जबलपुर टोल प्लाजा पर रंगदारी मांगने वाले बदमाशों ने फास्टैग विवाद में कर्मचारियों को पीटा, CCTV में पूरी वारदात कैद
जबलपुर टोल प्लाजा पर गुंडागर्दी से मचा हड़कंप
मध्य प्रदेश के जबलपुर जिले के बरगी थाना क्षेत्र के बहोरीपार टोल प्लाजा पर एक ऐसी वारदात हुई जिसने पूरे क्षेत्र में सनसनी फैला दी. राष्ट्रीय राजमार्ग-44 पर स्थित बरगी टोल प्लाजा पर फास्टैग से राशि कटने के बाद कार सवार कुछ बदमाशों ने ऐसा हंगामा मचाया कि लोगों के होश उड़ गए. टोल कर्मियों से पहले तो गाली-गलौज की गई और फिर बेसबॉल बैट से बेरहमी से पिटाई कर दी गई. प्लाजा के शीशे, बैरियर और कंप्यूटर सिस्टम तक तोड़ डाले गए. इस हिंसक घटना का पूरा वीडियो सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गया, जो बाद में सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हुआ.
फास्टैग से रकम कटने पर भड़के आरोपी, मांगा पैसा वापस
टोल प्लाजा के कर्मचारियों के अनुसार, एक कार जब टोल लेन से गुजरी तो उसमें लगा फास्टैग सक्रिय हो गया और निर्धारित राशि कट गई. इसी पर कार सवार पांच युवक भड़क उठे. उन्होंने टोल कर्मचारियों से पैसा लौटाने की मांग की. जब कर्मचारियों ने नियमों का हवाला देकर पैसा लौटाने से मना किया, तो युवकों ने तुरंत गाली-गलौज शुरू कर दी और देखते ही देखते हिंसा पर उतर आए. उन्होंने काउंटर में बैठे अंकित सिंह राजपूत और राम सिंह पर बेसबॉल बैट से हमला कर दिया. दोनों किसी तरह अपनी जान बचाकर भागे और पुलिस को फोन किया.
टोल प्लाजा में की तोड़फोड़, CCTV में कैद हुई वारदात
आरोपियों ने टोल प्लाजा की खिड़कियों और काउंटर के शीशे तोड़ दिए. बैरियर को नुकसान पहुंचाया और कंप्यूटर सिस्टम को भी बर्बाद कर दिया. इस दौरान प्लाजा पर मौजूद अन्य कर्मचारियों और यात्रियों में अफरा-तफरी मच गई. कई वाहन चालकों ने घटना का वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर डाल दिया, जिससे मामला वायरल हो गया. वीडियो में साफ दिखाई दे रहा है कि आरोपी युवक बेसबॉल बैट और रॉड लेकर टोलकर्मियों को पीट रहे हैं और धमकियां दे रहे हैं. पुलिस ने इस वीडियो को साक्ष्य के तौर पर जब्त कर लिया है.
‘टोल चलाना है तो हर महीने देने होंगे 10,000 रुपये’ की रंगदारी
पुलिस जांच में एक बड़ा खुलासा हुआ कि आरोपियों का उद्देश्य केवल फास्टैग का विवाद नहीं था, बल्कि टोल प्लाजा से रंगदारी वसूलने का भी था. पूछताछ में सामने आया कि आरोपी टोल कर्मियों से कहते थे कि अगर उन्हें शांति से टोल चलाना है तो हर महीने 10,000 रुपये देने होंगे. कर्मचारियों द्वारा पैसे देने से इंकार करने पर उन्होंने दहशत फैलाने के लिए यह हमला किया. यह पूरा घटनाक्रम इलाके में गुंडा टैक्स और दबदबा कायम करने की मानसिकता को दर्शाता है.
पुलिस ने तीन बदमाशों को दबोचा, दो फरार
घटना की जानकारी मिलते ही बरगी थाना पुलिस मौके पर पहुंची. पुलिस ने घेराबंदी करते हुए तीन आरोपियों को मौके से गिरफ्तार कर लिया, जबकि दो अन्य फरार हो गए. गिरफ्तार किए गए आरोपियों की पहचान राजा साहू, रूपेश साहू और पुष्पेंद्र साहू के रूप में हुई है, जबकि फरार आरोपियों में नंदू तेकाम और अनुराग सेन शामिल हैं. पुलिस ने बताया कि सभी आरोपी बरगी क्षेत्र के ही रहने वाले हैं और उनका पहले से भी आपराधिक रिकॉर्ड है. पुलिस ने इनके खिलाफ आईपीसी की धाराओं के तहत केस दर्ज किया है.
