राहुल गांधी ने हरिओम वाल्मीकि के परिजनों से मुलाकात कर योगी सरकार पर गंभीर आरोप लगाए, कहा- दलितों को न्याय नहीं मिल रहा।
दलित युवक की हत्या पर सियासत गरमाई, राहुल गांधी फतेहपुर में पहुंचे
उत्तर प्रदेश के फतेहपुर जिले में उस समय राजनीतिक हलचल तेज हो गई जब कांग्रेस सांसद और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने रायबरेली में कथित भीड़ हिंसा का शिकार हुए दलित युवक हरिओम वाल्मीकि के परिजनों से मुलाकात की। 2 अक्टूबर को हुई इस वीभत्स घटना ने न सिर्फ प्रदेश बल्कि देशभर को झकझोर दिया है। हरिओम की पीट-पीटकर हत्या किए जाने के बाद से विपक्ष लगातार योगी आदित्यनाथ सरकार को कटघरे में खड़ा कर रहा है।
राहुल गांधी ने फतेहपुर में पीड़ित परिवार से मुलाकात के बाद आरोप लगाया कि परिजनों को जबरन घर में बंद करके डराया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार अपराधियों को संरक्षण देने में लगी है और पीड़ित परिवार को न्याय नहीं मिल रहा। राहुल की यह यात्रा एक तरफ विपक्षी एकजुटता का संकेत है तो दूसरी तरफ दलित उत्पीड़न को लेकर भाजपा सरकार की नीतियों पर सवाल खड़े करती है।
क्या है हरिओम वाल्मीकि हत्या का पूरा मामला?
हरिओम वाल्मीकि फतेहपुर जिले के निवासी थे। 2 अक्टूबर की रात वह किसी काम से रायबरेली के ऊंचाहार क्षेत्र स्थित जमुनापुर गांव पहुंचे थे। यहीं उन्हें कुछ लोगों ने चोर समझकर पीटना शुरू कर दिया। भीड़ ने उन्हें इतनी बेरहमी से मारा कि उनकी मौके पर ही मौत हो गई। इस घटना के बाद से क्षेत्र में तनाव का माहौल है। दलित समुदाय में भारी आक्रोश व्याप्त है और विभिन्न संगठनों ने न्याय की मांग को लेकर प्रदर्शन भी किए।
घटना के बाद रायबरेली पुलिस ने 14 लोगों को गिरफ्तार किया है, जिसमें मुख्य आरोपी भी शामिल है। पुलिस ने मुख्य आरोपी को 10 अक्टूबर को एक एनकाउंटर के बाद पकड़ा। इस घटना में लापरवाही बरतने के आरोप में पांच पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया है।
राहुल गांधी का आरोप: परिजनों को किया जा रहा कैद, डराया जा रहा
हरिओम के परिजनों से मिलने के बाद राहुल गांधी ने कहा, "यह परिवार किसी अपराध में शामिल नहीं है, लेकिन इन्हें घर से बाहर निकलने नहीं दिया जा रहा है। इनकी बेटी की सर्जरी होनी है, लेकिन उसे अस्पताल तक जाने नहीं दिया गया। यह लोकतंत्र की हत्या है। सरकार अपराधियों को बचाने का काम कर रही है।"
उन्होंने आगे कहा, "कुछ दिन पहले एक दलित अफसर ने आत्महत्या की, मैं वहां भी गया था। आज मैं यहां आया हूं क्योंकि यह मामला सिर्फ एक व्यक्ति की नहीं, पूरे दलित समाज की सुरक्षा से जुड़ा है।"
विरोध में लगे पोस्टर, भाई ने राहुल से मिलने से किया इनकार
राहुल गांधी की इस यात्रा को लेकर एक तरफ जहां मीडिया और सियासी हलकों में चर्चा तेज रही, वहीं हरिओम के छोटे भाई ने राहुल से मिलने से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा, "हम सरकार से संतुष्ट हैं, कोई भी नेता यहां राजनीति करने न आए।" राहुल गांधी के फतेहपुर पहुंचने से पहले विरोध में पोस्टर लगाए गए थे जिनमें लिखा था, “दर्द को मत भुनाओ, वापस जाओ।”
