निहस्था गांव के ही रहने वाले थे. उनकी आर्थिक स्थिति सामान्य थी. लोग उन्हें शांत स्वभाव का दंपती बताते थे, हालांकि पड़ोसियों का कहना है कि पिछले कुछ महीनों से दोनों के बीच अनबन की खबरें आती रहती थीं. तीनों बच्चे अभी छोटे हैं—सबसे बड़ा शिवम केवल 9 साल का, शुभम 7 साल का और सबसे छोटा शिवशान मात्र 4 साल का है.

गांव वाले बताते हैं कि सोनी देवी 14 नवंबर को अपने मायके गई थीं क्योंकि वहां पर शादी का कार्यक्रम था. वहीं से वह शाम को वापस लौटी थीं. उसके बाद दंपती के बीच बातचीत बेहद कम हुई. कुछ लोगों का कहना है कि भीखू ने सोनी देवी के देर से आने पर नाराजगी जताई थी. हालांकि पुलिस अभी आधिकारिक रूप से किसी भी दावे की पुष्टि नहीं कर रही.

हत्या की वजह क्या हो सकती है

पुलिस की जांच का केंद्र अब यह है कि आखिर इतनी बड़ी वारदात क्यों और कैसे हुई. तीन संभावित वजहों पर पुलिस विशेष रूप से काम कर रही है.

पहला, पारिवारिक विवाद. गांव वालों ने बताया कि दोनों के बीच कभी-कभी झगड़े होते थे. कुछ लोग यह भी कहते हैं कि घर के खर्च को लेकर तनाव रहता था.

दूसरा, शक-संबंधी मामला. पुलिस को यह भी जानकारी मिली है कि भीमराज अपनी पत्नी पर किसी बात को लेकर शक करता था. हालांकि इसकी सच्चाई अभी जांच का विषय है.

तीसरा, मानसिक तनाव. पुलिस को घर से कुछ पुराने कागज और दवाइयों के पर्चे मिले हैं. जांच दल यह पता लगाने में जुटा है कि क्या भीमराज तनाव या अवसाद से गुजर रहा था.

बच्चों ने कैसे समझा यह सब

घटना में सबसे बड़ा सदमा इन तीन मासूमों को लगा है. बच्चे घर के बाहर खेल रहे थे और उन्हें पता ही नहीं था कि अंदर उनके माता-पिता का संसार हमेशा के लिए खत्म हो रहा है. परिजनों ने बताया कि बड़े बेटे शिवम ने सबसे पहले चिंता जताई कि “मम्मी-पापा बाहर क्यों नहीं आ रहे”. जब अंदर देखा गया तो उसके बाद जो दृश्य सामने आया, उसे देखकर बच्चे डर के मारे चुप हो गए.

पुलिस टीम के लिए तीन मासूमों को सुरक्षित अलग स्थान पर ले जाना भी चुनौती भरा था. उन्हें फिलहाल नाना-नानी के पास भेज दिया गया है.

गांव में मातम और दहशत

रायबरेली के इस शांत गांव में ऐसा खौफनाक दृश्य पहले कभी नहीं देखा गया. दर्जनों गांवों के लोग इस घटना को सुनकर मौके पर पहुंचे. महिलाओं ने बच्चों का हाल देखकर दुख प्रकट किया. ग्रामीणों ने बताया कि परिवार सामान्य जीवन जी रहा था. किसी को यह अंदेशा तक नहीं था कि मामला हत्या और आत्महत्या तक पहुंच जाएगा.

कई ग्रामीणों ने पुलिस को बताया कि भीमराज कभी-कभी शराब पीता था. यह भी जांच के दायरे में है कि क्या घटना के समय वह नशे में था. मृतक के शरीर से मिले सैंपल का परीक्षण कराया जाएगा ताकि यह स्पष्ट हो सके.

पोस्टमार्टम रिपोर्ट देगी सच्चाई

दोनों शवों को पंचनामा भरने के बाद जिला अस्पताल भेजा गया. डॉक्टरों का कहना है कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद कई अहम बिंदु स्पष्ट होंगे. जैसे—हत्या किस समय हुई, कितने वार किए गए, हत्या के बाद कितना समय बीता, और भीखू ने कितने समय बाद आत्महत्या की.

पुलिस का कहना है कि फांसी के फंदे, रस्सी, हथियार के निशान और शरीर की स्थिति सभी कुछ पोस्टमार्टम के बाद और साफ होंगे.

पुलिस मामले की जांच में जुटी

खीरों थाना प्रभारी ने बताया कि सभी पहलुओं की जांच की जा रही है. मामले में परिवार और रिश्तेदारों से पूछताछ जारी है. घर की तलाशी में अभी तक ऐसा कोई दस्तावेज नहीं मिला जो किसी बड़े विवाद की ओर इशारा करे. लेकिन पारिवारिक तनाव और घरेलू कलह की दिशा में पुलिस विशेष फोकस कर रही है.

एसपी रायबरेली ने भी कहा कि यह घटना बेहद दुखद है. उन्होंने जांच टीम को निर्देश दिया कि मामले को अत्यंत संवेदनशीलता से निपटाया जाए और बच्चों की सुरक्षा व संरक्षण की भी व्यवस्था की जाए.

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