रात में दुल्हन बनी, सुबह हो गई विधवा: अमरोहा में निकाह के कुछ घंटे बाद दूल्हे की हार्ट अटैक से मौत, दुल्हन बेहोश



अमरोहा में निकाह के कुछ घंटे बाद दूल्हे परवेज आलम की हार्ट अटैक से मौत, नई दुल्हन सायमा सदमे में बेहोश हुई।


खुशियों से मातम में बदली अमरोहा की शादी

उत्तर प्रदेश के अमरोहा जिले में शनिवार की रात खुशी से भरी एक शादी कुछ ही घंटों में मातम में बदल गई। नौगजा निवासी परवेज आलम का निकाह बड़ी धूमधाम से अहमद कादरी की बेटी सायमा कादरी से हुआ था। दोनों परिवारों में जश्न का माहौल था। बारात नई बस्ती के नायाब बैंक्वेट हॉल पहुंची, जहां निकाह की रस्में पूरी हुईं। रातभर रिश्तेदारों और दोस्तों के बीच मुस्कानें बिखरी रहीं। परवेज खुद भी बेहद खुश थे। उन्होंने बारात में खूब नाचा, मेहमानों से हंसी-मजाक किया और जिंदगी की नई शुरुआत का सपना देखा, लेकिन किस्मत ने कुछ और ही लिखा था।

वलीमे की तैयारी के बीच टूट गया खुशियों का घर

रविवार को परवेज के वलीमे की तैयारियां चल रही थीं। रिश्तेदारों ने बताया कि सुबह से घर में हलचल थी, रिश्तेदार आ-जा रहे थे, किचन में पकवान बन रहे थे, सजावट पूरी की जा रही थी। दुल्हन सायमा नई जिंदगी की शुरुआत को लेकर उत्साहित थी। घर में हर ओर जश्न का माहौल था। लेकिन इसी दौरान परवेज आलम को अचानक बेचैनी महसूस हुई। छाती में दर्द बढ़ता गया और वह गिर पड़े। परिजन उन्हें तत्काल अस्पताल लेकर पहुंचे, जहां डॉक्टरों ने जांच के बाद परवेज को मृत घोषित कर दिया। कुछ ही पलों में पूरा घर मातम में डूब गया।

निकाह के कुछ घंटे बाद आया मौत का पैगाम

42 वर्षीय परवेज आलम का निकाह शनिवार रात को हुआ था। वह अपने भाइयों के साथ नौगजा में रहते थे और जामा मस्जिद रोड पर उनकी किताबों की दुकान थी। लोगों ने बताया कि परवेज की शादी देर से इसलिए हुई थी क्योंकि उनके माता-पिता और बड़े भाई की पहले ही मौत हो चुकी थी। इस शादी का इंतजार पूरा परिवार कई सालों से कर रहा था। लेकिन निकाह के कुछ घंटे बाद ही जब यह खबर आई कि परवेज को हार्ट अटैक आया है, तो किसी को भरोसा नहीं हुआ। जब डॉक्टरों ने मौत की पुष्टि की, तो सायमा बेहोश होकर गिर पड़ी।

“मेहंदी सूखी नहीं, मगर जिंदगी सूनी हो गई”

दुल्हन सायमा के हाथों की मेहंदी अभी ताज़ा थी, शादी का जोड़ा भी उतरा नहीं था, लेकिन किस्मत ने उसकी जिंदगी को पलभर में वीरान कर दिया। सायमा की हालत बिगड़ने पर परिजनों ने उसे भी अस्पताल में भर्ती कराया। रिश्तेदारों ने बताया कि शादी के बाद सायमा और परवेज ने एक-दूसरे से वादा किया था कि अब सबकुछ बदल जाएगा — लेकिन यह बदलाव मौत के साये में आ गया। अमरोहा की इस घटना ने पूरे इलाके को झकझोर कर रख दिया है।

“बारात में नाचने वाला दूल्हा कुछ घंटों बाद चला गया”

शादी में शामिल मेहमानों ने बताया कि परवेज बेहद खुशमिजाज और मस्तमौला इंसान थे। बारात के दौरान उन्होंने डीजे पर जमकर नाच किया था। किसी को जरा भी अंदाजा नहीं था कि यही उनकी आखिरी रात होगी। उनके साथियों ने कहा कि वह हमेशा दूसरों की मदद करते थे और मजाकिया स्वभाव के थे। उनकी मौत ने सभी को सदमे में डाल दिया। रिश्तेदारों के अनुसार परवेज को पहले कभी हार्ट की कोई शिकायत नहीं रही थी, जिससे यह घटना और भी अधिक चौंकाने वाली बन गई।

