इंदौर में विधवा महिला से 15 साल तक संबंध बनाकर शादी से मुकरा मंदिर का पुजारी, रेप और धोखाधड़ी में FIR दर्ज।
इंदौर में मंदिर के पुजारी पर लगा शादी का झांसा देकर 15 साल तक शोषण और 70 लाख की धोखाधड़ी का आरोप
मध्य प्रदेश के इंदौर से एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसने आस्था, विश्वास और सामाजिक मूल्यों पर गहरे सवाल खड़े कर दिए हैं। यहां एक 48 वर्षीय विधवा महिला ने साईं मंदिर के पुजारी अमरकांत दुबे पर शादी का झांसा देकर दुष्कर्म और आर्थिक शोषण का गंभीर आरोप लगाया है। महिला का दावा है कि पिछले 15 वर्षों तक पुजारी ने उसके साथ शारीरिक संबंध बनाए, भावनात्मक रूप से उसे छला और अंत में उम्र का हवाला देकर शादी से इंकार कर दिया। मामला अब पुलिस के पास पहुंच गया है और अमरकांत के खिलाफ रेप और धोखाधड़ी की धाराओं में केस दर्ज कर लिया गया है।
साल 2005 में शुरू हुई थी जान-पहचान, धीरे-धीरे बन गए निजी रिश्ते
पीड़िता की कहानी वर्ष 2000 में धार जिले में उसकी शादी से शुरू होती है। लेकिन तीन साल बाद 2004 में उसके पति की आत्महत्या ने उसकी दुनिया उजाड़ दी। मानसिक और सामाजिक अकेलेपन से जूझती यह महिला वर्ष 2005 में इंदौर के विद्या पैलेस क्षेत्र में आकर रहने लगी, जहां उसकी मुलाकात पास ही के साईं मंदिर में पुजारी अमरकांत दुबे से हुई। शुरुआत में यह सिर्फ एक सामान्य भक्त और पुजारी की जान-पहचान थी, लेकिन कुछ ही महीनों में यह रिश्ता निजी होता चला गया।
महिला के मुताबिक, पुजारी ने उसके हालातों का फायदा उठाया। अकेलेपन और भावनात्मक टूटन का सहारा बनकर पहले विश्वास जीता, फिर शादी का वादा कर शारीरिक संबंध बना लिए। महिला ने दावा किया कि वह उस पर भरोसा करती रही, क्योंकि उसने बार-बार शादी का वादा किया और भरोसा दिलाया कि एक दिन वह उसे अपनी पत्नी बनाएगा।
शादी का नाम आते ही उम्र का बहाना, बोला- "तू मुझसे बड़ी है"
15 वर्षों तक चले इस रिश्ते की परिणति उस वक्त बेहद दर्दनाक मोड़ पर आ गई जब महिला ने पुजारी से साफ शब्दों में शादी की बात कही। लेकिन पुजारी ने साफ मना कर दिया और कहा, “तू मुझसे उम्र में बड़ी है, इसलिए ये शादी नहीं हो सकती।” इस जवाब ने महिला की उम्मीदों पर पानी फेर दिया और उसे एहसास हुआ कि वह वर्षों से एक जाल में फंसी थी।
यह कहकर शादी से मुकर जाना महिला के लिए सिर्फ एक भावनात्मक धोखा नहीं था, बल्कि उसका सामाजिक और मानसिक शोषण भी था। उसने जब पुजारी के इरादों को समझा, तो वह थाने पहुंची और पूरे घटनाक्रम की शिकायत पुलिस में दर्ज कराई।
आर्थिक शोषण भी, 70 लाख के लोन में फंसाया
महज शारीरिक शोषण ही नहीं, महिला ने पुजारी पर गंभीर आर्थिक धोखाधड़ी का भी आरोप लगाया है। पीड़िता ने पुलिस को बताया कि अमरकांत दुबे ने कई बार आर्थिक तंगी का हवाला देकर उससे रुपये उधार लिए। उसने यह भी कहा कि पुजारी ने उसके नाम पर मकान पर 70 लाख रुपये का लोन दिलवाने की बात कहकर दस्तावेज लिए और बाद में उसे फर्जीवाड़े में फंसा दिया।
