प्रयागराज नैनी सेंट्रल जेल में हत्या के दोषी कैदी उदय राज लोध की पेड़ से लटकती लाश मिली, आत्महत्या या साजिश जांच जारी
प्रयागराज की नैनी सेंट्रल जेल में पेड़ से लटका मिला कैदी का शव
प्रयागराज की नैनी सेंट्रल जेल में शनिवार की शाम एक ऐसी घटना सामने आई जिसने पूरे जेल प्रशासन को हिला दिया. हत्या के मामले में उम्रकैद की सजा काट रहे 65 वर्षीय कैदी उदय राज लोध का शव जेल परिसर में एक पेड़ से लटका हुआ मिला. मृतक कौशांबी जिले के पश्चिम शरीरा थाना क्षेत्र के बरुआ गांव का निवासी था. जेल प्रशासन ने शुरुआती जांच में इसे आत्महत्या बताया है, लेकिन पुलिस ने स्पष्ट किया है कि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आने के बाद ही मौत की असली वजह सामने आ पाएगी.
गिनती के दौरान गायब मिला कैदी
शनिवार शाम जब कैदियों की नियमित गिनती की जा रही थी, तब जेल अधिकारियों ने पाया कि एक बंदी कम है. तुरंत सर्च शुरू की गई तो दरी गोदाम के पास आम के पेड़ से एक शव लटकता मिला. पहचान करने पर पता चला कि यह शव उदय राज लोध का है, जो पिछले कुछ महीनों से नैनी सेंट्रल जेल में उम्रकैद की सजा काट रहा था. बताया जा रहा है कि कुछ ही देर पहले उसने अपने भाई ज्ञान सिंह से जेल परिसर में मुलाकात की थी और उसके बाद वह अचानक गायब हो गया था. थोड़ी ही देर में उसकी लाश मिलने से पूरे जेल में हड़कंप मच गया.
जेल प्रशासन ने बताया आत्महत्या का मामला
वरिष्ठ जेल अधीक्षक ने कहा कि प्राथमिक जांच में यह मामला आत्महत्या का लग रहा है. कैदी ने किसी निजी कारण से फांसी लगाई हो सकती है. हालांकि, उन्होंने यह भी जोड़ा कि जांच अभी प्रारंभिक स्तर पर है और हर पहलू की पड़ताल की जा रही है. पुलिस ने शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है. फॉरेंसिक टीम भी घटनास्थल का निरीक्षण कर रही है ताकि यह स्पष्ट हो सके कि यह आत्महत्या है या किसी तरह की साजिश.
2020 की हत्या में तीनों भाइयों को हुई थी उम्रकैद
मृतक उदय राज लोध और उसके दो भाईयों को 11 जून 2020 को हुए एक हत्या के मामले में उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी. उस दिन गांव में आम तोड़ने को लेकर उदय राज, ज्ञान सिंह और उनके एक अन्य भाई का गांव के ही मान सिंह नामक व्यक्ति से झगड़ा हो गया था. बात इतनी बढ़ी कि तीनों भाइयों ने लाठी-डंडों से पीटकर उसकी हत्या कर दी थी. पुलिस ने तीनों को गिरफ्तार किया था और लंबी सुनवाई के बाद कोर्ट ने 23 दिसंबर 2023 को उन्हें उम्रकैद की सजा सुनाई थी.
कौशांबी से नैनी जेल ट्रांसफर हुआ था उदय राज
उदय राज को 20 जुलाई 2024 को कौशांबी जिला जेल से प्रयागराज की नैनी सेंट्रल जेल में शिफ्ट किया गया था. बताया जाता है कि ट्रांसफर के बाद वह शांत स्वभाव से जेल जीवन बिता रहा था. जेल कर्मियों ने भी बताया कि वह अनुशासित कैदी था और कभी किसी विवाद में नहीं पड़ा. ऐसे में उसकी अचानक मौत ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं.
घटना से पहले भाई से हुई थी मुलाकात
जेल सूत्रों ने बताया कि घटना से कुछ ही देर पहले उदय राज ने अपने भाई ज्ञान सिंह से बातचीत की थी. दोनों ने जेल परिसर में कुछ देर तक मुलाकात की और उसके बाद उदय राज वहां से चला गया. इसके बाद वह दिखाई नहीं दिया. थोड़ी देर में उसका शव पेड़ से लटका मिला. पुलिस इस बात की भी जांच कर रही है कि मुलाकात के बाद वह किन रास्तों से गया और घटना स्थल तक कैसे पहुंचा.
