मुरादाबाद की डीएसपी दीप्ति शर्मा और रेलवे की स्नेह राणा महिला क्रिकेट विश्वकप फाइनल में भारत के लिए खेलेंगी, जीत की उम्मीदें चरम पर
मुरादाबाद से जुड़ी दो नायिकाएं: भारत की उम्मीदों का आधार
महिला क्रिकेट विश्वकप 2025 का फाइनल मुकाबला भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच होने जा रहा है. यह केवल एक क्रिकेट मैच नहीं, बल्कि करोड़ों भारतीयों की भावनाओं और उम्मीदों का संगम है. इस बार भारत के लिए मैदान पर उतरने वाली दो खिलाड़ी ऐसी हैं जिनका मुरादाबाद से गहरा रिश्ता है — डिप्टी एसपी दीप्ति शर्मा और रेलवे की ऑलराउंडर स्नेह राणा. दोनों खिलाड़ियों के प्रदर्शन ने पूरे देश में उम्मीदों को नई ऊंचाई दी है.
दीप्ति शर्मा, जो मूल रूप से आगरा की रहने वाली हैं, वर्तमान में मुरादाबाद पुलिस अकादमी में डिप्टी एसपी की ट्रेनिंग कर रही हैं. उन्होंने पूरे टूर्नामेंट में शानदार प्रदर्शन कर भारत की जीत की मजबूत नींव रखी है. दूसरी ओर, स्नेह राणा जो मुरादाबाद रेलवे मंडल में कार्यरत हैं, उन्होंने अपनी गेंदबाजी और बल्लेबाजी से टीम इंडिया को हर बार मुश्किल वक्त में संभाला है.
दीप्ति शर्मा: बल्ले और गेंद दोनों से कमाल
दीप्ति शर्मा का यह वर्ल्ड कप अब तक का सबसे बेहतरीन प्रदर्शन माना जा रहा है. आठ मैचों में उन्होंने 17 विकेट चटकाए हैं और 157 रन बनाए हैं. यह आंकड़े बताते हैं कि वह केवल गेंदबाजी नहीं, बल्कि हर परिस्थिति में टीम को संभालने में सक्षम हैं. उनकी सबसे खास बात यह है कि वे दबाव में भी शांत रहती हैं.
छह पारियों में दो अर्धशतक उनके बल्ले से निकले, जिसमें एक पारी में उन्होंने केवल 48 गेंदों पर 65 रन बनाए थे. यह पारी निर्णायक साबित हुई और भारत को सेमीफाइनल में पहुंचाने में अहम रही. वहीं, गेंदबाजी में उन्होंने एक पारी में चार विकेट लेकर विपक्षी टीम की रीढ़ तोड़ दी थी. उनकी यॉर्कर और ऑफ-स्पिन की सटीकता विपक्षी बल्लेबाजों के लिए सिरदर्द बन चुकी है.
मुरादाबाद पुलिस अकादमी में उनके साथी प्रशिक्षु और अधिकारी गर्व महसूस कर रहे हैं कि उनकी ही डिप्टी एसपी अब देश का नाम रोशन कर रही हैं.
स्नेह राणा: देहरादून से मुरादाबाद तक का सफर
स्नेह राणा का नाम भारतीय महिला क्रिकेट में ऑलराउंडर के रूप में तेजी से उभरा है. वे मूल रूप से देहरादून की रहने वाली हैं, लेकिन फिलहाल मुरादाबाद रेलवे मंडल में कार्यरत हैं. स्नेह की खासियत है कि वह स्थिति चाहे जैसी भी हो, संतुलित रहकर खेलती हैं. यही वजह है कि टीम मैनेजमेंट उन पर पूरा भरोसा करता है.
वर्ल्ड कप के छह मैचों में उन्होंने 99 रन बनाए और सात विकेट हासिल किए. उन्होंने कई मौकों पर टीम को मुश्किल स्थिति से बाहर निकाला है. बल्लेबाजी में उनका स्ट्राइक रेट 135 के आसपास रहा है, जबकि गेंदबाजी में उन्होंने इकोनॉमी 4 रन प्रति ओवर से कम रखी है.
मुरादाबाद रेलवे प्रशासन ने फाइनल मुकाबले के लिए विशेष तैयारी की है. स्टेशन से लेकर कार्यालयों तक बड़े स्क्रीन लगाए जा रहे हैं, ताकि सभी अधिकारी और कर्मचारी इस ऐतिहासिक मैच का आनंद ले सकें.
