मुरादाबाद में क्रिकेट मैच के दौरान 50 वर्षीय खिलाड़ी अहमर खां की टीम को जिताने के बाद मैदान पर हार्ट अटैक से मौत।
जीत के जश्न में मातम: मुरादाबाद के मैदान पर मौत का सन्नाटा
उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद जिले के बिलारी कस्बे में रविवार को खेल प्रेमियों के लिए एक दिल दहला देने वाली घटना घटी। वेटरन क्रिकेट टूर्नामेंट के दौरान 50 वर्षीय वरिष्ठ क्रिकेटर अहमर खां ने अपनी टीम को जीत दिलाने के ठीक बाद मैदान पर दम तोड़ दिया। अंतिम गेंद फेंकने के बाद जब उन्होंने खुशी में हाथ उठाया, उसी क्षण हार्ट अटैक आने से वे पिच पर गिर पड़े। साथी खिलाड़ियों ने मदद की कोशिश की, लेकिन वे बच नहीं सके।
यह हादसा स्थानीय चीनी मिल मैदान पर यूपी वेटरन्स क्रिकेट एसोसिएशन के तत्वावधान में आयोजित मैच के दौरान हुआ। जहां खेल के रोमांच ने पलभर में गम में तब्दील होकर पूरे शहर को सदमे में डाल दिया।
आखिरी गेंद तक जज़्बा: जीत के बाद गिर पड़े अहमर खां
अहमर खां वेटरन टूर्नामेंट के महत्वपूर्ण मैच में अपनी टीम के प्रमुख गेंदबाज के रूप में मैदान में उतरे थे। आखिरी ओवर में उन्हें जीत की उम्मीदें सौंपी गईं। उन्होंने पूरे आत्मविश्वास के साथ सिर्फ पांच रन देकर अपनी टीम को 13 रनों से जीत दिलाई। जब मैच खत्म हुआ और जीत सुनिश्चित हो गई, तो वे खुशी से झूम उठे। लेकिन अगले ही क्षण उनका शरीर मैदान पर ढेर हो गया।
साथी खिलाड़ियों ने तत्काल CPR देकर उन्हें बचाने की कोशिश की, वहीं मैच स्थल पर मौजूद चिकित्सक भी मदद को दौड़े। लेकिन जब उन्हें निजी अस्पताल ले जाया गया, डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। डॉक्टरों के अनुसार मौत हार्ट अटैक से हुई।
सपा विधायक ने देखा हादसा अपनी आंखों से
इस हृदयविदारक घटना के समय बिलारी से सपा विधायक फहीम इरफान स्वयं मैदान में मौजूद थे और कमेंट्री कर रहे थे। उन्होंने कहा कि यह क्षण किसी बुरे सपने जैसा था — “अहमर खां ने जैसे ही टीम को जीत दिलाई, कुछ सेकंड में ही वे गिर पड़े। सभी खिलाड़ी और दर्शक हतप्रभ रह गए।” विधायक ने बताया कि उनकी जिंदादिली और खेल भावना ने सभी का दिल जीता था।
दिल्ली से लेकर यूपी तक खेला था क्रिकेट, पीयूष चावला के साथ खेले थे मैच
अहमर खां का नाम मुरादाबाद के खेल इतिहास में सम्मान से लिया जाता है। वे लंबे समय तक दिल्ली के सुहानी क्लब से जुड़े रहे और उत्तर प्रदेश की विभिन्न टीमों के लिए भी खेले। वे मशहूर भारतीय स्पिनर पीयूष चावला के साथ भी कई घरेलू मैच खेल चुके थे। साथी खिलाड़ियों के अनुसार अहमर मैदान में अपनी ऊर्जा, अनुशासन और हंसी-मजाक के लिए मशहूर थे।
उनकी उम्र भले ही 50 वर्ष थी, लेकिन फिटनेस और समर्पण युवा खिलाड़ियों के लिए प्रेरणा थी। पिछले दस वर्षों से वे नियमित रूप से टूर्नामेंट्स में हिस्सा ले रहे थे।
पेशे से मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव, दिल में क्रिकेट का जुनून
अहमर खां पेशे से एक दवा कंपनी के मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव (MR) थे। व्यस्त नौकरी के बावजूद उन्होंने अपने क्रिकेट प्रेम को कभी मरने नहीं दिया। उनके सहयोगियों का कहना है कि वह हर हफ्ते मैच खेलने जाते थे और ऑफिस में भी अक्सर खेल के बारे में चर्चा करते थे। उनके निधन की खबर सुनकर न केवल उनके टीममेट बल्कि कंपनी के सहयोगी भी स्तब्ध रह गए।
साथी खिलाड़ियों की आंखें नम, मैदान पर पसरा सन्नाटा
घटना के बाद जब खिलाड़ियों ने देखा कि अहमर खां उठ नहीं रहे, तो पूरा मैदान सन्नाटे में डूब गया। साथी खिलाड़ी उन्हें उठाकर एंबुलेंस तक लाए। कुछ ही मिनटों में यह खबर पूरे कस्बे में फैल गई। एक ओर मैदान पर जीत का रोमांच था, वहीं दूसरी ओर उनके साथी और दर्शक बेसुध होकर रोने लगे।
स्थानीय खेल प्रेमियों ने कहा कि “अहमर भाई ने जीत दिलाई, लेकिन जिंदगी हार गए।” उनकी जिंदादिली का अंदाज़ा इस बात से लगाया जा सकता है कि उन्होंने आखिरी गेंद तक टीम के लिए पूरा दम लगा दिया।
प्रशासन और चिकित्सकों की पुष्टि
घटना की सूचना मिलते ही एसडीएम बिलारी सहित स्थानीय पुलिस अधिकारी मौके पर पहुंचे। शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा गया। चिकित्सकों ने बताया कि यह मामला कार्डियक अरेस्ट का है, जो अत्यधिक परिश्रम और हृदय गति के अचानक बढ़ने से हुआ। इस हादसे ने अनुभवी खिलाड़ियों में फिटनेस और स्वास्थ्य को लेकर गंभीर चर्चा छेड़ दी है।
परिवार में कोहराम, बेटे ने कहा— “पापा ने कभी हार नहीं मानी”
अहमर खां के निधन की खबर जब परिवार तक पहुँची, तो घर में कोहराम मच गया। पत्नी और बच्चों का रो-रोकर बुरा हाल है। उनके बड़े बेटे ने कहा— “पापा को क्रिकेट से बहुत लगाव था, वे हमेशा कहते थे कि मैदान पर खेलते हुए मरना ही असली जीत होगी।” पड़ोसी और रिश्तेदार भी उनके घर पर संवेदना व्यक्त करने पहुंचे।
खेल जगत में शोक की लहर
मुरादाबाद और आसपास के ज़िलों में खेल जगत के लोगों ने अहमर खां को श्रद्धांजलि दी। यूपी वेटरन्स क्रिकेट एसोसिएशन ने कहा कि “उन्होंने इस खेल के प्रति जो जुनून दिखाया, वह आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा रहेगा।” सोशल मीडिया पर भी खेल प्रेमियों ने “अहमर खां को सच्चा खिलाड़ी” बताते हुए उन्हें अंतिम सलाम किया।

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