MP मर्डर मिस्ट्री: पिता के ‘खून’ पर बेटे ने बहाए झूठे आंसू! जमीन के लालच में रचा गया ऐसा खेल कि पुलिस भी रह गई हैरान


डिंडोरी में बेटे ने जमीन के लालच में पिता की हत्या कर दी, फिर झूठे आंसू बहाकर पुलिस को गुमराह करता रहा, सच्चाई ने सबको चौंकाया


जमीन के लालच ने किया बेटे को हैवान, पिता की मौत पर बहाए झूठे आंसू

मध्य प्रदेश के डिंडोरी जिले से एक ऐसा मामला सामने आया है जिसने रिश्तों की पवित्रता पर सवाल खड़ा कर दिया है। जिस बेटे को पिता ने बचपन में उंगली पकड़कर चलना सिखाया, उसी बेटे ने लालच और संपत्ति की हवस में उसी पिता की बेरहमी से हत्या कर दी। यह कोई फिल्मी कहानी नहीं, बल्कि सच्चाई है जो डिंडोरी जिले के शहपुरा थाना क्षेत्र के रैपुरा-दुल्लोपुर मार्ग से सामने आई। 53 वर्षीय भद्दा सिंह का शव जब सड़क किनारे मिला तो पूरा गांव सन्न रह गया। किसी ने भी नहीं सोचा था कि इस हत्या की गुत्थी जब सुलझेगी, तो उसका सिरा घर के ही अंदर से निकलेगा

दो दिन तक पुलिस रही भ्रमित, बेटा बना ‘न्याय मांगने वाला’

वारदात के दो दिन बाद तक पुलिस और ग्रामीण दोनों यह मानकर चल रहे थे कि किसी बाहरी व्यक्ति ने इस हत्या को अंजाम दिया है। भद्दा सिंह के बेटे शिवकुमार ने पिता के लिए न्याय की गुहार लगाकर पूरे गांव को अपनी तरफ सहानुभूति से भर दिया। उसने रोते हुए मीडिया के सामने कहा, “मेरे पिता का किसी से कोई झगड़ा नहीं था, मैं चाहता हूं दोषियों को सजा मिले।” उसकी आंखों से बहते आंसू और टूटे हुए शब्द किसी को भी भावुक कर देते। लेकिन इन आंसुओं के पीछे छिपा था एक रोंगटे खड़े कर देने वाला सच

तकनीकी साक्ष्यों ने खोल दी चालाक बेटे की पोल

जैसे-जैसे पुलिस ने जांच की परतें खोलीं, सबूत और गवाहों के बयान एक अलग ही कहानी कहने लगे। थाना प्रभारी अनुराग जामदार के निर्देश पर टीम ने तकनीकी साक्ष्य खंगाले और कॉल डिटेल रिकॉर्ड (CDR) निकाले। पुलिस को पता चला कि हत्या के समय मृतक का बेटा और उसका चाचा उसी इलाके में मौजूद थे। इतना ही नहीं, घटना के दिन पिता और बेटे के बीच फोन पर कई बार बहस भी हुई थी। कॉल रिकॉर्ड और मोबाइल लोकेशन ने साफ संकेत दिया कि पिता की हत्या के पीछे घर के ही लोग शामिल हैं। पुलिस की टीम ने जब दोनों से सख्ती से पूछताछ की, तो बेटे शिवकुमार और चाचा सिद्धू ने अपना गुनाह कबूल कर लिया

हत्या की साजिश में शामिल था लालच और डर

जांच में सामने आया कि मृतक भद्दा सिंह अपनी पैतृक जमीन बेचना चाहता था ताकि पैसों से नया घर बनवा सके। लेकिन बेटे शिवकुमार और भाई सिद्धू को यह बात नागवार गुज़री। दोनों को डर था कि जमीन बिकने के बाद उन्हें हिस्सा नहीं मिलेगा और पिता उन्हें दरकिनार कर देंगे। लालच और असुरक्षा ने दोनों के मन में ज़हर भर दिया और उन्होंने मिलकर पिता को रास्ते से हटाने की साजिश रच डाली।

सुनसान जगह बुलाकर की बेरहमी से हत्या

हत्या के दिन दोनों ने योजना के अनुसार भद्दा सिंह को घर से बाहर बुलाया। उन्हें यह कहा गया कि पास के खेत में कोई काम है। पिता को भनक तक नहीं थी कि जिन लोगों पर वह सबसे ज्यादा भरोसा करता है, वही उसकी जान लेने वाले हैं। सुनसान जगह पहुंचते ही दोनों ने लाठी और तेजधार हथियार से हमला कर दिया। भद्दा सिंह मौके पर ही ढेर हो गए। इसके बाद दोनों शव को सड़क किनारे फेंककर गांव लौट आए ताकि किसी को शक न हो।

