कानपुर के IOC प्लांट में हर ट्रक से 1250 रुपये की उगाही, सीएम योगी के आदेश पर पुलिस ने फिल्मी स्टाइल में आरोपी को पकड़ा।
कानपुर में IOC प्लांट से उजागर हुआ अवैध वसूली रैकेट, सीएम योगी के दखल के बाद कार्रवाई
उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले में इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (IOC) के पनकी बॉटलिंग प्लांट में चल रहे अवैध वसूली रैकेट का पुलिस ने भंडाफोड़ किया है। यहां हर सिलेंडर लदे ट्रक से 1250 रुपये की वसूली की जा रही थी। शिकायत तब सीएम योगी आदित्यनाथ के दरबार तक पहुंची जब ट्रक चालक को स्थानीय पुलिस से कोई राहत नहीं मिली। मुख्यमंत्री ने तुरंत जांच के आदेश दिए, जिसके बाद पुलिस ने एक गुप्त ऑपरेशन चलाकर इस रैकेट का पर्दाफाश किया और आरोपियों को रंगे हाथों पकड़ लिया।
ट्रक चालक की व्यथा पहुंची CM योगी तक
मामला तब सामने आया जब दबौली वेस्ट, संतकबीर नगर निवासी ट्रक चालक संतोष कुमार ने सीएम योगी के जनता दर्शन कार्यक्रम में जाकर अपनी शिकायत दर्ज कराई। उसने बताया कि पनकी स्थित IOC बॉटलिंग प्लांट से निकलने वाले हर ट्रक से ₹1250 की वसूली की जाती है। कई बार उसने स्थानीय थाने और पुलिस अधिकारियों से शिकायत की, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। थक हारकर वह सीधे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के पास पहुंच गया। मुख्यमंत्री ने तत्काल इस मामले को गंभीरता से लेते हुए जांच के आदेश एडीसीपी वेस्ट कपिलदेव सिंह को सौंपे।
फिल्मी अंदाज में चला पुलिस का ट्रैप ऑपरेशन
मुख्यमंत्री के आदेश के बाद एडीसीपी वेस्ट कपिलदेव सिंह ने जांच शुरू की। उन्होंने दो पुलिसकर्मियों को सिविल ड्रेस में ट्रक चालक संतोष के वाहन में बैठाया। योजना के तहत ट्रक जब IOC प्लांट से निकला, तो जैसे ही वसूलीकर्ता पहुंचा, पुलिस ने उसे रंगे हाथों पकड़ लिया। आरोपी की पहचान राजस्थान के भरतपुर निवासी मोहन के रूप में हुई, जो प्लांट में मुंशी के तौर पर काम करता था। उसके पास से 1200 रुपये की वसूली की राशि भी बरामद की गई।
“साहब, ये पैसे मैं नहीं लेता...”
गिरफ्तार आरोपी मोहन ने पूछताछ में कहा, “साहब, ये पैसे मैं नहीं लेता, ये तो कंपनी के ठेकेदार किशनलाल गोयल के लिए हैं।” उसने भगवान की कसम खाते हुए दावा किया कि वह सिर्फ पैसे इकट्ठा करता है और उन्हें आगे भेजता है। पुलिस ने मोहन को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू की और उसके बयान के आधार पर पूरे नेटवर्क का खुलासा किया।
ठेकेदार और सहयोगी भी पकड़े गए
मोहन की निशानदेही पर पुलिस ने कानपुर देहात के गजनेर निवासी सुमेंद्र भदौरिया और ठेकेदार किशनलाल गोयल को भी हिरासत में लिया। देर रात तक पुलिस तीनों से पूछताछ करती रही। पूछताछ में खुलासा हुआ कि यह वसूली लंबे समय से की जा रही थी और इसमें विभाग के कुछ कर्मचारियों की मिलीभगत भी थी।
1250 रुपये प्रति ट्रक की उगाही का ‘सिस्टम’
जांच में पता चला कि IOC प्लांट से रोजाना दर्जनों ट्रक एलपीजी सिलेंडर लेकर विभिन्न एजेंसियों तक पहुंचते हैं। हर ट्रक से ₹1250 की अवैध वसूली होती थी, जिसे ‘सिक्योरिटी फीस’ या ‘लोडिंग चार्ज’ बताकर लिया जाता था। ड्राइवरों से कहा जाता था कि यह “कंपनी के कामकाज” का हिस्सा है। कई ड्राइवरों ने शिकायत करने की हिम्मत नहीं दिखाई, लेकिन संतोष कुमार ने लगातार आवाज उठाई और अंततः यह मामला मुख्यमंत्री तक पहुंच गया।
पुलिस ने दर्ज की FIR
ट्रक चालक संतोष की तहरीर पर पनकी थाने में मानेंद्र भटनागर, संतोष कुमार, किशनलाल गोयल, सुमेंद्र भदौरिया और मोहन के खिलाफ जबरन वसूली, धमकी और आपराधिक साजिश की धाराओं में FIR दर्ज की गई। पुलिस अब पूरे सिंडीकेट की जड़ तक पहुंचने के लिए कार्रवाई तेज कर रही है।
विभागीय मिलीभगत की जांच
डीसीपी वेस्ट दिनेश त्रिपाठी ने बताया कि प्राथमिक जांच में विभाग के कुछ कर्मचारियों की संलिप्तता के संकेत मिले हैं। उन्होंने कहा, “हम यह जांच कर रहे हैं कि क्या इस वसूली में किसी अधिकारी की भी भूमिका थी। पूरे मामले की तह तक जाने के लिए टीम गठित की गई है। दोषी पाए जाने पर किसी को बख्शा नहीं जाएगा।”
CM योगी की सख्त नीति का असर
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने कार्यकाल में भ्रष्टाचार और अवैध वसूली पर सख्त रुख अपनाया है। जनता दर्शन में आए इस मामूली लगने वाले ₹1250 के वसूली केस ने यह साबित कर दिया कि शासन भ्रष्टाचार के हर स्तर पर कार्रवाई के लिए तैयार है। अधिकारियों को साफ निर्देश दिए गए हैं कि किसी भी शिकायत को नजरअंदाज न किया जाए, चाहे रकम कितनी भी कम क्यों न हो।
कानपुर में पुलिस की सक्रियता से बना मिसाल
कानपुर पुलिस ने इस कार्रवाई से साबित किया कि अगर सिस्टम ईमानदारी से काम करे तो भ्रष्टाचार की सबसे छोटी जड़ तक भी पहुंचा जा सकता है। फिल्मी अंदाज में चलाए गए ट्रैप ऑपरेशन की चर्चा अब पूरे शहर में हो रही है। स्थानीय लोग पुलिस की तत्परता की सराहना कर रहे हैं।
जनता में भरोसे की बहाली
इस कार्रवाई के बाद आम जनता में एक संदेश गया है कि शिकायत करने पर अब कार्रवाई होती है। ट्रक ड्राइवरों और छोटे परिवहन कर्मियों ने राहत की सांस ली है। पनकी बॉटलिंग प्लांट के बाहर अब पुलिस की निगरानी बढ़ा दी गई है ताकि कोई दोबारा ऐसी हरकत न कर सके।

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