महिला के अनुसार, उसे कई वर्षों तक इस लोन की जानकारी तक नहीं दी गई और जब वह बैंक के नोटिस से यह सब जान पाई, तब तक काफी देर हो चुकी थी। पुजारी ने न केवल उसके साथ विश्वासघात किया, बल्कि आर्थिक रूप से भी बर्बाद कर डाला।
पुलिस में दर्ज हुई रेप और धोखाधड़ी की FIR
पूरा मामला इंदौर के एक नामी थाने में दर्ज किया गया है। महिला की तहरीर के आधार पर पुलिस ने अमरकांत दुबे के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धाराओं 376 (दुष्कर्म) और 420 (धोखाधड़ी) में प्राथमिकी दर्ज कर ली है। मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच तेजी से शुरू कर दी गई है।
पुलिस अधिकारी ने जानकारी दी है कि महिला के बयान दर्ज कर लिए गए हैं और उसके द्वारा बताए गए बैंक दस्तावेज, लोन पेपर और पैसों के लेन-देन से संबंधित सभी साक्ष्यों की जांच की जा रही है। पुलिस का कहना है कि आरोपी पुजारी को जल्द ही हिरासत में लेकर पूछताछ की जाएगी।
महिला की आंखों में छलका दर्द, बोली- “15 साल की हर घड़ी एक धोखा थी”
इस पूरे मामले पर पीड़िता ने मीडिया से बात करते हुए कहा, “मैंने उसे भगवान का रूप समझा, पर वो तो राक्षस निकला। 15 साल तक उसने मेरी हर भावनात्मक कमजोरी का फायदा उठाया। मेरे पति के जाने के बाद मैं पूरी तरह अकेली थी और उस वक्त वो मेरा सहारा बना। मैं उसे परिवार मान बैठी, पर उसने मेरे विश्वास की हत्या की है। अब मैं सिर्फ न्याय चाहती हूं।”
महिला की बातें सुनकर यही एहसास होता है कि यह केवल एक व्यक्तिगत मामला नहीं, बल्कि उन हजारों महिलाओं की आवाज है जो विश्वासघात, शोषण और सामाजिक दोहरेपन का शिकार होती हैं।
क्या धार्मिक आस्था की आड़ में हो रहा है अपराध?
यह घटना केवल व्यक्तिगत विश्वासघात तक सीमित नहीं है, बल्कि समाज में व्याप्त उस बड़ी समस्या को उजागर करती है, जिसमें धार्मिक पदों पर बैठे लोग आस्था और विश्वास की आड़ में महिलाओं का शोषण कर रहे हैं। मंदिर जैसे स्थान, जहां लोगों की श्रद्धा होती है, यदि वहीं ऐसी घटनाएं हों, तो यह सिर्फ एक महिला के लिए नहीं, समाज के हर वर्ग के लिए खतरे की घंटी है।
पुलिस की भूमिका और आगामी कार्रवाई
पुलिस ने आश्वासन दिया है कि मामले की निष्पक्ष और त्वरित जांच की जाएगी। FIR दर्ज होने के बाद महिला को सुरक्षा भी दी गई है। पुलिस वित्तीय रिकॉर्ड, कॉल डिटेल और महिला द्वारा जुटाए गए साक्ष्यों को खंगाल रही है। पुजारी की गिरफ्तारी जल्द हो सकती है और यदि दोष सिद्ध होता है, तो उसे कठोर सजा दिलाई जाएगी।
आस्था के साथ अपराध, समाज के लिए चेतावनी
इंदौर की इस घटना ने यह साबित कर दिया है कि धार्मिक स्थानों पर भी अपराध छिपे हो सकते हैं। अमरकांत दुबे जैसा पुजारी न केवल महिलाओं की भावनाओं से खेलता है, बल्कि उन्हें आर्थिक रूप से भी तबाह कर देता है। यह मामला कानून और समाज दोनों के लिए एक चेतावनी है कि आस्था की चादर में छिपे इन अपराधियों को बेनकाब करना जरूरी है।


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