दिखावे के आंसू और ‘न्याय’ का ड्रामा

हत्या के बाद शिवकुमार ने पुलिस को गुमराह करने के लिए पूरा नाटक रचा। उसने पिता की मौत का शोक जताते हुए गांव वालों के बीच खूब रोया। सोशल मीडिया और मीडिया चैनलों के सामने वह बार-बार कहता रहा कि उसके पिता को किसी अज्ञात ने मारा है और वह न्याय चाहता है। यहां तक कि उसने पुलिस के साथ घटनास्थल पर जाकर ‘मदद’ करने का नाटक किया। उसकी इस चालाकी ने जांच को दो दिनों तक भटका दिया।

पुलिस ने समझदारी से सुलझाई पहेली

थाना प्रभारी अनुराग जामदार और उनकी टीम ने जब मामले की गहराई से जांच की, तो उन्हें कई विसंगतियां नजर आईं। घटनास्थल से मिले पैरों के निशान, कॉल डिटेल, और एक स्थानीय चश्मदीद के बयान ने पुलिस का ध्यान घर के सदस्यों की ओर मोड़ दिया। पुलिस ने दोनों आरोपियों को हिरासत में लेकर सख्ती से पूछताछ की, तब जाकर उन्होंने अपना जुर्म कबूल किया। जांच के दौरान हत्या में इस्तेमाल किए गए हथियार, कपड़े और फोन भी बरामद किए गए हैं।

पुलिस का बयान और अगला कदम

थाना प्रभारी अनुराग जामदार ने बताया कि साक्ष्यों के आधार पर शिवकुमार और सिद्धू को गिरफ्तार कर लिया गया है। दोनों से पूछताछ जारी है ताकि यह पता लगाया जा सके कि हत्या की योजना कब और कैसे बनाई गई थी। पुलिस अब यह भी जांच कर रही है कि क्या किसी तीसरे व्यक्ति ने इस हत्या में मदद की थी। मामले में चार्जशीट जल्द अदालत में पेश की जाएगी।

गांव में पसरा मातम और हैरानी

भद्दा सिंह की मौत के बाद गांव में शोक और भय दोनों का माहौल है। ग्रामीणों का कहना है कि उन्होंने कभी नहीं सोचा था कि ऐसा सौम्य स्वभाव का युवक अपने ही पिता का कातिल हो सकता है। गांव की महिलाओं के बीच यह चर्चा का विषय है कि “कैसे कोई बेटा इतना बेरहम हो सकता है?” पिता-पुत्र के रिश्ते पर ऐसा दाग लगा जिसने समाज को झकझोर कर रख दिया।

लालच की आग ने जला डाली इंसानियत

यह मामला सिर्फ एक हत्या नहीं, बल्कि उस मानवीय संवेदना के पतन का उदाहरण है जो लालच और संपत्ति की चाह में खत्म हो रही है। जमीन-जायदाद को लेकर परिवारों के बीच विवाद और खून-खराबे के मामले अब आम होते जा रहे हैं। डिंडोरी की यह घटना इसी गिरती नैतिकता की मिसाल बन गई है।

अदालत में कब होगा फैसला?

पुलिस के अनुसार दोनों आरोपियों को जेल भेज दिया गया है और वे अब न्यायिक हिरासत में हैं। मामले की जांच पूरी होने के बाद इसे अदालत में पेश किया जाएगा। संभावना है कि यह मामला “तेजी से सुनवाई” (Fast Track Court) में जाएगा ताकि पीड़ित परिवार को जल्द न्याय मिल सके।

समाज के लिए चेतावनी

डिंडोरी की यह घटना समाज के लिए एक आईना है जो यह दिखाती है कि जब रिश्तों में विश्वास की जगह लालच ले लेता है, तब इंसान अपनी इंसानियत खो देता है। परिवारों के भीतर संपत्ति को लेकर चल रही कड़वाहट को समय रहते सुलझाना जरूरी है, वरना यह छोटी चिंगारी एक दिन खून की नदी में बदल सकती है।

मध्य प्रदेश के डिंडोरी में हुआ यह हत्याकांड सिर्फ एक आपराधिक घटना नहीं, बल्कि उस नैतिक पतन की कहानी है जहां पैसा और जमीन रिश्तों से ऊपर हो गए। बेटे की झूठी मासूमियत और पिता के लिए बहाए गए नकली आंसुओं ने पुलिस को कुछ वक्त के लिए भ्रमित कर दिया, लेकिन सच ज्यादा दिनों तक छिपा नहीं रह सका। अब सवाल यह है कि समाज कब इन लालच की जड़ों को पहचानकर रिश्तों की पवित्रता को फिर से जीवित करेगा।

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