कानपुर में डेढ़ महीने के बच्चे को चुराने की साजिश! मां-बाप को शराब पिलाकर किया किडनैप, बेचने से पहले पुलिस ने बचाया।
गरीबी मिटाने के लिए मासूम की जिंदगी को बना डाला सौदा
उत्तर प्रदेश के कानपुर शहर में मानवता को शर्मसार करने वाला एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां एक गरीब दंपति ने गरीबी से छुटकारा पाने के लिए एक डेढ़ महीने के मासूम को बेचने की योजना बना डाली। इस साजिश को अंजाम देने से पहले आरोपी महिला और पुरुष ने मासूम के माता-पिता को शराब पिलाकर बेहोश कर दिया और फिर बच्चे को उठाकर फरार हो गए। यह सनसनीखेज वारदात कानपुर के नौबस्ता थाना क्षेत्र की है, जहां पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए मात्र कुछ घंटों में मासूम को बरामद कर लिया और आरोपी दंपति को गिरफ्तार कर सलाखों के पीछे भेज दिया।
किराए का मकान दिलाने के बहाने रची थी खौफनाक साजिश
पुलिस द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, यह घटना 12 अक्टूबर की है। आरोपी महिला और उसका पुरुष साथी घंटाघर क्षेत्र में एक मजदूर दंपति से संपर्क में आए और उन्हें झांसे में लेने के लिए उन्हें किराए का मकान दिलाने का झूठा वादा किया। उन्होंने मासूम के माता-पिता को विश्वास में लेने के लिए पहले उन्हें शराब पिलाई और जब दोनों पति-पत्नी नशे की हालत में बेहोश हो गए, तब उन्होंने मासूम बच्चे को चुरा लिया।
थाने पहुंची मां की चीख, पुलिस ने फौरन शुरू की कार्रवाई
जब पीड़ित दंपति को होश आया और उन्हें बच्चा दिखाई नहीं दिया तो उनके होश उड़ गए। वे तुरंत नौबस्ता थाने पहुंचे और बच्चे की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई। इंस्पेक्टर और उनकी टीम ने मामले की गंभीरता को भांपते हुए तुरंत कार्रवाई शुरू की। आसपास के इलाकों की सीसीटीवी फुटेज खंगाले गए और मुखबिरों की मदद से आरोपियों की तलाश शुरू हुई।
पैसे के लिए बेचने जा रहे थे बच्चा, ग्राहक से हो चुकी थी बात
पुलिस जांच में सामने आया कि आरोपी दंपति पहले से ही आर्थिक तंगी से परेशान थे। उन्हें किसी व्यक्ति से यह जानकारी मिली थी कि बिना संतान वाले दंपति नवजात बच्चों को गोद लेने के लिए बड़ी रकम देने को तैयार होते हैं। इसी लालच में उन्होंने बच्चे को चुराकर बेचने की योजना बनाई थी। उन्होंने एक संभावित ग्राहक से बात भी कर ली थी और तय कर लिया था कि बच्चा सौंपने के बाद मोटी रकम लेकर अपनी गरीबी मिटा लेंगे।
सीसीटीवी ने खोल दी पूरी पोल
जब पुलिस को कोई सीधा सुराग नहीं मिला, तब उन्होंने घटनास्थल और आस-पास के इलाकों की सीसीटीवी फुटेज खंगालनी शुरू की। इनमें से एक फुटेज में आरोपी महिला को बच्चा गोद में लेकर जाते हुए देखा गया, जो पीड़ित परिवार के बयान से मेल खा रहा था। इसके बाद पुलिस ने लोकेशन ट्रैकिंग और अन्य गुप्त तरीकों से आरोपियों की पहचान कर ली और आखिरकार उन्हें गिरफ्तार करने में कामयाब रही।
कानपुर दक्षिण पुलिस की सतर्कता से टला बड़ा हादसा
कानपुर दक्षिण पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए बच्चे को सुरक्षित बरामद कर लिया और उसके माता-पिता को सौंप दिया। बच्चे को पाकर मां-बाप की आंखों से आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे थे। डीसीपी साउथ दीपेंद्र नाथ ने खुद इस ऑपरेशन की निगरानी की और खुलासा किया कि आरोपी महिला और पुरुष उन्नाव जिले के रहने वाले हैं और उनके खिलाफ पहले से भी कई आपराधिक मामले दर्ज हैं। दोनों ही मजदूरी का काम करते हैं और आर्थिक परेशानियों की वजह से उन्होंने इस जुर्म को अंजाम दिया।
दोनों आरोपियों पर पहले से दर्ज हैं मुकदमे
जांच में यह भी सामने आया कि पकड़े गए आरोपी पहले भी विभिन्न अपराधों में संलिप्त रहे हैं। उन्नाव जिले के थानों में उनके खिलाफ कई केस दर्ज हैं। पुलिस ने उनके खिलाफ अपहरण, साजिश और बाल अपराध से संबंधित गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है और उन्हें कोर्ट में पेश कर न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है।
बच्चे की सकुशल वापसी पर पुलिस टीम को मिलेगा इनाम
इस मामले की सफलता से पुलिस महकमे में भी खुशी का माहौल है। डीसीपी दीपेंद्र नाथ ने इस केस को हल करने वाली टीम को सम्मानित करने और पुरस्कार देने की घोषणा की है। उन्होंने कहा कि यह केस यह साबित करता है कि पुलिस जब पूरी लगन और निष्ठा से काम करे तो किसी भी प्रकार का अपराध ज्यादा समय तक छुप नहीं सकता।
मासूम की जान बची लेकिन उठे कई सवाल
यह मामला सिर्फ एक अपहरण की घटना नहीं है, बल्कि यह समाज की उस हकीकत को भी उजागर करता है जहां गरीबी इंसान को इतने घिनौने कदम उठाने को मजबूर कर देती है। बच्चों की तस्करी, बाल व्यापार और अनाथ दंपतियों को नवजात की सप्लाई के लिए काम करने वाले नेटवर्क पर भी यह केस गंभीर सवाल खड़े करता है। पुलिस की तफ्तीश यह भी पता लगाने में लगी है कि कहीं आरोपी किसी बड़े गैंग का हिस्सा तो नहीं थे जो बच्चों को बेचने का रैकेट चला रहा हो।


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