कानपुर में खौफनाक हमला: LLB छात्र पर चापड़ से ताबड़तोड़ वार, सिर फटा, पेट से निकली आंतें, उंगलियां कटीं; पुलिस पर पक्षपात का आरोप




कानपुर में LLB छात्र पर चापड़ से जानलेवा हमला, सिर फटा, आंतें बाहर, पुलिस पर हमलावरों को बचाने का आरोप, तीन गिरफ्तार


कानपुर में LLB छात्र पर जानलेवा हमला, सरेआम चली चापड़

उत्तर प्रदेश के कानपुर में एक दिल दहला देने वाली वारदात ने पूरे शहर को हिला दिया है। रावतपुर थाना क्षेत्र के केशवपुरम इलाके में शनिवार रात एक LLB छात्र पर मेडिकल स्टोर संचालक और उसके साथियों ने बेरहमी से हमला कर दिया। चापड़ से किए गए इस हमले में छात्र का सिर फट गया, पेट की आंतें बाहर निकल आईं और दो उंगलियां तक कट गईं। घायल छात्र को अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां उसकी हालत गंभीर बनी हुई है। इस घटना ने न केवल कानपुर पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े किए हैं, बल्कि आम लोगों में भी गुस्से की लहर दौड़ा दी है।

घटना की रात: मेडिकल स्टोर पर मामूली कहासुनी से शुरू हुआ खूनी खेल

शनिवार की रात लगभग 9 बजे LLB छात्र अभिजीत सिंह चंदेल दवा लेने के लिए अपने घर से लगभग एक किलोमीटर दूर स्थित मेडिकल स्टोर पर गया था। वहां दवा के भुगतान को लेकर उसकी बहस दुकान के मालिक अमर सिंह से हो गई। गवाही के अनुसार, बात इतनी बढ़ी कि अमर सिंह के साथ मौजूद उसके भाई विजय सिंह, प्रिंस राज श्रीवास्तव और निखिल ने मिलकर अभिजीत पर हमला बोल दिया। पहले मुक्के-घूसे चले और फिर अचानक अमर सिंह ने काउंटर के नीचे रखी चापड़ निकाल ली।

अभिजीत को संभलने का मौका नहीं मिला। पहले वार उसके सिर पर किया गया, जिससे उसकी हड्डियां तक दिखने लगीं। इसके बाद लगातार पेट पर वार किए गए, जिससे आंतें बाहर निकल आईं। जब अभिजीत भागने की कोशिश करने लगा, तो हमलावरों ने पकड़कर उसकी दो उंगलियां काट दीं। खून से लथपथ अभिजीत सड़क पर गिर पड़ा और दर्द से तड़पने लगा। राहगीरों की भीड़ जुटती देख आरोपी मौके से भाग निकले।

घायल छात्र की हालत देखकर कांपे लोग, अस्पतालों ने करने से मना किया भर्ती

घटना के बाद राहगीरों ने तुरंत परिजनों को सूचना दी। अभिजीत की मां नीलम सिंह चंदेल और परिवार मौके पर पहुंचे। उन्होंने कपड़े से बेटे की आंतें बांधकर किसी तरह उसे अस्पताल पहुंचाया। लेकिन दर्दनाक सच्चाई यह रही कि कानपुर के चार बड़े अस्पतालों ने उसकी हालत देख भर्ती करने से इनकार कर दिया। आखिरकार रीजेंसी अस्पताल ने छात्र को भर्ती किया, जहां करीब दो घंटे तक ऑपरेशन चला। डॉक्टरों ने बताया कि अभिजीत के सिर में 14 टांके लगे हैं, पेट का बड़ा ऑपरेशन हुआ है और दो कटी उंगलियों को जोड़ने की कोशिश की गई है। डॉक्टरों के मुताबिक, वह फिलहाल खतरे से बाहर नहीं है, लेकिन हालत स्थिर है।

मां नीलम सिंह की पीड़ा: “बेटे को मरने के लिए छोड़ दिया गया”

अभिजीत की मां नीलम सिंह चंदेल का कहना है कि उनका बेटा LLB प्रथम वर्ष का छात्र है और पढ़ाई में हमेशा आगे रहा है। उन्होंने बताया, “मेरे बेटे ने कभी किसी से झगड़ा नहीं किया। वह बस दवा लेने गया था, लेकिन मेडिकल स्टोर वाले ने पैसे को लेकर विवाद किया और हमला कर दिया। जब मैंने पुलिस से मदद मांगी तो उल्टा मेरे बेटे पर ही केस दर्ज कर दिया गया। हम लोग न्याय की उम्मीद में भटक रहे हैं।”

