झांसी के LIC अधिकारी रविंद्र की क्रिकेट खेलते वक्त हार्ट अटैक से मौत, अब लैब में दिल की जांच से खुलेगा मौत का रहस्य
झांसी में खेलते-खेलते थम गई धड़कन
उत्तर प्रदेश के झांसी से एक हैरान कर देने वाली घटना सामने आई है, जहां 30 वर्षीय एलआईसी अधिकारी रविंद्र कुमार अहिरवार की क्रिकेट खेलते समय अचानक मौत हो गई। बुधवार सुबह जीआईसी ग्राउंड में क्रिकेट मैच के दौरान सब कुछ सामान्य था। रविंद्र अपने दोस्तों के साथ मैदान में थे, तीसरा ओवर चल रहा था और वह बॉलिंग कर रहे थे। लेकिन कुछ ही मिनटों में सब कुछ बदल गया। उन्होंने पानी पिया, उल्टी हुई और कुछ सेकंड में मैदान पर गिर पड़े। साथी खिलाड़ियों ने उन्हें उठाने की कोशिश की, लेकिन तब तक सब खत्म हो चुका था।
हार्ट अटैक या कुछ और? जांच में जुटे डॉक्टर
पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में उनकी मौत का कारण हार्ट अटैक बताया गया है। हालांकि, झांसी मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों को इस अचानक हुई मौत की असली वजह पर संदेह है। इसलिए उन्होंने रविंद्र का दिल लैब में जांच के लिए भेजा है। वहां यह देखा जाएगा कि क्या उनकी धमनियां पहले से ब्लॉक थीं या फिर अचानक किसी शारीरिक असंतुलन ने यह सब किया। डॉक्टर यह भी जांच रहे हैं कि क्या उनकी हार्ट मसल्स में कोई सूजन (इन्फ्लेमेशन) थी या शरीर में ऑक्सीजन सप्लाई रुकने से अटैक आया।
कार्तिक पूर्णिमा की सुबह बनी मातम की वजह
यह हादसा उस दिन हुआ जब पूरा शहर कार्तिक पूर्णिमा का पर्व मना रहा था। छुट्टी का दिन था, रविंद्र ने अपने दोस्तों से कहा था—“आज पूरा मैच खेलेंगे।” सुबह करीब 7 बजे वह घर से निकले और मैदान पहुंचे। खेल शुरू हुआ, माहौल में जोश था, लेकिन तीसरे ओवर के बाद वह अचानक नीचे गिर पड़े। साथी खिलाड़ी पहले तो मजाक में समझे कि थक गए होंगे, लेकिन कुछ ही पल बाद सब सन्न रह गए। तुरंत 108 एंबुलेंस बुलाई गई, मगर मेडिकल कॉलेज पहुंचने से पहले ही रविंद्र ने दम तोड़ दिया।
डॉक्टरों की चेतावनी—वर्कआउट के बाद सादा पानी जानलेवा
झांसी जिला अस्पताल के वरिष्ठ फिजिशियन डॉ. डी.एस. गुप्ता के अनुसार, शरीर में जब भारी एक्सरसाइज या खेल के दौरान पसीने के साथ नमक (सोडियम) और इलेक्ट्रोलाइट्स निकल जाते हैं, तब तुरंत सादा पानी पीना खतरनाक हो सकता है। इससे शरीर में सोडियम का स्तर असंतुलित हो जाता है, जिससे हार्ट फेल्योर या अटैक की स्थिति बनती है। उन्होंने कहा कि खेल या व्यायाम के बाद हमेशा ORS या इलेक्ट्रोलाइट ड्रिंक लेना चाहिए ताकि शरीर का संतुलन बना रहे।
घर में पसरा सन्नाटा, मां-बाप का रो-रोकर बुरा हाल
शाम को जब रविंद्र का शव घर पहुंचा, तो पूरा मोहल्ला शोक में डूब गया। मां रामदेवी बेटे का चेहरा देखते ही बेहोश हो गईं। बार-बार कहती रहीं, “मेरा बेटा तो खेलने गया था, अब कैसे लौटेगा? सुबह बोला था कि मैच है, जल्दी उठना…” पिता स्वामी प्रसाद अहिरवार, जो राजमिस्त्री का काम करते हैं, बिलखते हुए बोले, “जिस बेटे ने हमें समाज में पहचान दिलाई, आज उसी की अर्थी उठानी पड़ रही है। उसे कोई बुरी आदत नहीं थी, कोई बीमारी नहीं थी, फिर ऐसा क्यों हुआ?”