कांग्रेस ने इसे प्रशासन और सरकार की डराने-धमकाने की नीति करार दिया है। कांग्रेस प्रदेश महासचिव विवेक नंद पाठक का कहना है कि मृतक के परिजनों पर बयान देने का दबाव डाला गया है।
राहुल गांधी ने सीएम योगी को दिया संदेश
राहुल गांधी ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को सीधे तौर पर संबोधित करते हुए कहा, “मैं मुख्यमंत्री से कहना चाहता हूं कि वह अपराधियों को संरक्षण न दें और पीड़ित परिवार को न्याय दिलाएं। यह सिर्फ एक परिवार की लड़ाई नहीं है, बल्कि देश में हर उस दलित की आवाज है जो भय और भेदभाव में जी रहा है।”
उन्होंने आगे कहा कि कांग्रेस पार्टी सत्ता में नहीं है, लेकिन वह हर उस व्यक्ति के साथ खड़ी है जिसे अन्याय झेलना पड़ रहा है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की प्रतिक्रिया और कार्यवाही
11 अक्टूबर को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मृतक हरिओम की पत्नी संगीता वाल्मीकि और अन्य परिजनों से लखनऊ में मुलाकात की थी। उन्होंने पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने का आश्वासन दिया और साथ ही कई सरकारी लाभ भी देने का वादा किया। सरकार ने मृतक के परिवार को आवास, एक सरकारी नौकरी और अन्य योजनाओं का लाभ देने की घोषणा की थी।
योगी सरकार ने पीड़ित परिवार को आर्थिक मदद, आवास योजना और सरकारी नौकरी देने के साथ पुलिस प्रशासन को भी सख्त निर्देश दिए हैं कि इस तरह की घटनाओं पर त्वरित कार्रवाई हो और कोई भी दोषी बच न पाए।
कांग्रेस का आरोप: सीएम ने देरी से की मुलाकात
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने सीएम योगी पर हमला बोलते हुए कहा कि यह घटना 2 अक्टूबर की थी और सीएम योगी 11 अक्टूबर को परिजनों से मिले। वह भी उन्हें बुलवाकर मिले, जबकि राहुल गांधी खुद उनके घर जाकर संवेदना व्यक्त कर रहे हैं। यह फर्क बताता है कि किसका दिल दलितों के लिए धड़कता है।
राहुल गांधी की यात्रा पर सुरक्षा के कड़े इंतजाम
राहुल गांधी की यात्रा के दौरान फतेहपुर में भारी पुलिस बल की तैनाती की गई थी। स्थानीय प्रशासन ने किसी भी तरह के विवाद या प्रदर्शन को रोकने के लिए इलाके में सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त किए थे। राहुल सुबह 8 बजे दिल्ली से विशेष विमान से कानपुर पहुंचे, वहां से सड़क मार्ग द्वारा फतेहपुर पहुंचे और पीड़ित परिवार से मुलाकात कर वापस कानपुर लौटे।
असम जाएंगे राहुल गांधी, जुबिन गर्ग के परिजनों से करेंगे मुलाकात
फतेहपुर में हरिओम के परिजनों से मुलाकात के बाद राहुल गांधी असम के लिए रवाना हो गए। असम में वह हाल ही में सिंगापुर में एक कार्यक्रम के दौरान दिवंगत हुए लोकप्रिय गायक जुबिन गर्ग के परिजनों से मिलेंगे और उन्हें सांत्वना देंगे।


0 टिप्पणियाँ
आपका विचार हमारे लिए महत्वपूर्ण है, कृपया अपनी राय नीचे लिखें।