पत्नी ने जताया संदेह, कहा- “पति खुश थे, आत्महत्या संभव नहीं”
उदय राज की पत्नी ने अपने पति की मौत पर गंभीर सवाल उठाए हैं. उनका कहना है कि नवरात्रि के दौरान वे अपने पति से जेल में मिलने गई थीं. उस समय वह पूरी तरह स्वस्थ, शांत और प्रसन्न थे. पत्नी ने कहा कि उनके पति ने कभी आत्महत्या जैसे विचार नहीं जताए थे. इसलिए यह मानना मुश्किल है कि उन्होंने खुद अपनी जान ली. उन्होंने मांग की है कि पूरे मामले की निष्पक्ष जांच की जाए और सीसीटीवी फुटेज खंगाले जाएं.
जेल प्रशासन ने दी जांच के आदेश
जेल प्रशासन ने घटना के तुरंत बाद आंतरिक जांच के आदेश दे दिए हैं. वरिष्ठ जेल अधीक्षक ने कहा कि मामले में सभी संबंधित अधिकारियों से रिपोर्ट मांगी गई है. उन्होंने यह भी बताया कि फांसी के लिए इस्तेमाल किए गए कपड़े और रस्सी को जब्त कर लिया गया है. पुलिस यह भी जांच कर रही है कि कहीं किसी अन्य कैदी या जेल कर्मचारी की इसमें संलिप्तता तो नहीं है.
पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट से खुलेगा सच
मौत की असली वजह पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट से ही सामने आ सकेगी. फिलहाल शव को प्रयागराज के SRN अस्पताल भेजा गया है. डॉक्टरों की टीम ने कहा है कि प्राथमिक दृष्टि में गले में फंदे के निशान मिले हैं, लेकिन बाकी चोटों और मृत्यु के सही कारण के लिए पूरी रिपोर्ट का इंतजार करना होगा.
जेल में सुरक्षा और निगरानी पर उठे सवाल
इस घटना के बाद नैनी जेल की सुरक्षा व्यवस्था पर भी सवाल खड़े हो गए हैं. इतनी सख्त निगरानी में किसी कैदी का पेड़ से लटककर मर जाना कई व्यवस्थागत खामियों की ओर इशारा करता है. जेल में सीसीटीवी कैमरे, सर्च राउंड और गार्ड की तैनाती के बावजूद एक कैदी का गायब होकर आत्महत्या करना असंभव माना जा रहा है. प्रशासन ने अब CCTV फुटेज खंगालने का आदेश दिया है.
ग्रामीणों में फैली सनसनी
उदय राज लोध के गांव बरुआ में जब यह खबर पहुंची तो लोगों में मातम छा गया. ग्रामीणों ने कहा कि तीनों भाई घटना के बाद से ही जेल में सजा काट रहे थे और उदय राज को हमेशा एक शांत व्यक्ति के रूप में जाना जाता था. उसकी मौत को लेकर गांव में तरह-तरह की चर्चाएं शुरू हो गई हैं. कुछ लोग इसे हत्या मान रहे हैं तो कुछ का कहना है कि वह मानसिक तनाव में था.
परिजनों ने लगाई न्याय की गुहार
मृतक के परिजनों ने मुख्यमंत्री और जेल मंत्री से न्याय की गुहार लगाई है. उनका कहना है कि यदि यह आत्महत्या नहीं बल्कि किसी षड्यंत्र का हिस्सा है तो जिम्मेदार लोगों को सख्त सजा मिलनी चाहिए. परिवार ने यह भी मांग की है कि अन्य दो भाइयों को सुरक्षा दी जाए ताकि उनके साथ कोई अप्रिय घटना न हो.
जेल प्रशासन की सफाई
वरिष्ठ जेल अधीक्षक ने कहा कि नैनी जेल में सभी कैदियों की नियमित निगरानी की जाती है. उन्होंने कहा कि उदय राज की मौत के मामले में कोई लापरवाही नहीं हुई है. फिर भी, यदि जांच में किसी की गलती पाई जाती है तो कठोर कार्रवाई की जाएगी.
पुलिस की विस्तृत जांच जारी
प्रयागराज पुलिस ने बताया कि मामले की गंभीरता को देखते हुए वरिष्ठ अधिकारी स्वयं जांच की निगरानी कर रहे हैं. फॉरेंसिक टीम ने घटनास्थल से साक्ष्य जुटा लिए हैं. वहीं, जेल के कुछ कैदियों और सुरक्षाकर्मियों से पूछताछ भी की जा रही है ताकि घटनाक्रम की सटीक टाइमलाइन तय की जा सके.
कानून और न्याय प्रक्रिया पर नया सवाल
यह घटना सिर्फ एक मौत नहीं बल्कि जेल तंत्र पर उठते भरोसे का भी सवाल है. जब बंदी सुरक्षित नहीं हैं, तब यह व्यवस्था किसके लिए? अब सभी की निगाहें पुलिस और जेल प्रशासन की रिपोर्ट पर टिकी हैं जो तय करेगी कि उदय राज लोध की मौत एक ‘आत्महत्या’ थी या किसी ‘रहस्य’ की परतों में छिपी सच्चाई.


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