मिर्जापुर में 6 साल की बच्ची ने मां के ज़हर खाने पर 1090 पर कॉल कर एंबुलेंस मंगाई और मां की जान बचा ली। मिशन शक्ति की बड़ी सफलता।
मिर्जापुर में 6 साल की बेटी की बहादुरी से बची मां की जान
उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर जिले से एक ऐसी दिल को छू लेने वाली खबर सामने आई है, जो न सिर्फ मानवता का संदेश देती है बल्कि प्रदेश सरकार की 'मिशन शक्ति' योजना की असली ताकत को भी उजागर करती है। यहां मड़िहान थाना क्षेत्र के तेन्दुइया गोपालपुर गांव में एक छह वर्षीय बच्ची शिवानी ने वो कर दिखाया, जो शायद कई समझदार वयस्क भी नहीं कर पाते। घरेलू कलह से परेशान होकर जब उसकी मां आरती ने ज़हर खा लिया, तब शिवानी ने तत्काल 1090 महिला हेल्पलाइन पर फोन करके मां के लिए एंबुलेंस की गुहार लगाई।
घरेलू कलह बनी ज़हर खाने की वजह
मामले की शुरुआत उस समय हुई जब शनिवार की शाम को गांव की निवासी आरती का अपने परिजनों से किसी बात को लेकर विवाद हुआ। इस घरेलू कलह ने इतना गंभीर रूप ले लिया कि आरती ने आहत होकर ज़हरीला पदार्थ खा लिया। उस समय घर में उसकी छह वर्षीय बेटी शिवानी भी मौजूद थी। मां की बिगड़ती हालत देख शिवानी घबरा गई, लेकिन उसने हिम्मत नहीं हारी।
1090 पर कॉल कर मां को बचाने की दिखाई सूझबूझ
शिवानी को यह जानकारी पहले से थी कि किसी मुसीबत में मदद के लिए 1090 पर फोन किया जा सकता है। यह जानकारी उसे 'मिशन शक्ति' अभियान के तहत किसी माध्यम से मिली थी। उसने उसी जानकारी का इस्तेमाल किया और तत्काल 1090 पर कॉल कर कहा – "मेरी मम्मी ने ज़हर खा लिया है, मुझे एंबुलेंस चाहिए। जल्दी भेजिए।"
सूचना मिलते ही हरकत में आई पुलिस और पीआरवी टीम
बच्ची की कॉल मिलते ही 1090 की टीम ने तुरंत जिला पुलिस को अलर्ट कर दिया। मड़िहान थाना प्रभारी बालमुकुंद मिश्रा अपनी टीम और पीआरवी-112 के साथ मौके पर रवाना हुए। जब पुलिस टीम तेन्दुइया गोपालपुर गांव पहुंची, तो देखा कि आरती बेहोशी की हालत में पड़ी थी। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने बिना देर किए उसे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मड़िहान पहुंचाया।
समय रहते मिला इलाज, बच गई जान
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में डॉक्टरों ने तत्परता दिखाई और आरती को तुरंत उपचार दिया गया। समय पर इलाज मिलने के कारण उसकी जान बचा ली गई। कुछ घंटों तक निगरानी में रखने के बाद डॉक्टरों ने महिला को डिस्चार्ज कर दिया। फिलहाल आरती अपने घर पर सुरक्षित है और स्वास्थ्य में सुधार हो रहा है।
ASP ने सराहा बच्ची की सूझबूझ
मामले को लेकर अपर पुलिस अधीक्षक (ऑपरेशन) मनीष मिश्रा ने मीडिया को जानकारी देते हुए बताया कि एक महिला ने ज़हर खा लिया था, जिसकी छह वर्षीय बेटी ने 1090 पर फोन कर उसकी जान बचा ली। यह 'मिशन शक्ति' योजना की बड़ी सफलता है, जिससे बच्चों तक भी इस तरह की जानकारी पहुंच रही है। ASP ने शिवानी की तारीफ करते हुए कहा कि उसकी सूझबूझ और साहस से एक जीवन बच गया।
मिशन शक्ति: बेटियों को सशक्त बनाने की मुहिम
उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा चलाया जा रहा 'मिशन शक्ति' अभियान महिलाओं और बच्चियों को सशक्त बनाने के उद्देश्य से शुरू किया गया था। इसके तहत महिलाओं और बच्चियों को 1090, 112, 181 जैसी हेल्पलाइन नंबरों के बारे में जानकारी दी जाती है और उन्हें बताया जाता है कि किसी भी संकट की स्थिति में कैसे अपनी सुरक्षा सुनिश्चित की जा सकती है।
शिवानी जैसी मासूम बच्ची द्वारा 1090 का सही समय पर और सही तरीके से इस्तेमाल करना, इस योजना की सफलता का प्रत्यक्ष उदाहरण है। यह साबित करता है कि मिशन शक्ति सिर्फ एक सरकारी स्कीम नहीं, बल्कि जमीनी स्तर पर असर दिखाने वाला बदलाव है।
बच्ची की बहादुरी पर गांव में चर्चा
शिवानी की इस बहादुरी की चर्चा पूरे गांव में हो रही है। ग्रामीणों ने बच्ची की सूझबूझ की सराहना करते हुए कहा कि इतने कम उम्र में ऐसा साहसिक निर्णय लेना आसान नहीं होता। शिवानी ने जिस तरह स्थिति को संभाला और सही कदम उठाया, वो काबिल-ए-तारीफ है।
महिला आयोग और प्रशासन ने की सराहना
सूत्रों के अनुसार, जिला प्रशासन और महिला आयोग की ओर से भी शिवानी की बहादुरी की सराहना की जा रही है। महिला आयोग ने संकेत दिए हैं कि बच्ची को सम्मानित भी किया जा सकता है ताकि अन्य बच्चे भी इससे प्रेरणा लें और ज़रूरत पड़ने पर ऐसा ही साहसी कदम उठाएं।
बच्ची बोली- मुझे पता था 1090 पर कॉल करना है
शिवानी ने मीडिया से बातचीत में बताया कि उसने 'मिशन शक्ति' अभियान के तहत स्कूल में या किसी जागरूकता अभियान में 1090 की जानकारी सुनी थी। जब उसकी मां ज़हर खाकर गिर पड़ीं तो उसे तुरंत वही नंबर याद आया और उसने फोन कर दिया। "मुझे सिर्फ एक ही बात याद थी, कि 1090 पर कॉल करने से पुलिस और एंबुलेंस आ जाती है।"
प्रशासन की चेतावनी: घरेलू कलह को हल्के में न लें
घटना के बाद पुलिस और प्रशासन ने जनता से अपील की है कि घरेलू विवादों को हल्के में न लें। छोटी-छोटी बातों से शुरू होने वाले झगड़े कभी-कभी जानलेवा स्थिति तक पहुंच सकते हैं। उन्होंने कहा कि किसी भी मानसिक तनाव की स्थिति में 112, 181 या 1090 जैसे नंबरों पर कॉल कर मदद ली जा सकती है।


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