“भात लाना था, अब कफन लाना पड़ा” — मामा का दर्द छलका
रविंद्र के मामा एन.के. अहिरवार, जो मध्य प्रदेश के पृथ्वीपुर में सरकारी स्कूल के प्रिंसिपल हैं, का गला भर आया। उन्होंने कहा, “भांजे की शादी की तैयारी चल रही थी। उसने मजाक में कहा था कि मामा, मुझे किसी लड़की की जिंदगी खराब नहीं करनी। तब मैंने हंसकर कहा था कि शादी तो करनी ही है। आज उसी के कफन के साथ लौटना पड़ा। दिल नहीं मान रहा कि वह अब नहीं है।”
फिटनेस लवर रविंद्र, तीन महीने पहले कराया था चेकअप
रविंद्र के छोटे भाई अरविंद ने बताया कि भैया फिटनेस के बहुत शौकीन थे। रोज सुबह दौड़ते थे और जिम भी जाते थे। तीन महीने पहले उन्होंने फुल बॉडी चेकअप करवाया था, जिसमें सब कुछ सामान्य आया था। किसी भी रिपोर्ट में हार्ट ब्लॉकेज या शुगर जैसी बीमारी नहीं निकली थी। परिवार को यकीन ही नहीं हो रहा कि इतना स्वस्थ व्यक्ति अचानक यूं चला गया।
झांसी के LIC ऑफिस में शोक की लहर
रविंद्र कुमार अहिरवार भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) में विकास अधिकारी के पद पर कार्यरत थे। उनकी लगन और व्यवहार ने उन्हें ऑफिस में सभी का चहेता बना दिया था। उनकी मौत की खबर मिलते ही पूरे विभाग में शोक की लहर दौड़ गई। सहकर्मी बोले कि रविंद्र हमेशा मुस्कुराते रहते थे और तनाव में भी टीम को मोटिवेट करते थे। सभी ने कहा कि अब हर मीटिंग और हर मैदान में उनकी कमी महसूस होगी।
झांसी के लोगों में चर्चा—युवा हार्ट अटैक क्यों बढ़ रहे?
इस घटना के बाद झांसी और आसपास के इलाकों में लोग हैरान हैं कि आखिर 30 साल के नौजवान को हार्ट अटैक कैसे हो सकता है। डॉक्टरों का कहना है कि आजकल युवाओं में तनाव, असंतुलित खानपान, देर रात जागना, और एनर्जी ड्रिंक जैसी आदतें दिल की बीमारियों को बढ़ा रही हैं। फिटनेस के नाम पर लोग बिना चिकित्सकीय सलाह के वर्कआउट करते हैं, जो कभी-कभी जानलेवा साबित हो जाता है।
अंतिम संस्कार में उमड़ा जनसैलाब, नम आंखों से दी विदाई
गुरुवार सुबह नंदनपुरा मुक्तिधाम में रविंद्र का अंतिम संस्कार किया गया। शव यात्रा में परिवार, दोस्त, सहकर्मी और शहर के सैकड़ों लोग शामिल हुए। सबकी आंखों में आंसू और मन में एक ही सवाल था—इतना हंसमुख और स्वस्थ इंसान कैसे चला गया? जिस मैदान में वह कल तक छक्के मार रहा था, उसी मैदान की यादें अब सभी के दिल में दर्द बनकर रह गईं।
जांच रिपोर्ट से खुलेगा असली राज
अब झांसी मेडिकल कॉलेज की लैब में चल रही जांच से यह पता चलेगा कि रविंद्र की मौत का असली कारण क्या था। डॉक्टर उनके हार्ट टिश्यूज की माइक्रोस्कोपिक स्टडी करेंगे ताकि यह पता लगाया जा सके कि क्या धमनियों में पहले से कोई ब्लॉकेज था या इलेक्ट्रोलाइट असंतुलन से दिल की धड़कन अचानक रुक गई। इस रिपोर्ट से यह राज खुलेगा कि आखिर इतना स्वस्थ दिखने वाला युवा क्यों अचानक जिंदगी की पिच से आउट हो गया।


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