नीलम ने आगे कहा कि हमलावरों में से एक, प्रिंस राज श्रीवास्तव, पहले से ही आपराधिक प्रवृत्ति का है और खुद को वकील बताकर लोगों से वसूली करता है। उन्होंने बताया कि प्रिंस पर पहले से रंगदारी और जमीन कब्जाने के केस दर्ज हैं।

पुलिस की कार्रवाई पर उठे सवाल, पीड़ित पर ही दर्ज हुआ मुकदमा

घटना के बाद पुलिस पर गंभीर आरोप लगने लगे। परिजनों का कहना है कि पुलिस ने उल्टा घायल छात्र अभिजीत पर ही रंगदारी, लूट और मारपीट का केस दर्ज कर लिया। यह मुकदमा मुख्य आरोपी विजय सिंह की तहरीर पर दर्ज हुआ। मां नीलम ने आरोप लगाया कि पुलिस हमलावरों से मिली हुई है और साक्ष्य को कमजोर करने की कोशिश की जा रही है।

स्थानीय लोगों ने भी इस पर नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि इतनी बर्बर वारदात के बाद भी पुलिस ने शुरू में कोई सख्त कदम नहीं उठाया। मामले के तूल पकड़ने के बाद ही तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया गया।

तीन आरोपी गिरफ्तार, लेकिन साजिश की गहराई में जांच बाकी

कानपुर पुलिस के अनुसार, जब दूसरे पक्ष की तहरीर आई तो नियम अनुसार दोनों पक्षों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया। पुलिस ने बताया कि अब तक तीन आरोपियों – अमर सिंह, विजय सिंह और निखिल – को गिरफ्तार कर लिया गया है, जबकि चौथा आरोपी प्रिंस राज श्रीवास्तव अभी फरार है। पुलिस ने दावा किया कि फरार आरोपी की तलाश में दबिश दी जा रही है।

हालांकि, इस बयान से परिवार संतुष्ट नहीं है। उनका कहना है कि जब तक सभी आरोपियों को सजा नहीं मिलती, वे चुप नहीं बैठेंगे।

मेडिकल रिपोर्ट में साफ: हमला जानलेवा था, इरादा हत्या का था

रीजेंसी अस्पताल की मेडिकल रिपोर्ट के अनुसार, अभिजीत के शरीर पर गहरे कट हैं। सिर की हड्डी टूट चुकी थी, पेट में गंभीर घाव थे और दो उंगलियां पूरी तरह अलग हो चुकी थीं। डॉक्टरों का कहना है कि यह हमला किसी को डराने या धमकाने के लिए नहीं बल्कि जान लेने के इरादे से किया गया था। डॉक्टरों ने बताया कि समय पर इलाज नहीं होता तो छात्र की जान बचाना मुश्किल था।

कानपुर में बढ़ता अपराध और बेखौफ गुंडे

यह घटना कानपुर में बढ़ते अपराध और पुलिस की ढीली कार्यवाही की ओर इशारा करती है। हाल ही में शहर में हुई कई वारदातों ने लोगों के बीच भय का माहौल बना दिया है। खासकर रावतपुर और काकादेव जैसे क्षेत्रों में आपराधिक तत्व खुलेआम घूम रहे हैं। आम लोगों का कहना है कि पुलिस केवल तब हरकत में आती है जब मामला सोशल मीडिया या मीडिया में वायरल होता है।

कॉलेज छात्रों में दहशत, “कानून पढ़ने वाले पर हुआ ऐसा हमला”

कानपुर विश्वविद्यालय के छात्रों में इस घटना के बाद भारी आक्रोश है। छात्र संगठनों ने कहा कि एक कानून के छात्र पर इस तरह का हमला न्याय व्यवस्था की साख पर सवाल है। उन्होंने मांग की है कि आरोपियों को सख्त से सख्त सजा दी जाए और पुलिसकर्मियों की भूमिका की भी जांच की जाए जिन्होंने पीड़ित के खिलाफ उल्टा मुकदमा दर्ज किया।

प्रशासन पर दबाव, निष्पक्ष जांच की मांग

लगातार बढ़ते जनाक्रोश को देखते हुए प्रशासन पर दबाव बढ़ता जा रहा है। शहर के कई सामाजिक संगठनों ने पीड़ित परिवार से मुलाकात कर हर संभव सहायता का आश्वासन दिया है। वहीं, पुलिस अधिकारियों ने कहा है कि मामले की जांच उच्च स्तर पर की जा रही है और किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा।

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