मुरादाबाद में उत्सव जैसा माहौल
मुरादाबाद में लोगों के बीच इस फाइनल को लेकर जबरदस्त उत्साह है. शहर के कई प्रमुख चौराहों और पुलिस लाइन परिसर में मैच के लाइव प्रसारण की व्यवस्था की गई है. लोग अपनी स्थानीय खिलाड़ियों को खेलता देखने को लेकर रोमांचित हैं. पुलिस अकादमी के प्रशिक्षक से लेकर नए कैडेट तक सभी दीप्ति के हर प्रदर्शन पर नजर रखेंगे.
डीजी ट्रेनिंग और पुलिस अकादमी निदेशक ने भी दीप्ति शर्मा सहित पूरी भारतीय टीम को शुभकामनाएं दी हैं. उनका कहना है कि यह मुरादाबाद के लिए गौरव की बात है कि यहां से जुड़ी अधिकारी देश का नाम रोशन कर रही हैं.
भारत की ऐतिहासिक जीत की उम्मीद
भारत ने महिला विश्वकप में इस बार बेहतरीन प्रदर्शन किया है. टीम की गेंदबाजी और बल्लेबाजी दोनों में संतुलन दिखाई दे रहा है. दीप्ति शर्मा और स्नेह राणा का ऑलराउंड प्रदर्शन भारत की जीत की सबसे बड़ी उम्मीद है.
विशेषज्ञों का मानना है कि दीप्ति की ऑफ-स्पिन और स्नेह की मिडल ऑर्डर बल्लेबाजी भारत को फाइनल में मजबूती देगी. दोनों ने पिछले मैचों में साबित किया है कि वे बड़े मौकों के खिलाड़ी हैं.
पुलिस अकादमी और रेलवे विभाग का गर्व
मुरादाबाद पुलिस अकादमी में जिस अनुशासन के साथ दीप्ति ट्रेनिंग कर रही हैं, वह उनकी क्रिकेट शैली में भी झलकता है. वहीं स्नेह राणा का रेलवे से जुड़ाव यह दिखाता है कि भारतीय महिलाएं अब किसी भी क्षेत्र में पीछे नहीं हैं. दोनों ने यह साबित कर दिया है कि ड्यूटी और पैशन को साथ लेकर भी आगे बढ़ा जा सकता है.
पुलिस अकादमी में अधिकारी और कैडेट्स फाइनल मैच को सामूहिक रूप से देखने की तैयारी में जुटे हैं. वहीं रेलवे विभाग में भी बड़े पैमाने पर स्क्रीनिंग की योजना है. हर कर्मचारी और अधिकारी इस मैच के जरिए भारतीय टीम के साथ खड़ा रहेगा.
क्रिकेट और कर्तव्य का अद्भुत संगम
दीप्ति शर्मा के लिए यह वर्ल्ड कप सिर्फ खेल नहीं, बल्कि जिम्मेदारी का प्रतीक है. वह एक पुलिस अधिकारी की तरह मैदान पर भी अनुशासन और समर्पण दिखाती हैं. उनकी सटीक गेंदबाजी और धैर्य भरी बल्लेबाजी उनके प्रशिक्षण की झलक है.
स्नेह राणा ने भी अपनी मेहनत और दृढ़ता से यह दिखाया है कि रेलवे जैसी जिम्मेदार नौकरी के साथ खेल के प्रति लगाव को जीवित रखा जा सकता है. दोनों खिलाड़ियों ने मुरादाबाद को राष्ट्रीय गौरव दिलाने का काम किया है.
पूरे देश की निगाहें मुरादाबाद की बेटियों पर
भारत बनाम दक्षिण अफ्रीका फाइनल सिर्फ एक खेल नहीं, बल्कि भारतीय महिला शक्ति का प्रदर्शन है. इस मैच में दीप्ति शर्मा और स्नेह राणा जैसी खिलाड़ी न केवल भारत की जीत का सपना साकार करने जा रही हैं, बल्कि यह भी दिखा रही हैं कि एक महिला कितनी भूमिकाएं बखूबी निभा सकती है — चाहे वह अधिकारी हो, खिलाड़ी हो या प्रेरणा स्रोत.
मुरादाबाद आज अपने आप पर गर्व कर सकता है, क्योंकि इस शहर ने दो ऐसी बेटियां दी हैं जो भारत के लिए स्वर्णिम इतिहास लिखने जा रही हैं.


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