पुलिस जांच में सामने आई आरोपियों की मंशा
पुलिस पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि वे टोल टैक्स में बार-बार पैसे कटने से नाराज थे. लेकिन उनकी असली मंशा इलाके में अपना दबदबा कायम करना और टोल प्रबंधन को झुकाना था. वे चाहते थे कि टोलकर्मी उनकी गाड़ियों से शुल्क न वसूलें और हर महीने उन्हें सुरक्षा शुल्क के नाम पर रकम दी जाए. यह बयान मिलने के बाद पुलिस ने उनके खिलाफ रंगदारी और दहशत फैलाने की धाराओं में भी केस दर्ज किया है.
घायल टोल कर्मचारियों का इलाज जारी
हमले में घायल टोलकर्मी अंकित सिंह राजपूत और राम सिंह को स्थानीय अस्पताल में भर्ती कराया गया. दोनों के सिर और हाथ में गंभीर चोटें आई हैं. डॉक्टरों के मुताबिक अब उनकी हालत स्थिर है, लेकिन दोनों भयभीत हैं और लगातार पुलिस सुरक्षा की मांग कर रहे हैं. टोल प्रबंधन ने अपने स्तर पर भी आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है. उन्होंने कहा कि इस तरह की घटनाओं से कर्मचारी असुरक्षित महसूस कर रहे हैं और ऐसी स्थिति में काम करना मुश्किल हो गया है.
टोल प्रबंधन ने उठाए सुरक्षा पर सवाल
इस घटना के बाद टोल प्लाजा प्रबंधन ने सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल उठाए हैं. उनका कहना है कि अगर समय पर पुलिस न पहुंचती तो स्थिति और भयावह हो सकती थी. टोल प्लाजा के सुरक्षा गार्ड भी हमले के दौरान बदमाशों से भिड़ने में असमर्थ रहे क्योंकि आरोपियों के पास हथियारनुमा डंडे और बेसबॉल बैट थे. घटना के बाद टोल प्रबंधन ने राज्य सरकार और एनएचएआई से सुरक्षा बढ़ाने की मांग की है. प्लाजा के चारों ओर नए सीसीटीवी कैमरे लगाए जा रहे हैं ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके.
बरगी क्षेत्र में बढ़ती गुंडागर्दी पर पुलिस सख्त
जबलपुर एसपी ने बताया कि इस तरह की गुंडागर्दी बर्दाश्त नहीं की जाएगी. फरार आरोपियों की तलाश में पुलिस की कई टीमें बनाई गई हैं. आसपास के गांवों में तलाशी अभियान चलाया जा रहा है और बदमाशों के संभावित ठिकानों पर रेड की जा रही है. पुलिस का कहना है कि टोलकर्मियों की सुरक्षा के लिए अतिरिक्त पुलिस बल भी तैनात किया गया है. इस घटना के बाद पूरे क्षेत्र में पुलिस गश्त बढ़ा दी गई है ताकि दहशत का माहौल खत्म किया जा सके.
स्थानीय लोगों में आक्रोश, कहा—‘गुंडों का राज नहीं चलेगा’
घटना के बाद स्थानीय ग्रामीणों और राहगीरों में भारी आक्रोश देखा गया. लोगों का कहना है कि यह टोलकर्मियों पर नहीं बल्कि कानून व्यवस्था पर हमला है. स्थानीय व्यापारियों ने भी प्रशासन से मांग की है कि आरोपियों पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई हो ताकि भविष्य में कोई इस तरह की हरकत करने की हिम्मत न कर सके. सोशल मीडिया पर भी लोग सरकार और पुलिस से न्याय की गुहार लगा रहे हैं.
प्रशासन ने टोल प्लाजा की सुरक्षा बढ़ाई
जबलपुर जिला प्रशासन ने घटना के बाद टोल प्लाजा पर चौबीसों घंटे पुलिस सुरक्षा की व्यवस्था की है. एनएचएआई अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि सभी टोल प्लाजा पर सुरक्षा प्रोटोकॉल को सख्ती से लागू करें. इसके अलावा कर्मचारियों को भी प्रशिक्षण देने की प्रक्रिया शुरू की जा रही है ताकि किसी विवाद की स्थिति में वे कानूनी प्रक्रिया का पालन करें और अपनी सुरक्षा सुनिश्चित कर सकें.
फास्टैग विवाद से निकली दहशत की कहानी
जबलपुर टोल प्लाजा की यह घटना केवल एक फास्टैग विवाद नहीं थी बल्कि रंगदारी और दबदबा कायम करने की कोशिश का नतीजा थी. आरोपी बदमाशों की यह हरकत बताती है कि वे किस तरह सरकारी व्यवस्थाओं को भी अपने नियंत्रण में लाने की कोशिश कर रहे थे. पुलिस की त्वरित कार्रवाई ने जहां तत्काल स्थिति को संभाला, वहीं इसने यह भी साफ कर दिया कि अब मध्य प्रदेश पुलिस ऐसे तत्वों से सख्ती से निपटेगी. बरगी टोल प्लाजा की यह घटना आने वाले समय में कानून व्यवस्था और सुरक्षा तंत्र के लिए एक बड़ा सबक बनकर सामने आई है.


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