सिवनी हवाला लूटकांड में SDOP पूजा पांडे के चैंबर से 1.45 करोड़ बरामद, 5 पुलिसकर्मी गिरफ्तार, CM मोहन यादव बोले- कानून सबके लिए समान।
सिवनी हवाला लूटकांड में हड़कंप: SDOP पूजा पांडे सहित पांच गिरफ्तार
मध्य प्रदेश के सिवनी जिले में हवाला रकम लूटकांड के खुलासे के बाद पूरे पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया है। इस सनसनीखेज मामले में एसडीओपी (SDOP) पूजा पांडे के कार्यालय से 1.45 करोड़ रुपये नकद बरामद हुए हैं। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के निर्देश पर सिवनी पुलिस ने पूजा पांडे सहित पांच पुलिसकर्मियों को गिरफ्तार कर लिया है, जबकि 11 पुलिसकर्मियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। बताया जा रहा है कि इस हवाला कांड में कुल तीन करोड़ रुपये की रकम लूटी गई थी, जिसमें से अब तक करीब 25 लाख रुपये का कोई सुराग नहीं मिला है।
3 करोड़ की हवाला रकम का रहस्यमय लूटकांड
मामला उस वक्त सामने आया जब कटनी से महाराष्ट्र के जालना जा रही एक कार को बंडोल थाना पुलिस ने रात में रोक लिया। कार (MH 13 EK 3430) में जालना निवासी सोहनलाल परमार करीब 2.96 करोड़ रुपये लेकर जा रहा था। पुलिस ने कथित रूप से कार सवारों को जंगल में ले जाकर पूछताछ की और रकम जब्त कर ली। बताया गया कि कार सवारों से मारपीट भी की गई और फिर उन्हें छोड़ दिया गया। अगले दिन पीड़ित पक्ष ने सिवनी कोतवाली पहुंचकर लूट की शिकायत दर्ज कराई, जिसके बाद पूरा मामला खुल गया।
CM मोहन यादव का सख्त संदेश — “कानून सबके लिए समान”
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने मामले को बेहद गंभीरता से लिया और तुरंत कार्रवाई के निर्देश दिए। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा — “मध्य प्रदेश में कानून सबके लिए समान है, कोई भी व्यक्ति चाहे वह अधिकारी ही क्यों न हो, कानून से ऊपर नहीं है। सिवनी हवाला लूट प्रकरण में दोषियों पर कड़ी कार्रवाई होगी।” मुख्यमंत्री ने कहा कि यह मामला पुलिस की साख और जनता के विश्वास से जुड़ा है, इसलिए किसी को बख्शा नहीं जाएगा।
SDOP पूजा पांडे के ऑफिस से बरामद हुई 1.45 करोड़ की नकदी
जांच के दौरान जब जबलपुर जोन के आईजी प्रमोद वर्मा ने एडिशनल एसपी सिटी IPS आयुष गुप्ता को जांच सौंपी, तब सबसे बड़ा खुलासा हुआ। आयुष गुप्ता की टीम ने एसडीओपी पूजा पांडे के चैंबर से 1.45 करोड़ रुपये नकद बरामद किए। यह रकम हवाला लूट से जुड़ी बताई जा रही है। जांच रिपोर्ट में यह भी सामने आया कि कटनी का एक आरक्षक इस पूरी डील की हर गतिविधि पूजा पांडे को फोन पर बताता रहा था — कार के निकलने से लेकर सिवनी पहुंचने तक।
लूट, अपहरण और षड्यंत्र की धाराओं में दर्ज हुआ केस
