हनुमानगढ़ में नायब तहसीलदार नरेंद्र साहू ने सरकारी आवास पर की आत्महत्या, सुबह पंखे से लटका मिला शव, पुलिस जांच जारी
सरकारी आवास पर नायब तहसीलदार का शव मिलने से सनसनी
राजस्थान के हनुमानगढ़ जिले से शनिवार सुबह एक चौंकाने वाली खबर सामने आई, जहां भादरा उपखंड कार्यालय में तैनात नायब तहसीलदार नरेंद्र साहू ने अपने सरकारी आवास पर आत्महत्या कर ली. सुबह-सुबह जब उनकी घरेलू सहायिका ने दरवाजा खटखटाया तो भीतर का दृश्य देखकर वह दंग रह गई. नरेंद्र साहू का शव कमरे में पंखे से लटका हुआ था. महिला की चीख सुनकर आसपास के लोग और ड्राइवर मौके पर पहुंचे और तुरंत पुलिस को सूचना दी गई.
पुलिस मौके पर पहुंची, शव कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा
घटना की जानकारी मिलते ही भादरा थाना पुलिस मौके पर पहुंची और शव को कब्जे में लेकर सरकारी अस्पताल की मोर्चरी में रखवाया. अधिकारियों ने बताया कि तहसीलदार नरेंद्र साहू के परिजनों को सूचना दे दी गई है, जो चूरू जिले के तारानगर निवासी हैं. पुलिस ने बताया कि प्रारंभिक जांच में आत्महत्या के कारणों का कोई ठोस सुराग नहीं मिला है. मौके से कोई सुसाइड नोट बरामद नहीं हुआ.
आत्महत्या से पहले लॉअर डिवीजन क्लर्क से की थी बात
पुलिस जांच में यह बात सामने आई है कि आत्महत्या से कुछ देर पहले ही तहसीलदार ने अपने कार्यालय के एक लॉअर डिवीजन क्लर्क (LDC) से बात की थी. उन्होंने सुबह करीब छह बजे क्लर्क को फोन कर खाद वितरण और टोकन व्यवस्था को सही ढंग से संचालित करने के निर्देश दिए थे ताकि किसानों को परेशानी न हो. इसी बातचीत के लगभग डेढ़ घंटे बाद, यानी सुबह साढ़े सात बजे उनका शव पंखे से लटका मिला.
अकेले रह रहे थे नरेंद्र साहू
सूत्रों के मुताबिक, नायब तहसीलदार नरेंद्र साहू बीते कुछ दिनों से अपने सरकारी आवास में अकेले रह रहे थे. उनके सहयोगी कर्मचारी किसी रिश्तेदार के निधन के कारण अपने गांव चले गए थे. इससे वह पूरी तरह अकेले हो गए थे. माना जा रहा है कि इस अकेलेपन के दौरान उन्होंने मानसिक तनाव में यह कदम उठाया होगा. हालांकि पुलिस इस पहलू पर भी जांच कर रही है कि क्या उन्हें किसी निजी या पेशेवर कारण से दबाव था.
चूरू जिले के तारानगर के रहने वाले थे साहू
नरेंद्र साहू राजस्थान के चूरू जिले के तारानगर कस्बे के निवासी थे. करीब एक साल पहले ही उनकी तैनाती हनुमानगढ़ जिले के भादरा उपखंड कार्यालय में नायब तहसीलदार के पद पर हुई थी. उनके सहयोगियों के अनुसार, वह एक शांत स्वभाव और कर्तव्यनिष्ठ अधिकारी थे, जो हमेशा किसानों और जनता की समस्याओं को प्राथमिकता देते थे.
सुबह घरेलू सहायिका ने दी पुलिस को सूचना
शनिवार सुबह करीब साढ़े सात बजे घरेलू सहायिका रोज की तरह काम पर पहुंची थी. जब उसने दरवाजा खटखटाया तो कोई जवाब नहीं मिला. कुछ देर बाद जब उसने खिड़की से झांका तो अंदर का दृश्य देखकर उसकी चीख निकल गई. नरेंद्र साहू का शव पंखे से लटका हुआ था. आसपास के कर्मचारियों और ड्राइवर ने तुरंत पुलिस को सूचना दी. पुलिस ने मौके पर पहुंचकर दरवाजा तोड़ा और शव को नीचे उतारा.
परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल
घटना की जानकारी मिलते ही परिजन चूरू से हनुमानगढ़ के लिए रवाना हो गए. परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल है. पुलिस ने बताया कि परिवार वालों से पूछताछ कर यह पता लगाया जाएगा कि नरेंद्र साहू पिछले कुछ दिनों से किसी मानसिक तनाव या पारिवारिक विवाद से गुजर रहे थे या नहीं.
पुलिस ने सील किया कमरा, जांच में जुटी टीम
पुलिस ने नायब तहसीलदार के कमरे को सील कर दिया है ताकि किसी भी सबूत से छेड़छाड़ न हो. एफएसएल (फॉरेंसिक टीम) को मौके पर बुलाया गया है ताकि कमरे में मौजूद हर चीज़ की बारीकी से जांच की जा सके. दीवारों, फर्नीचर और आसपास की वस्तुओं से फिंगरप्रिंट सैंपल लिए जा रहे हैं.
आत्महत्या या दबाव? पुलिस कई एंगल से जांच में जुटी
पुलिस फिलहाल इस घटना को आत्महत्या मान रही है, लेकिन वह हर एंगल से जांच कर रही है. भादरा एसडीएम और तहसीलदार कार्यालय के कई कर्मचारियों से पूछताछ की जा रही है. पुलिस अधिकारी का कहना है कि यह भी देखा जाएगा कि हाल के दिनों में क्या कोई प्रशासनिक दबाव, कार्यभार की अधिकता या निजी विवाद चल रहा था.
प्रशासन में शोक की लहर
घटना की खबर जैसे ही सामने आई, प्रशासनिक हलकों में शोक की लहर दौड़ गई. सोशल मीडिया पर कई अधिकारियों और स्थानीय लोगों ने उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की. कई लोगों ने लिखा कि साहू हमेशा जनता की मदद करने वाले अफसर थे, जिन्होंने अपने कर्तव्यों को ईमानदारी से निभाया.
तनाव में थे या किसी साजिश का शिकार?
स्थानीय सूत्रों के अनुसार, पिछले कुछ दिनों से नरेंद्र साहू कुछ चिंतित दिखाई दे रहे थे. हालांकि उन्होंने कभी खुलकर किसी से बात नहीं की. कुछ लोगों का कहना है कि हो सकता है वह काम के दबाव या किसी निजी समस्या से जूझ रहे हों. वहीं कुछ कर्मचारियों का दावा है कि हाल ही में किसी विवादित भूमि प्रकरण में उन्होंने कड़ी कार्रवाई की थी, जिससे कुछ लोगों को नाराजगी थी. पुलिस इस पहलू को भी जांच में शामिल कर रही है.
पोस्टमार्टम रिपोर्ट से खुलेगा रहस्य
पुलिस ने बताया कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद मौत के सही कारणों का पता चल सकेगा. फिलहाल शव को सरकारी अस्पताल की मोर्चरी में रखवाया गया है. रिपोर्ट मिलने के बाद ही यह स्पष्ट होगा कि मौत फांसी से हुई या किसी और तरीके से.
प्रशासन ने जताया दुख, जांच के आदेश
घटना की जानकारी मिलने के बाद जिला कलेक्टर ने पूरे मामले की रिपोर्ट मांगी है. साथ ही अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि नायब तहसीलदार के आत्महत्या के कारणों की विस्तृत जांच की जाए. उन्होंने कहा कि अगर किसी प्रकार का प्रशासनिक दबाव या उत्पीड़न इस आत्महत्या की वजह बना है, तो दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.
सहकर्मियों में शोक, भादरा कार्यालय में कामकाज ठप
नायब तहसीलदार के निधन की खबर के बाद शनिवार को पूरे भादरा तहसील कार्यालय में सन्नाटा पसर गया. कर्मचारी शोक में डूबे हुए हैं और कई ने बताया कि साहू हमेशा समय पर दफ्तर पहुंचते और ईमानदारी से काम करते थे. शनिवार को कार्यालय का सारा कामकाज ठप रहा.
मानसिक स्वास्थ्य पर सवाल
यह घटना एक बार फिर सरकारी कर्मचारियों में मानसिक स्वास्थ्य और कार्यभार के दबाव पर सवाल खड़े कर रही है. राजस्थान में बीते एक साल में कई सरकारी अधिकारी और कर्मचारी तनाव के चलते आत्महत्या कर चुके हैं. विशेषज्ञों का कहना है कि इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए अधिकारियों को नियमित मानसिक परामर्श और तनाव प्रबंधन कार्यक्रमों से जोड़ा जाना चाहिए.


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