रात की हंसी, सुबह का सन्नाटा

जो घर शनिवार की रात दुल्हन की विदाई और स्वागत के गीतों से गूंज रहा था, वहीं रविवार सुबह मातम छा गया। रिश्तेदारों की चीखें गलियों में गूंज उठीं। महिलाओं के रोने की आवाज़ें पूरे मोहल्ले में सुनाई दीं। परवेज के शव को जब घर लाया गया, तो माहौल ऐसा था मानो किसी ने वक्त को थाम दिया हो। दुल्हन सायमा को समझाने की कोशिश की गई, मगर वह बेसुध हो गई। परिजनों ने बताया कि उसने बार-बार कहा, “अल्लाह क्यों इतनी जल्दी ले गए मेरे परवेज को?”

‘अल्लाह ने लिखा था जुदाई का मुकद्दर’

स्थानीय लोगों ने बताया कि परवेज आलम का परिवार काफी धार्मिक और मिलनसार है। परवेज की मौत के बाद जामा मस्जिद में नमाज़-ए-जनाज़ा अदा की गई, जिसमें सैकड़ों लोग शामिल हुए। नमाज़ के बाद परवेज को उनके पैतृक कब्रिस्तान में दफनाया गया। इस दौरान माहौल बेहद गमगीन रहा। कई लोग कहते दिखे कि “जिसे कल रात बारात में देखा था, आज जनाज़े में देख रहे हैं।” हर कोई यही कहता दिखा — यह मौत नहीं, जुदाई का मुकद्दर था।

परिजनों ने बताई परवेज की आखिरी बातें

परवेज की भाभी ने बताया कि निकाह के बाद घर लौटने पर वह बेहद खुश थे। उन्होंने कहा था, “अब जिंदगी का नया दौर शुरू होने वाला है।” उन्होंने वलीमे के लिए खास मेन्यू चुना था और कहा था कि “मेरे मेहमान खुश होकर जाएं।” परिजनों का कहना है कि शादी के दौरान उन्होंने किसी तरह की कोई थकान या परेशानी की शिकायत नहीं की थी। अचानक आया यह हार्ट अटैक पूरे परिवार के लिए किसी बिजली की तरह गिरा।

इलाके में पसरा मातम, रिश्तेदारों का रो-रोकर बुरा हाल

अमरोहा के नौगजा इलाके में रविवार को पूरा माहौल शोकमय रहा। आस-पड़ोस के लोग परवेज के घर पहुंचे और परिवार को ढांढस बंधाने की कोशिश की, लेकिन किसी के पास शब्द नहीं थे। लोग कहते रहे कि “जिस घर में कल रात दुल्हन आई थी, वहां आज जनाज़ा निकला।” दुल्हन सायमा को बार-बार बेहोशी आ रही थी, उसे संभालने के लिए महिला रिश्तेदार लगातार उसके पास मौजूद थीं। सायमा के पिता अहमद कादरी ने कहा, “मेरी बेटी की किस्मत ने ऐसा वार किया कि अभी सुहागरात भी नहीं मनी और विधवा हो गई।”

‘हर दिल को रुला देने वाली हकीकत’

सोशल मीडिया पर जैसे ही यह खबर फैली, लोग शोक जताने लगे। कुछ ने इसे ‘किस्मत की बेरहमी’ कहा तो कुछ ने इसे ‘इंसान की नाजुक जिंदगी की मिसाल’ बताया। कई लोगों ने लिखा कि जिंदगी पल भर की मेहमान है, इसलिए हर लम्हे को जीना चाहिए। अमरोहा की इस घटना ने लोगों को यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि इंसान की खुशियां कितनी नाज़ुक होती हैं।

डॉक्टरों ने बताया हार्ट अटैक की वजह

अस्पताल सूत्रों के अनुसार, परवेज आलम को हार्ट अटैक आया था, जो बहुत तीव्र था। डॉक्टरों का कहना है कि तनाव, थकान और भावनात्मक दबाव भी ऐसे मामलों में घातक साबित हो सकते हैं। परवेज की उम्र 42 वर्ष थी, और शादी जैसे भावनात्मक क्षणों में हृदय पर दबाव बढ़ सकता है। हालांकि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आने के बाद ही सटीक कारण पता चलेगा।

अमरोहा की इस घटना से सबक

इस घटना ने फिर एक बार यह सिखाया है कि जिंदगी का कोई भरोसा नहीं। जो कल तक सपनों की दुनिया में था, वह आज मिट्टी के नीचे चला गया। परवेज आलम की मौत ने यह एहसास कराया है कि जीवन का हर पल अनमोल है। रिश्तों, प्रेम और परिवार के बीच की क्षणभंगुरता ही इंसान को सबसे गहरी सीख देती है।

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