पूरे प्रकरण में लखनवाड़ा थाने में एफआईआर दर्ज की गई है। आरोपियों के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की धारा 310(2) (डकैती), 126(2) (ग़लत तरीके से रोकना), 140(3) (अपहरण) और 61(2) (आपराधिक षड्यंत्र) के तहत मामला दर्ज किया गया है। कुल 11 पुलिसकर्मियों के नाम एफआईआर में शामिल किए गए हैं, जिनमें एसडीओपी पूजा पांडे, एसआई अर्पित भैरम, प्रधान आरक्षक माखन और राजेश जंघेला, आरक्षक रविंद्र उईके, रितेश, गनमैन केदार, गनमैन सदाफल, कॉन्स्टेबल योगेंद्र, नीरज और जगदीश शामिल हैं। इनमें से पूजा पांडे, अर्पित भैरम, योगेंद्र, नीरज और जगदीश को गिरफ्तार कर लिया गया है।
जांच में खुली पुलिस की साजिश की परतें
आईजी जबलपुर प्रमोद वर्मा ने बताया कि प्रारंभिक जांच में यह सामने आया कि पुलिस टीम को हवाला रकम की जानकारी पहले से थी। इस जानकारी के आधार पर वाहन को प्लान के तहत रोका गया। इसके बाद हवाला रकम को कब्जे में लेकर आपस में बांटने की कोशिश की गई। लेकिन रकम का बड़ा हिस्सा लापता हो गया, जिससे मामला खुल गया।
पूजा पांडे ने पहले किया था इनकार
जब यह मामला सामने आया तो एसडीओपी पूजा पांडे ने पहले मीडिया और अधिकारियों के सामने लूट की बात से इनकार किया था। उन्होंने कहा था कि “हमने सिर्फ रूटीन चेकिंग की थी, कोई अवैध रकम बरामद नहीं की गई।” लेकिन जब जांच में उनके चैंबर से 1.45 करोड़ रुपये मिले, तो पूरा विभाग सकते में आ गया। इसके बाद डीआईजी राकेश कुमार सिंह ने उन्हें निलंबित कर दिया और विभागीय जांच के आदेश दिए।
मुख्यमंत्री के निर्देश पर तेज हुई कार्रवाई
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने इस घटना पर डीजीपी कैलाश मकवाना को तत्काल रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिए। इसके बाद मामला क्राइम ब्रांच को सौंपा गया। अब तक पांच पुलिसकर्मी गिरफ्तार हो चुके हैं, जबकि बाकी की तलाश जारी है। सूत्रों के अनुसार, लापता 25 लाख रुपये की रिकवरी के लिए कई जगह छापेमारी की जा रही है।
पुलिस मुख्यालय में मचा हड़कंप
इस मामले ने न सिर्फ सिवनी जिले बल्कि पूरे प्रदेश के पुलिस विभाग को झकझोर दिया है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि यह पहली बार है जब किसी कार्यरत SDOP के चैंबर से करोड़ों की नकदी बरामद हुई है। इससे पुलिस की ईमानदारी और जवाबदेही पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं। डीजीपी ने सभी जिलों के एसपी को आदेश जारी किया है कि वे अपने अधीनस्थ अधिकारियों के आर्थिक व्यवहार की जांच करें।
सिवनी प्रशासन की प्रतिक्रिया
सिवनी कलेक्टर और एसपी ने संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि मामले की निष्पक्ष जांच की जा रही है। आरोपियों को किसी भी सूरत में बचाया नहीं जाएगा। उन्होंने बताया कि जबलपुर जोन की निगरानी में जांच जारी है और सभी सबूतों को फोरेंसिक टीम द्वारा सुरक्षित किया गया है।
राजनीति में भी गूंज
यह मामला अब राजनीतिक रूप भी ले चुका है। विपक्ष ने इसे “पुलिस तंत्र में व्याप्त भ्रष्टाचार” का उदाहरण बताते हुए सरकार को घेरा है, जबकि सत्ता पक्ष का कहना है कि मुख्यमंत्री ने “जीरो टॉलरेंस” की नीति पर अमल करते हुए यह कार्रवाई कर यह साबित किया है कि “कानून सबके लिए समान है।”

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